
गाजीपुर किस जुल्मी तानाशाह की जागीर है, जहां महात्मा गांधी के दिखाए डगर पर चलने की पाबंदी है?
आज जब सारी दुनिया बापू के 150 वें जन्मदिन पर उनकी अहिंसा, सत्य और सिविल नाफरमानी का परचम उठाये अलग अलग कार्यक्रम कर रही है, ऐसे में इसी बापू के देश का एक विश्व विद्यालय, काशी विश्व विद्यालय से जुड़े दस युवजन पदयात्रा पर निकले। चौरीचौरा से चलकर यह पदयात्रा राजघाट दिल्ली तक जाती।

ये दस सत्याग्रही पदयात्री गाजीपुर पहुचते ही गिरफ्तार कर लिए गए। इन पर आरोप है कि इनसे, इनकी यात्रा से शांति भंग होगी।
कल इस विषय पर हमने SDM सदर गाजीपुर से बात किया। SDM से हमने जो कहा उसका संक्षिप्त रूप यह रहा।
1- चौरीचौरा गोरखपुर जिले में है। वहां के प्रशासन ने इन सत्याग्रही पदयात्रियों से कोई बदसलूकी नहीं की, न ही गिरफ्तार किया। अचानक गाजीपुर की शांति कैसे भंग हो गई?
2- चौरीचौरा और राजघाट जंगे आजादी और बापू दर्शन से जुड़े दो पड़ाव हैं और अहिंसा के प्रतीक चिह्न। इस यात्रा के दोनों बिंदुओं से शांति भंग कैसे हो गई?
3- आपका आरोप है कि इन लोहों ने CAA के विरोध में पर्चे बांटे। जम्हूरी निजाम में असहमत होना संवैधानिक हक है। विरोध करना जायज है अगर वह शांतिपूर्ण है। गाजीपुर का प्रशासन संविधान के खिलाफ क्यों खड़ा हो रहा है?
4- जमानत के सवाल पर आप ढाई ढाई लाख की संपत्ति के दो मालिकान की मांग की है। हमने उन्हें मुचलके पर छोड़ने की बात की तो उस समय SDM सहमत हो गए।
5- इन गिरफ्तार सत्याग्रही यात्रियों की मदद के लिए विश्वविद्यालय के दो युवा छात्रनेता जो गाजीपुर में है विकास सिंह और दिवाकर भू, उन दोनों जन को हमने SDM से हुई बातचीत का हवाला दिया। लेकिन शाम होते होते SDM अपनी बात से न केवल पलट गए बल्कि एक नया नुक्ता लगा दिए कि जमानतदारों में एक राजपत्रित अधिकारी भी होना चाहिए।
6- कल रात में हमने कोशिश किया कि गाजीपुर के कई चर्चित छात्रनेता BHU से जुड़े रहे हैं, उनसे संपर्क हो जाय। आज जो विस्तार होगा उसे आप तक पहुंचाएंगे।

लेखक चंचल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं. वे जाने-माने रंगकर्मी, पत्रकार और राजनेता भी हैं. उपरोक्त कंटेंट उनके एफबी वॉल से लिया गया है.
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