मोतीलाल ओसवाल सिक्यूरिटीज के जरिए शेयर बाजार में जाएंगे तो लुट जाएंगे, पढ़िए इनका फ्रॉड

यह किस्सा मेरे एक नजदीकी मित्र के साथ ही घटा है. इस किस्से की शुरुआत किसी आम मार्केटिंग कॉल से होती है जो आपके हमारे पास सबके पास रोज आती है. 2010 की शुरुआत में किसी एक दिन यह कॉल मुंबई के नरेश बौंठियाल के पास भी आई. कॉल से सुमधुर आवाज में पूछा गया …

सहारा-सेबी सांठगांठ : इनकी नौटंकी से लाखों निवेशकों को आज तक नहीं मिली फूटी कौड़ी

प्रॉपर्टी के खरीददार नहीं मिलने का करते हैं दिखावा मुंबई। सहारा ग्रुप के मालिक घोटालेबाज सुब्रत रॉय और सेबी की सांठगांठ की वजह से उसकी अरबों की प्रॉपर्टी जब्त नहीं हो पाई है। इसकी वजह से लाखों निवेशकों को आज तक फूटी कौड़ी नहीं मिली, लेकिन सेबी के माध्यम से सरकार की भी निवेशकों के …

Sebi orders Samruddha Jeevan Foods India to repay investors money in 3 months

NEW DELHI: Markets regulator Sebi today asked Samruddha Jeevan Foods India and its directors to refund in three months money collected from investors through unauthorised cattle and goat farm schemes. The company and its directors — Mahesh Kisan Motewar, Vaishali Mahesh Motewar, Ghanshyam Jashbhai Patel and Rajendra Pandurang Bhandar — have also been barred from the capital market for four years. The Securities and Exchange Board of India (Sebi) has begun the probe after receiving complaints about the company agents promising “more than 12 per cent fixed returns and other unusual returns on investments in cattle and goat farms”.

पीएसीएल को निवेशकों का 49100 करोड़ रुपया लौटाने का आदेश बरकरार

मुंबई। भारतीय प्रतिभूति अपीलीय ट्राइब्यूनल (सैट) ने बाजार नियामक सेबी के उस आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया जिसमें प्रॉपर्टी डेवलपर पीएसीएल को निवेशकों का 49,100 करोड़ रुपया लौटाने का आदेश जारी किया गया था। सेबी ने अवैध सामूहिक निवेश योजना को लेकर पीएसीएल के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके बाद पिछले साल सेबी के आदेश के खिलाफ पीएसीएल ने ट्रिब्यूनल में अपील किया था। लेकिन ट्रिव्यूनल ने पीएसीएल की अपील खारिज करते हुए उसे सेबी के निर्देशों पर तीन महीने में अमल करने को कहा।

पीएसीएल पर सेबी ने अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना लगाया, देने होंगे 7269 करोड़ रुपये

नई दिल्‍ली। बाजार नियामक सेबी ने पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) और इसके चार डायरेक्‍टर्स पर 7,269 करोड़ रुपए की पेनल्‍टी लगाई है। पीएसीएल को यह रकम 45 दिनों के भीतर चुकानी होगी। सेबी द्वारा किसी कंपनी पर लगाई गई यह सबसे बड़ी पेनल्‍टी है। सेबी के अनुसार पीएसीएल के डायरेक्‍टर्स तरलोचन सिंह, सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह और सुब्रता भट्टाचार्य ने लोगों से अवैध तरीके से पैसा जुटाया है। इसके चलते कंपनी पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है। ज्ञात हो पर्ल और पीएसीएलल की तरफ से ही एक न्यूज चैनल पी7 न्यूज चलाया जाता था। साथ ही कई पत्रिकाएं भी निकाली जाती थीं। बाद में कंपनी के फ्राड का खुलासा होने और कई एजेंसियों के शिकंजे में फंसने के बाद ये मीडिया हाउस बंद हो गया। यहां के कर्मचारियों ने अपने बकाया वेतन के लिए लंबा आंदोलन चलाया जिसके बाद उन्हें उनका हक मिल सका। हालांकि अब भी ढेर सारे कर्मी अपना बकाया पाने के लिए भटक रहे हैं।

चिटफंड कंपनी ‘समृद्ध जीवन’ से सावधान, इसका भी हाल पीएसीएल और शारधा घोटाले वाला होने वाला है!

आजमगढ़ । समृद्ध जीवन मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज को0आपरेटिव सोसायटी के मेरठ ब्रांच के पूर्व शाखा प्रबंधक संदीप राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर समृद्ध जीवन मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज कोआपरेटिव सोसायटी के उपर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये सोसायटी देश में चल रही चिटफंड कंपनियों में अग्रणी है और इसका भी हाल पीएसीएल और शारधा चिट फंड घोटाले जैसी कंपनियों वाला होने वाला है। पीएसीएल और शारधा चिटफंड कंपनियों ने आम नागरिकों की 60 हजार करोड रुपये से भी ज्यादा की खून पसीने की कमाई को जी भर कर लूटा था। इसी कडी में अगला एपिसोड समृद्ध जीवन मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज कोआपरेटिव सोसायटी का होने वाला है। राय ने कंपनी पर आरोप लगाते हुये प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सोसायटी प्रबंधन से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है।

धन्यवाद सुप्रीम कोर्ट, शर्मनाक सुब्रतो रॉय !

आज देश की सर्वोच्च अदालत ने ठीक वही कहा, जो हम शुरू से कहते आ रहे हैं. सहारा के मालिक सुब्रतो रॉय की सबसे बड़ी धूर्ततापूर्ण बात तो यही थी कि इतनी बड़ी कम्पनी का मालिक होते हुए भी अपने आप को सहारा परिवार का मुखिया कहता था और पूरे साम्राज्य का मनचाहा इस्तेमाल करता था. 

नेटवर्क18 से रिलायंस वाले 3.1% इक्विटी हिस्सेदारी निकालेंगे

मुंबई से खबर है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट लिमिटेड में से अपनी 3.1 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी निकालने का फैसला किया है. इससे उसे 200 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है. ऐसा सेबी के उस नियम की पालना के लिए किया जा रहा है जिसके तहत किसी भी लिस्टेड कंपनी …

एनडीटीवी पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना… सेबी ने मनी लांडरिंग मामले में दोषी माना…

एक बड़ी खबर बाजार नियामक सेबी से आ रही है. एनडीटीवी पर मनी लांड्रिंग समेत कई किस्म की आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप लगे थे जिसकी सुनवाई सेबी में चल रही थी. सेबी ने इन मामलों को लेकर सूचनाएं और तथ्य छिपाने समेत कई आरोपों को सही मानते हुए एनडीटीवी को दोषी करार दिया है. सेबी ने इस कंपनी पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. न्यू देलही टेलीविजन लिमिटेड नामक कंपनी के बैनर तले एनडीटीवी 24×7, एनडीटीवी इंडिया समेत कई न्यूज चैनलों का संचालन किया जाता है. कंपनी के कर्ताधर्ता प्रणय राय और राधिका राय हैं. इन पर कई किस्म की आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगे. एनडीटीवी की तरफ से आरोपों से इनकार किया जाता रहा है. पर अब सेबी द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद से एनडीटीवी की नैतिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है. SEBI finds NDTV guilty of concealing information in money laundering matter… imposes fine of Rs. 2 crore… सेबी का आदेश यूं है…

सेबी के रिफंड खाते में 1.3 करोड़ डॉलर लाने के दावे की सहारा ने की तरफदारी

नई दिल्ली : सेबी के साथ लंबे समय से कानूनी विवाद में उलझे सहारा ग्रुप ने अमेरिकी अदालत के सामने नियामक के समक्ष संकट ग्रस्त समूह की कॉर्पोरेट जेट बेचने से मिली करीब 1.3 करोड़ डॉलर की राशि वापस लाने के दावे का समर्थन किया है। समूह ने इस मामले में सेबी के सक्रिय योगदान की भी प्रशंसा की, जो भारत में एक मुकदमे के बाद सहारा समूह के स्वामित्व वाले कॉर्पोरेट जेट की बिक्री के अदालती अदेश से जुड़ा है और एस्क्रो खाते में रखी राशि के वितरण पर विचार के लिए रिसीवर (मुकदमे से जुड़ा संपत्ति का सरकारी प्रबंधक) नियुक्त किया गया था। 

अमर उजाला का एक और कारनामा : सेबी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में अहम जानकारियों को छिपाया, रविंद्र ने आपत्ति दर्ज कराई

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की नार्दर्न रीजनल ऑफिस के क्षेत्रीय प्रबंधक को लिखे एक पत्र में अमर उजाला धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) के सीनीयर एडिटर रविंद्र अग्रवाल ने बताया है कि अखबार के संबंधित ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस में न्यायिक विवाद से जुड़ी अहम जानकारी को छिपाया गया है। साथ ही मीडिया कर्मियों के लिए घोषित मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवज्ञा संबंधी तथ्यों का भी उल्लेख नहीं किया गया है। फैसले के तहत अमर उजाला पर अपने संस्थान के कर्मचारियों की करोड़ों रुपये की देनदारी है। अखबार ने इस भुगतान से बचने के लिए अपनी सभी यूनिटों को अलग-अलग दर्शाया है, जो कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 की धारा 2-डी के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है और इसी को लेकर कोर्ट में विवाद लंबित है। अमर उजाला ने गंभीर वित्तीय अनियमितता के साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है। इसलिए अमर उजाला को आईपीओ की इजाजत देने से पहले सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के निर्णय का इंतजार किया जाए। 

रविंद्र अग्रवाल के पत्र (दो पृष्ठों में) की फोटो प्रति इस प्रकार है –

प्रोस्पेक्टस पर दर्ज रविंद्र अग्रवाल के आपत्ति-पत्र का पृष्ठ-एक 

अमर उजाला ने आईपीओ लाने के लिए मांगी सेबी से इजाज़त

मुंबई : हिंदी दैनिक अमर उजाला की प्रकाशक कंपनी, अमर उजाला पब्लिकेशंस ने शुरुआती पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए धन जुटाने के वास्ते पूंजी बाज़ार नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) जमा करा दिया है। इस ऑफर में 50 करोड़ तक नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि कंपनी के प्रवर्तक राजुल माहेश्वरी, स्नेहलता माहेश्वरी और पन अंडरटेकिंग्स नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड अपने 26.9 लाख (26,90,234) शेयरों को बिक्री (ओएफएस) के लिए पेश करेंगे। ओएफएस से मिली रकम सीधे संबंधित शेयरधारकों को मिल जाएगी और कंपनी का उसका कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। वहीं नए शेयरों से मिली शुद्ध रकम का इस्तेमाल अमर उजाला विस्तार के लिए प्रिंटिंग मशीनों व होर्डिंग्स की खरीद और अपनी एक सब्सिडियरी में निवेश के लिए करना चाहता है। 

हाई कोर्ट का आदेश- सहारा क्यू शॉप के खिलाफ शिकायत की सेबी जांच करे

चिटफंडियों के खिलाफ देश में चल रहे अभियान में एक बड़ी सफलता उस वक्त मिली जब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) को आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा सहारा क्यू शॉप अग्रिम तथा बॉण्ड जारी किये जाने के सम्बन्ध में दी गयी शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं. जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस राकेश श्रीवास्तव की बेंच ने कहा कि इन शिकायतों की जांच न्यायहित में आवश्यक है और उन्होंने सेबी को इन लोगों द्वारा प्रस्तुत प्रत्यावेदन को तीन माह में निस्तारित करने के आदेश दिए.

Zee Media gets Sebi’s nod for Rs 200 crore rights issue

Zee Media Corporation has received capital market regulator Sebi’s approval to raise up to Rs 200 crore through rights issue. In a rights issue, shares are issued to existing investors in line with their holding at pre-determined price and ratio. The company had filed its application with the capital market regulator for the proposed rights issue in January through its lead merchant banker Axis Capital Ltd.

Sebi seeks clarification on Zee Media’s Rs 200 cr rights issue

The Securities and Exchange Board of India (Sebi) has sought clarification from the merchant banker of Zee Media Corp on the firm’s proposed Rs 200-crore rights issue. Without disclosing the details, Sebi has said “clarifications (are) awaited from lead manager” for the proposed rights issue. In a rights issue, shares are issued to existing investors in line with their holding at pre-determined price and ratio.

‘PACL’ की असलियत : परिपक्वता अवधि पूर्ण होने के बाद भी एजेंट का लाखों रुपये दाबे बैठी है कंपनी

लगता है पीएसीएल कंपनी भी धराशाई होने की कगार पर है. यही कारण है कि यह कंपनी अपने निवेशकों का धन उन्हें परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद लौटा नहीं रही है. भड़ास4मीडिया को भेजे एक मेल में पीएसीएल के एक निवेशक सुरेंद्र कुमार पुनिया ने बताया है कि उनका इस कंपनी में एजेंट कोड Agent Code 1950022771 है. इनके कुल आठ एकाउंट हैं जिसमें कुल चार लाख रुपये यानि 4,00,000/- जमा हैं. इनकी परिपक्वता अवधि दिसंबर 2013 और जनवरी-फरवरी 2014 थी. पर कंपनी पैसे लौटाने में आनाकानी कर रही है. सुरेंद्र ने PACL Amount Refund मामले में भड़ास से दखल देने की गुजारिश की है.

सहारा की कई कंपनियां आज भी मार्केट से पूंजी उठाने में जुटीं हैं… कहां है सेबी?

चिटफंड कम्पनी टिम्बरवर्ल्ड के खिलाफ निर्णय सुनाते हुए दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट ने सेबी के हुक्मरानों को भी खरी-खरी सुना दी. कोर्ट ने कहा है कि यदि नियामक संस्थाओं ने सुस्ती या लापरवाही न दिखाई होती और समय पर सख्त कार्यवाई की होती तो आज निवेशकों के करोड़ों रुपये डूबने से बच जाते. कोर्ट ने कम्पनी पर 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है. इस कम्पनी ने नियमों की कमजोरी का फायदा उठाते हुए बाजार से सामूहिक निवेश के जरिये 22 करोड़ रुपये उठाये और फिर अन्य चिटफंड कम्पनियों की तरह कभी वापस नहीं किया.

घोटालेबाज प्रफुल्ल माहेश्वरी के खिलाफ सेबी की तरफ से गिरफ्तारी वारंट जारी करने की तैयारी

ऐसी खबर है कि देश की प्रमुख समाचार एजेंसी यूएनआई के चेयरमैन प्रफुल्ल माहेश्वरी के खिलाफ सेबी की तरफ से गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है. प्रफुल्ल माहेश्वरी पर एनबी प्लांटेशन के नाम से करोड़ों की अवैध वसूली का आरोप है. चेयरमैन प्रफुल्ल माहेश्वरी एनबी प्लांटेशन के डायरेक्टर रह चुके हैं. सेबी वही सरकारी एजेंसी है जो सहारा और शारदा चिट फण्ड के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है.

बिहार में पीएसीएल के चार ठिकानों पर छापेमारी, बैकडेट में जमा करा रहे थे पैसे

बिहार में ‘जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम’ के तहत पहली बार आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने पर्ल एग्रो टेक कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) के खिलाफ कार्रवाई की है. इओयू ने कंपनी के पूर्णिया, वैशाली, सासाराम और बिहारशरीफ स्थित कार्यालयों पर छापेमारी कर करीब 20 लाख रुपये नकद बरामद किया और कुछ कार्यालय संचालकों और प्रबंधकों को गिरफ्तार किया. चारों जिलों में कंपनी के नौ निदेशकों सह प्रमोटरों पर एफआइआर दर्ज की गयी है.

सहारा समूह ने 17,000 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के लिए फर्जी इनवेस्टर बनाए!

एक बड़ी सूचना प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों के हवाले से आ रही है कि सहारा समूह ने मनी लांड्रिंग के लिए ढेर सारे फर्जी निवेशक बनाए. इस आशंका / आरोप की जांच के लिए सेबी ने कहा था जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय हो गया है. सेबी ने ईडी को फर्जी निवेशकों के बारे में अपने पास मौजूद समस्त जानकारी दे दी है. सेबी ने सहारा मामले में जांच की रिपोर्ट भी ईडी को सौंप दी है. सेबी रिपोर्ट के आधार पर पीएमएलए कानून के उल्लघंन का मामला बनाएगी.  ईडी जानबूझ कर बनाए गए फर्जी निवेशकों की जांच कर रहा है.

सेबी का आदेश- पीएसीएल नामक कंपनी के पास कोई मान्यता नहीं, जनता पैसा न लगाए

सेबी ने अखबारों में विज्ञापन निकालकर आम जन को आगाह किया है कि वे पी7न्यूज चैनल चलाने वाली कंपनी / समूह ‘पीएसीएल’ नामक कंपनी में एक भी पैसा न लगाएं क्योंकि इस कंपनी के पास किसी तरह का कोई लाइसेंस या मान्यता नहीं है. सेबी का कहना है कि जो कोई भी इस कंपनी में पैसा लगाएगा या लगाए हुए है, वह खुद जिम्मेदार होगा और इसका जोखिम वह खुद झेलेगा. जनहित में जारी विज्ञापन की कटिंग इस प्रकार है…

4600 सहारा निवेशकों ने की रिफंड की मांग

नई दिल्ली। सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लगभग 4600 निवेशकों ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमयन बोर्ड (सेबी) से रिफंड के लिए आवेदन किया है। सेबी का आरोप है कि सहारा समूह की दो कंपनियों ने निवेशकों से तकरीबन 24 हजार करोड़ रूपए जुटाए हैं और ये धन निवेशकों ने नहीं लौटाया जा रहा है। सेबी का कहना है कि सहारा समूह ने फर्जी निवेशकों के बेनामी दस्तावेज तैयार किए हैं और यह धन वास्तव में किसी और का है।

भंगू, भट्टाचार्या समेत पीएसीएल के नौ प्रमोटरों-डायरेक्टरों के खिलाफ फ्राड-चीटिंग का मुकदमा चलेगा

पहले सीबीआई की रेड, फिर इनकम टैक्स की मार और अब सेबी का प्रहार. एक के बाद एक झटकों से चिटफंड कंपनी पीएसीएल का धंधा चरमराने की कगार पर आ गया है. निवेशकों में आशंका व्याप्त हो गई है. सेबी के ताजे आदेश के बाद पीएसीएल के नौ प्रमोटरों-डायरेक्टरों के जेल जाने की नौबत आ गई है. सेबी ने पीएसीएल के निर्मल सिंह भंगू, सुब्रत भट्टाचार्या, तरलोचन सिंह, गुरमीत सिंह, सुखदेव सिंह, गुरनाम सिंह, आनंद गुरवंत सिंह, उप्पल देविंदर कुमार और टाइगर जोगिंदर के खिलाफ फ्राड, चीटिंग आदि का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. सेबी के 92 पेजी आदेश पर आधारित एक संक्षिप्त खबर इस प्रकार है…

सुब्रत राय की राह पर निर्मल सिंह भंगू… SEBI ने दिया आदेश- निवेशकों को 50 हजार करोड़ रुपये PACL लौटाए

लगता है सहारा के बाद अब पीएसीएल का नंबर है. सुब्रत राय की तरह निर्मल सिंह भंगू पर भी जेल जाने की तलवार लटकने लगी है. भले ही भंगू के जेल जाने में अभी देर हो. पर इतना तो तय है कि सेबी की सक्रियता से चिटफंड के धंधेबाजों में दहशत का माहौल है. बाजार नियामक सेबी ने गैरकानूनी रूप से निवेशकों से धन जमा करने के मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए पीएसीएल लिमिटेड की मनी पूलिंग स्कीम पर रोक लगा दी है. आकलन के मुताबिक करीब 50 हजार करोड़ की रकम जुटाने वाली इस स्कीम के निवेशकों को उनकी रकम तीन हफ्ते के भीतर लौटाने का सेबी ने कंपनी को दिया है.

Nirmal Singh Bhangoo