नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) और इसके चार डायरेक्टर्स पर 7,269 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई है। पीएसीएल को यह रकम 45 दिनों के भीतर चुकानी होगी। सेबी द्वारा किसी कंपनी पर लगाई गई यह सबसे बड़ी पेनल्टी है। सेबी के अनुसार पीएसीएल के डायरेक्टर्स तरलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह और सुब्रता भट्टाचार्य ने लोगों से अवैध तरीके से पैसा जुटाया है। इसके चलते कंपनी पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है। ज्ञात हो पर्ल और पीएसीएलल की तरफ से ही एक न्यूज चैनल पी7 न्यूज चलाया जाता था। साथ ही कई पत्रिकाएं भी निकाली जाती थीं। बाद में कंपनी के फ्राड का खुलासा होने और कई एजेंसियों के शिकंजे में फंसने के बाद ये मीडिया हाउस बंद हो गया। यहां के कर्मचारियों ने अपने बकाया वेतन के लिए लंबा आंदोलन चलाया जिसके बाद उन्हें उनका हक मिल सका। हालांकि अब भी ढेर सारे कर्मी अपना बकाया पाने के लिए भटक रहे हैं।
पिछले साल सेबी ने पीएसीएल को पिछले 15 साल में फर्जी स्कीमों के माध्यम से जुटाए गए 49,100 करोड़ रुपए निवेशकों को वापस करने का आदेश दिया था। हालांकि इस आदेश के खिलाफ पीएसीएल ने सिक्युरिटी अपीलेट ट्रिब्युनल (सेट) में अपील की थी। लेकिन पीएसीएल की अपील को खारिज करते हुए पिछले महीने सेट कंपनी की अपील खारिज करते हुए निवेशकों को पैसा वापस करने को कहा था। सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि पीएसीएल ने पिछले एक साल में भारी मात्रा में निवेशकों से अवैध स्कीमों के माध्यम से पैसा जमा किया है। इसके चलते कंपनी का मुनाफा सिर्फ एक साल के भीतर बढ़कर 2,423 करोड़ हो गया। सेबी ने इस मामले में कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि जिस तरह कंपनी ने अवैध तरीके से पैसा जुटाया है। उसे देखते हुए अभी तक की सबसे बड़ी पेनल्टी लगाए जाने के लिए पीएलसीएल से बेहतर कोई दूसरा मामला नहीं हो सकता।
सेबी के अनुसार पीएसीएल पर उसका यह सख्त रवैया अवैध तरीके से पैसा जुटाने की कोशिश में जुटी फाइनेंस कंपनियों को एक कड़ा संदेश देगा। पिछले कुछ वर्षों में इस प्रकार की गतिविधियों में तेजी आई है। देश में लाखों लोगों की बड़ी रकम इन्हीं स्कीमों में निवेश के चलते डूब गई है। ऐसे गंभीर मामलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। सेबी के नियमों के तहत यह फर्जी तरीके से धन जुटाने वाली कंपनियों पर 25 करोड़ रुपए से लेकर उनके सालाना मुनाफे के तीन गुना तक पेनल्टी वसूलने का अधिकार है। जहां तक मौजूदा मामले का सवाल है, सेबी ने इसी नियम का पालन करते हुए कंपनी पर उसके मुनाफे की तीन गुनी पेनल्टी लगाई है।
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