आजतक की एक महिला रिपोर्टर को प्रयागराज के कुंभ में उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब उसके द्वारा उकसाए जाने पर एक साधु सरेआम नंगा हो गया. इससे शर्मिंदा महिला रिपोर्टर ने तुरंत यह कहते हुए मुंह फेर लिया कि ‘इसे न उतारिए, इसे न उतारिए’.
इसी दौरान कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे थे और यह वीडियो वायरल हो गया है. दरअसल अपने बारह साल के संकल्प के बारे में बता रहा था तो महिला रिपोर्टर ने कह दिया कि आपने तो गमछा पहन रखा है. इसी के फौरन बाद बिना कुछ कहे साधु ने गमछा हटा दिया.
इलाहाबाद के पत्रकार सुरेश पांडेय लिखते हैं-
टिवटर पर साझा किया गया एक वीडियो देखा… एक मोहतरमा रिपोर्टर नागा संन्यासी के साथ माइक लिए चल रही थीं। सवाल किया –आपने तो 12 साल का व्रत लिया है फिर शरीर पर कपड़े क्यों…
बाबा जी ने झट कपड़ा उतार दिया –दिगंबर हो गए।
यही आज के मीडिया का सच है। यह सच नहीं देखना चाहता। सच है कि सच के पास जाना जोखिम होता है, इसलिए हम सच नहीं कहते। सच नहीं बोलते। स्वांग करते हैं सच बोलने का। मेरे जैसे लोग जिन पर परिवार -घर की जिम्मेदारी होती है, इसीलिए लाट डाट डपट सब सहते हैं। रात में मर जाएं घर से दफ्तर जाते समय, किसी को कोई परवाह नहीं। आखिर नौकरी की है ना… जिसमें पहला कायदा यह है कि ना नहीं कहना है।
हां यह बात सच है कि नहीं करने वाले भी हैं मीडिया में। नवभारत में मेरे संपादक रहे श्याम बेताल जी कहते थे कि जो करता है क्यों नहीं करेगा और जो नहीं करता है वह क्यों करेगा…
सही बात है सर… आपने सच कहा था.
मैं अपना सच नहीं कह सकता आज । दूसरे का सच नहीं सुन सकता। और हां दिगंबर भी नहीं हो सकता। इसे मेरी कायरता समझ लें। वैसे कहूंगा जरूर एक दिन, शायद छह साल बाद पूर्ण कुंभ में। तब तक जिंदगी रूपी कुंभ में विषपान करता रहूंगा। अपयश रूपी।
इस वीडियो से संबंधित कुछ तस्वीरें यहां पेश हैं…