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देश के सभी बड़े न्यूज चैनलों में अंबानी का पैसा लगा है!

Pushya Mitra : एनडीटीवी वाले मामले से और कुछ हुआ हो या न हो, मगर यह जरूर पता चल गया कि देश के टॉप टेन चैनलों में से शायद ही कोई बचा हो जिसमें अम्बानी का ठीक ठाक पैसा न लगा हो (NDTV में भी प्रणव-राधिका के तमाम शेयर अंबानी के पास गिरवी हैं)। इस हिसाब से राष्ट्रवादी हो, बहुराष्ट्रवादी हो या साम्यवादी हो। तकरीबन हर न्यूज़ चैनल अंततः अम्बानी न्यूज़ ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि कोई चीख कर बातें करता है तो कोई मृदुल स्वर में। कोई राष्ट्रवादियों को शेयरिंग कंटेंट उपलब्ध कराता है तो कोई उदारवादियों को।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>Pushya Mitra : एनडीटीवी वाले मामले से और कुछ हुआ हो या न हो, मगर यह जरूर पता चल गया कि देश के टॉप टेन चैनलों में से शायद ही कोई बचा हो जिसमें अम्बानी का ठीक ठाक पैसा न लगा हो (NDTV में भी प्रणव-राधिका के तमाम शेयर अंबानी के पास गिरवी हैं)। इस हिसाब से राष्ट्रवादी हो, बहुराष्ट्रवादी हो या साम्यवादी हो। तकरीबन हर न्यूज़ चैनल अंततः अम्बानी न्यूज़ ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि कोई चीख कर बातें करता है तो कोई मृदुल स्वर में। कोई राष्ट्रवादियों को शेयरिंग कंटेंट उपलब्ध कराता है तो कोई उदारवादियों को।</p>

Pushya Mitra : एनडीटीवी वाले मामले से और कुछ हुआ हो या न हो, मगर यह जरूर पता चल गया कि देश के टॉप टेन चैनलों में से शायद ही कोई बचा हो जिसमें अम्बानी का ठीक ठाक पैसा न लगा हो (NDTV में भी प्रणव-राधिका के तमाम शेयर अंबानी के पास गिरवी हैं)। इस हिसाब से राष्ट्रवादी हो, बहुराष्ट्रवादी हो या साम्यवादी हो। तकरीबन हर न्यूज़ चैनल अंततः अम्बानी न्यूज़ ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि कोई चीख कर बातें करता है तो कोई मृदुल स्वर में। कोई राष्ट्रवादियों को शेयरिंग कंटेंट उपलब्ध कराता है तो कोई उदारवादियों को।

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इस लिहाज से अखबार अभी बचे हुए हैं। दो चार बड़े अखबार ही होंगे जिनमें अम्बानी का पैसा लगा होगा। बाकी अंबानी के विज्ञापन के लिए ही मुंह जोहते रहते हैं। अखबार वाले विज्ञापन पर बिकते हैं, जबकि tv वाले परमानेंटली बिके हुए हैं, किसी रोज अंबानी इन पर कब्जा कर सकता है। अगर विज्ञापन न मिले तो अखबार वाले किसी भी रोज राजस्थान पत्रिका की तरह सीना तानकर खड़े हो सकते हैं। मगर tv वालों को छापे के दिन का इंतजार करना पड़ता है। और हां, ये सरकार के खिलाफ तो खड़े हो सकते हैं मगर अंबानी के खिलाफ खड़ा होना मुश्किल होता है। रस्मी खबरें चला देना अलग बात है।

हां, बीबीसी और स्क्रॉल डॉट इन की बात अलग है। इन दो मीडिया हाउस को आमदनी से कोई लेना देना नहीं है। इन्हें सिर्फ खर्च करना है। और खर्च करने के लिये इनके पास इफरात पैसा है। लिहाजा इनको न अम्बानी की गरज है और न ही davp-prda की। क्रांति करने के लिए ऐसी आदर्श स्थिति तो चाहिए ही होती है। बीबीसी का पैसा कहां से आता है, यह तो मालूम है। बस स्क्रॉल का सोर्स ऑफ इनकम नहीं मालूम। लगता है कोई जादुई चिराग है इनके पास।

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प्रभात खबर अखबार में वरिष्ठ पद पर कार्यरत पुष्य मित्र के उपरोक्त एफबी स्टटेस पर आए ढेरों कमेंट्स में से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं…

Alok Kumar द वायर भी

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Pushya Mitra वायर वाले तो कहते हैं, चार दोस्तों ने 1-1 लाख मिलाकर शुरू किया था।

Alok Kumar विप्रो का पैसा लगा है.. अजीम जी समेत कई घरानों ने मीडिया के लिए खास तौर पर फंड जेनरेट किए हैं.. स्टार्ट अप स्कीम के तहत भी कुछ घराने पैसा दे रहे हैं.. आइडिया दीजिए पैसा लीजिए.. खोलिए दुकान..

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Pushya Mitra और स्क्रॉल में?

Arvind Das The wire को IPSMF ने फंड किया है औरों ने भी किया है…हेल्थ बीट वगैरह के लिए वे हेल्थ सेक्टर से जुड़े संस्थानों से भी सहयोग लेते हैं…यहाँ देखिएगा…http://ipsmf.org/ एनडीटीवी में अंबानी का पैसा लगा है, यह तो पुरानी ख़बर है. Caravan ने इस पर कवर स्टोरी की थी: http://www.caravanmagazine.in/reportage/the-tempest-prannoy-radhika-roy-ndtv

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Pushya Mitra आपको सोर्स मालूम है क्या अरविंद जी? कैसे कोई पोर्टल लाखों की सैलरी बांटता है और विज्ञापन नहीं लेता है। Ipsfm की आमदनी का स्रोत क्या है?

Arvind Das जाहिर है, केवल विज्ञापन से तो अखबार भी नहीं चलता. छोटे-मोटे वेबसाइट के बारे में पता नहीं, हो सकता है राजनीतिक पार्टियों का सहयोग हो, चिट फंड कंपनियों का सहयोग हो, ब्लिडरों का सहयोग हो…लेकिन वायर या स्क्रॉल या क्विंट या कैच के बारे में जानकारी पाना मुश्किल नहीं…

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Arvind Das IPSFM के वेबसाइट पर donor की पूरी लिस्ट लगी है: DONORS.. The Foundation has received donations from the following (names in alphabetical order): The Foundation has received donations and significant commitments of donations from over a dozen individuals and charitable organizations. Donors wish to have no say in funding decisions taken by the Foundation, and have entrusted the Trustees to run the IPS Media Foundation as an independent entity with the help of an operating team.
1. Mr. Aamir Khan
2. Azim Premji Philanthropic Initiatives Private Limited
3. Mr. Cyrus Guzder
4. Ms. Kiran Mazumdar-Shaw
5. Lal Family Foundation
6. Manipal Education and Medical Group India Pvt Ltd
7. Piramal Enterprises Limited
8. Pirojsha Godrej Foundation
9. Quality Investment Pvt. Ltd.
10. Ms. Rohini Nilekani
11. Rohinton and Anu Aga Family Discretionary No. 2 Trust
12. Sri Nataraja Trust
13. Tejaskiran Pharmachem Ind. P. Ltd.
14. Unimed Technologies Ltd.
15. Viditi Investment Pvt. Ltd.

Pushya Mitra स्क्रॉल के बारे में मैं सचमुच जानना चाहता हूँ।

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Arvind Das मैंने भी कभी गौर नहीं किया, कोशिश करता हूँ या आलोक जी बताए मेहनत से बच जाऊँगा

Pushya Mitra यह फार्मूला अच्छा है। वैसे क्या ये लोग कंटेंट पर भी कंट्रोल करते हैं?

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Arvind Das पता नहीं, पर कुछ ना कुछ तो इनका say रहता ही होगा…ज्यादा कंट्रोल नहीं करते होंगे, ऐसा मुझे लगता है…

Arvind Das In India, Omidyar has invested in Scroll.in and Newslaundry.com. Madhukar admits that he’s often asked why Omidyar invested in a left-of-centre media product, Scroll.in. “When we invested in Scroll, it was just an idea. All we were promised was a compelling editorial product. We have also invested in Newslaundry and don’t know where to place it really. The genesis of our investment is agnostic of ideology,” he says. ये देखिएगा… http://www.livemint.com/Opinion/CUrOd5ytWmYd3qREoDqgdK/The-ideology-behind-media-investments.html

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Diwakar Ghosh Share Ambani k pass girbi hai ka kya saboot hai aap k pass ?koi documents ho to bataeye ,nahi to mana jayega ki aap bhi …,

Pushya Mitra अरे सर। इंडियन एक्सप्रेस में खबर छपी है, पढ़ लीजिये। बांकी मानने को तो जो मानना है मान सकते हैं। आप सर्च कीजिये। मिल जाएगा। नहीं तो मेरे पुराने पोस्ट पर लिंक है। सोर्स ऑफ इनफार्मेशन सीमित नहीं रखिये।

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Vikas Kushwaha Kha se aata hai bbc ka paisa??

Pushya Mitra ब्रिटेन की सरकार से। यह तो वहां के विदेश मंत्रालय का उपक्रम है।

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अभिषेक मिश्रा राजस्थान पत्रिका तो राजस्थान की मुख्यमंत्री की तस्वीर और नाम छापने से परहेज करता हैI

Pushya Mitra क्योंकि विज्ञापन बन्द हो गया था।

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अभिषेक मिश्रा जी और सिलसिला आज भी जारी है, लेकिन जनता सब समझती है वहां की, लिहाजा संपादकीय नीति का विरोध भी कर रही हैI

नबीन चंद्रकला कुमार अम्बानी के पास गिरवी नही है कुछ शेअर अम्बानी के पास भी है । जिसने केस किया था उसके पास भी 1-2 % शेअर है । गिरवी आईसीआईसीआई के पास था

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Pushya Mitra नवीन भाई। ठीक से पता कीजिये। अम्बानी ने 403 करोड़ का लोन इस शर्त पर दिया है कि 99.99 फीसदी शेयर गिरवी रहेंगे।

नबीन चंद्रकला कुमार अभी तक ऐसा कुछ फर्म नही आया है शगुफा चल रहा है । तरह तरह के न्युज आ रहे है ।

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Pushya Mitra अगर आपका सोर्स सिर्फ Ndtv होगा तो सब शिगूफा लगेगा। कभी कभी इंडियन एक्सप्रेस भी पढ़ना चाहिये।

नबीन चंद्रकला कुमार ना भाई जी इंडियन एक्सप्रेस न्यु इंडियन एक्सप्रेस मय पढते है। एनडीटीवी की खबर हम इस मामले में खाली आईसीआईसीआई वाला लेटर पढे है और कुछ नहीं। चलिये इसपे भी क्लेरिफिकेसन जल्दिये आ जायेगा। सच बाहर होगा।

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