Ravish Kumar : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की संपत्ति में तीन सौ फ़ीसदी की वृद्धि की ख़बर छपी। ऐसी ख़बरें रूटीन के तौर पर लगभग हर उम्मीदवार की छपती हैं जैसे आपराधिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि की ख़बरें छपती हैं। कुछ मीडिया ने अमित शाह की ख़बर नहीं छापकर और कुछ ने छापने के बाद ख़बर हटा कर अच्छा किया। डर है तो डर का भी स्वागत किया जाना चाहिए। इससे समर्थकों को भी राहत पहुँचती है वरना प्रेस की आज़ादी और निर्भीकता का लोड उठाना पड़ता। जो लोग चुप हैं उनका भी स्वागत किया जाना चाहिए। बेकार जोखिम उठाने से कोई लाभ नहीं।