अखिलेश सरकार के प्रभावशाली मंत्री पर शाहजहांपुर के एक ईमानदार पत्रकार जागेन्द्र सिंह को खरीदने में विफल रहने पर पुलिस के हाथों उसे जिन्दा फूंकवाने का आरोप था जिसकी निष्पक्ष जाँच सीबीआई से कराने के लिए मैंने सर्वोच्च न्यायालय से अर्जी देकर माँग की थी। पर उसे न्याय नहीं मिला और जाँच के नाम पर स्थानीय पुलिस ने सिर्फ लीपापोती कर अन्तिम रिपोर्ट में सबको बरी कर दिया जबकि जागेन्द्र ने खुद अपने मृत्युपूर्व बयान में इस जघन्य कांड के लिए मंत्री और पुलिस के बीच नापाक साजिश को बेनक़ाब किया था।