यौन शोषण मामले में दैनिक जागरण के चार वरिष्ठ पदाधिकारी 13 नवंबर को कोर्ट में तलब

दैनिक जागरण कानपुर में कार्यरत रहे चार वरिष्ठ पदाधिकारी दैनिक जागरण की ही एक महिला कर्मी के यौन शोषण के मामले में तेरह नवंबर को कोर्ट में तलब किए गए हैं. इसके पहले 10 अक्टूबर को कोर्ट में डेट लगी हुई थी लेकिन चारों कर्मी हाजिर नहीं हुए. इसके बाद जज ने अगली तारीख 13 नवंबर दी है. अगर ये लगातार गैर-हाजिर रहते हैं तो इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो सकता है. अगर तब भी पुलिस के हत्थे न चढे़ तो कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है.

कोर्ट ने दैनिक जागरण को लगाई फटकार, रोज होगी मजीठिया की सुनवाई

कानपुर से मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे मीडियाकर्मियों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. आज कानपुर लेबर कोर्ट ने दैनिक जागरण समूह की कंपनी जागरण प्रकाशन लिमिटेड को कड़ी फटकार लगाई. आज मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुनवाई थी. सुनवाई के दौरान जब जागरण प्रकाशन का नंबर आया तो जागरण प्रकाशन की तरफ से कोई मौजूद नहीं था. वकील ने कोर्ट से अगली तारीख देने की अप्लीकेशन लगा दी.

दैनिक जागरण, कानपुर का एक वरिष्ठ अधिकारी सड़क पर घूम-घूम कर गाड़ियां चेक कर रहा!

A senior official of dainik jagran Kanpur is checking vehicles

A senior high rank official posted in Dainik jagran head office Kanpur now a days on an extra duty. He has self pro claimed FLYING SQUAD,  who stop four wheelers on roads, if DAINIK JAGRAN Sticker is pasted on vehicle wind screens. Actually, he want to prove himself as most loyal employee to Dainik jagran prakashan owners. On Saturday, he stopped a commercial Ola cab. He overtook cab on mall road in such a way that cab escaped from a major accident.

इस आडियो टेप के कारण चली गई अंकित पांडेय की नौकरी, आप भी सुनें

दैनिक जागरण कानपुर में कार्यरत अंकित पांडेय की नौकरी चली गई, वजह बना एक आडियो टेप. इस टेप में अंकित बहुत सारी बातें करते हुए दिख रहे हैं. हालांकि ये बातें कुछ भी अलग नहीं है क्योंकि आमतौर पर रिपोर्टर अपने बासेज के बारे में फील्ड में अपने भरोसेमंद लोगों से ऐसे ही बतियाता है, भड़ास निकालता है.

दैनिक जागरण मजीठिया का लाभ कर्मचारियों को नहीं देगा! हिंदुस्तान, अमर उजाला और सहारा ने भी चली चाल

खुद को देश का नंबर वन अखबार बताने वाले दैनिक जागरण के कानपुर प्रबन्धन ने अपने कर्मचारियों को जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने से साफ़ तौर पर पलटी मार लिया है। यही नहीं कानपुर से प्रकाशित हिंदुस्तान और अमर उजाला तो यहाँ तक दावा कर रहे हैं कि वह अपने कर्मचारी को मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ दे रहे हैं। कानपुर से प्रकाशित राष्ट्रीय सहारा और आज अखबार ने अपने आर्थिक हालात का रोना रोते हुए मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने से इनकार कर दिया है।

सनातन धर्मी मानसिकता वाला दैनिक जागरण संकिसा बौद्ध स्तूप को टीला लिखता है ताकि बौद्ध अनुयायी अपमानित हो सकें

: संकिसा बौद्ध महोत्सव की झूठी खबर छापने से बौद्ध अनुयायियों में रोष : फर्रूखाबाद। विश्व प्रसिद्ध संकिसा बौद्ध पर्यटक स्थल पर आयोजित विशाल महोत्सव के बारे में दैनिक जागरण द्वारा झूठी खबर छापे जाने से बौद्ध अनुयायियों में रोष व्याप्त हो गया है। कानपुर से प्रकाशित दैनिक जागरण के फर्रूखाबाद संस्करण के आज 23 अक्टूबर के समाचार पत्र के पेज नम्बर 2 पर (बयानबाजी से संकिसा में माहौल गर्माया शीर्षक) समाचार प्रकाशित किया गया है। खबर धम्मा लोको बुद्ध बिहार के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य के हवाले से प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य एस अश्वघोष 26 अक्टूबर को अशोक स्तम्भ का अनावरण करेंगे।

दैनिक जागरण कानपुर में यौन शोषण प्रकरण : पीड़िता बीना शुक्ला ने मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करा दिया बयान, सभी आरोपियों का नाम लिया

दैनिक जागरण, कानपुर में जिस महिला बीना शुक्ला का यौन शोषण किया गया, उसने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा दिया है. उसने इस मामले के सभी आरोपियों का नाम लिया और इन पर आरोपों को दुहराया. इस कवायद से पुलिस द्वारा कई आरोपियों को बचाने और मामले की लीपापोती करने के अभियान पर ठंढा पानी पड़ गया है. माना जा रहा है कि अगर सब कुछ निष्पक्ष तरीके से हुआ और मामले की सुनवाई बिना दबाव के की गई तो सारे आरोपी जेल में होंगे.

वाह रे दैनिक जागरण का रिपोर्टर… इन महोदय को रोस्टिंग और शेड्यूल में फर्क ही नहीं पता

खुद को देश का सर्वाधिक प्रसारित दैनिक समाचार पत्र कहने वाले दैनिक जागरण का कानपुर में ही हाल बेहाल है। यहां संपादक राघवेंद्र चड्ढा व लोकल चीफ प्रवीन शर्मा की जोड़ी संपादकीय का बंटाधार करने में लगी है। दोनों के अपने कुछ प्रिय रिपोर्टर हैं। जो चाहे जो कुछ लिखें, वही महत्व के साथ छपेगा। १० अगस्त के कानपुर महानगर संस्करण के पेज ७ में प्रकाशित बाटम स्टोरी को पढ़ कर पाठकों से अपना सिर थाम लिया।