रजत अमरनाथ-
इधर zee के सुभाष चंद्रा राज्यसभा चुनाव हारे और उधर सुधीर चौधरी ने ज़ी न्यूज़ से रिजाइन दे दिया। सुधीर चौधरी क्या सुभाष चंद्रा के लिए ढंग से राज्यसभा चुनाव की लॉबिंग नहीं कर पाए?
70 लाख टि्वटर पर फॉलोअर्स 27 लाख फेसबुक पर फॉलोअर्स 7 लाख इंस्टाग्राम के फॉलोअर्स! खुद की यह ताक़त देखते हुए जी न्यूज़ चैनल के सी ई ओ और एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने ज़ी न्यूज़ टीवी चैनल से इस्तीफा दे दिया और अब वह अपना “डीएनए” अपने हिसाब से कहीं और बनाएंगे।
इस्तीफा देते हुए सुधीर चौधरी ने यह बात ज़ी टीवी के मालिक सुभाष चंद्रा को मेल करके कही जिसके बाद सुभाष चंद्रा ने अपने एचआर को हिदायत दी कि मैंने सुधीर को समझाने की कोशिश की लेकिन वह अपना ही कोई काम बड़े रूप पर करना चाहता है यह देखते हुए मैं सुधीर चौधरी को उनके भविष्य की कामना करते हुए इस्तीफा स्वीकार करता हूं और जितना जल्द हो सके एकाउंट डिपार्टमेंट उनका हिसाब कर दे।
ऐसा क्या हुआ कि सुभाष चंद्रा के राज्यसभा का चुनाव हारते ही सुधीर चौधरी ने इस्तीफा दे दिया… क्या सुधीर चौधरी सुभाष चंद्रा की लॉबिंग नहीं कर पाए या फिर कोई और बड़ी वजह है?
वैसे तो सुधीर चौधरी से पहले भी कई पत्रकारों ने अपने फॉलोअर्स के दम पर अलग दुनिया बसाई। हाथ रगड़ रगड़ कर मशाल जलाने वाले पत्रकारों ने भी इस्तीफा दिया और अपना काम शुरू किया। मोदी विरोधी दूसरे पत्रकारों ने भी अपना रास्ता अपनाया। लेकिन आज वह कितने कामयाब या कितने नाकामयाब है, यह भी सुधीर चौधरी जानते होंगे।
सुधीर चौधरी के साथ मैंने भी कई साल काम किया है। 5 साल ज़ी न्यूज़ में तो 3 साल सहारा समय न्यूज़ चैनल में। सुधीर चौधरी को काफी नजदीक से देखा है। हम भी उसे उसके उज्जवल भविष्य की बधाई देते हैं और उससे उम्मीद करते हैं कि अपने नए “DNA” ना तो किसी बेबस टीचर उमा खुराना के कपड़े अपनी टीआरपी के लिए सड़क पर फटवाएंगे और ना ही अपने मालिकों के लिए करोड़ों रुपए की ब्लैकमेल के जरिए उगाही करेंगे।
इतना ही नहीं अपनी खबरों के जरिए लोगों को यह भी नहीं बताएंगे की नोटों में चिप होता है जिसका मजाक अमिताभ बच्चन तक उड़ा रहे हैं। वैसे तो सुधीर चौधरी सहारा में थे तो उनके ऊपर समाजवादी रंग था। उसके बाद उनके ऊपर कांग्रेसी रंग भी रहा। लेकिन लोगों तक यह बात नहीं बता पाए लेकिन जब उन्होंने ज़ी न्यूज़ के लिए DNA बनाया तो उन्होंने खुलेआम बता दिया कि उन्होंने पैंट के अंदर खाकी निक्कर डाल रखी है। एक पत्रकार की तरह नहीं, सुधीर चौधरी एक प्रवक्ता की तरह जनता को खबरें देते थे।
हो सकता है शायद इन्हीं कारणों की वजह से सुधीर चौधरी कहीं आधिकारिक तौर पर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के प्रवक्ता पद की भरपाई के लिए बीजेपी ना जॉइन कर रहे हों। नए वेंचर अपने वेंचर का तो ज़ी न्यूज़ से निकलने का बहाना भर हो जिस तरह महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार से निकलने के लिए शिवसेना ने किया… आने वाला वक्त बताएगा कि सुधीर चौधरी किस करवट बैठेगा..