दैनिक जागरण ने फिर एक खबर छोड़ दी है और उसने जनहित से किनारा कर यह साबित कर दिया है कि उसे जनहित से कोई सरोकार ही नहीं है, भले ही वह जनहित जागरण के जरिये लोकहित का कितना भी ढोल पीटे। वैसे इस खबर को दूसरे कई अखबारों ने भी नहीं छापा है, लेकिन दैनिक जागरण में इस खबर का न छपना यह साबित करता है कि उसका जनहित का नारा ढोंग ही है। उसे तो सिर्फ अपनी दुकान चलाने से मतलब है। शायद यही वजह है कि पाठकों का एक बहुत बड़ा वर्ग दैनिक जागरण से किनारा करने लगा है।
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दैनिक जागरण में एक खबर रिपीट तो एक छूटी
आइए आपको दिखाते हैं दैनिक जागरण में विष्णु त्रिपाठी के चिंटुओं, मिंटुओं और चिंदीचोरों का एक कारनामा। नोएडा संस्करण में भाई लोगों ने एक ही खबर को दो बार छाप दिया है, जबकि नोएडा के इंदिरा गांधी कला केंद्र में पुलिस, पत्रकार और समाज की चिंताओं पर गहन चिंतन के लिए आयोजित एक जोरदार कार्यक्रम की नोएडा संस्करण में कोई कवरेज ही नहीं आई। उस कार्यक्रम में लोकतंत्र के तीन स्तंभों के दिग्गज जुटे थे। बदलते जमाने के अखबार में ऐसी जड़ता क्यों। जो खबर रिपीट हुई है, उसका शीर्षक है-”शहर में व्यावसायिक इस्तेमाल पर जब्त होगी ट्रैक्टर ट्राली”। यह खबर नोएडा संस्करण के पुलाउट पेज-चार और आठ पर छपी है।
‘आईनेक्स्ट’ की खबर पर पाठक ने संपादक को भेजी लानत और जमकर लगा दी फटकार
मंगलवार को दैनिक जागरण के ‘बच्चा अखबार’ आईनेक्स्ट ने तो हद ही कर दी। कल उत्तर प्रदेश के डीजीपी ए.के. जैन को एक्सटेंशन मिला। सभी अखबारों में बड़ी-बड़ी खबरें छपीं, लेकिन आईनैक्स्ट लखनऊ ने लिखा है कि आज़ादी के बाद ये पहले ऐसे डीजीपी हैं, जिन्हें एक्सटेंशन मिला है।
‘राजस्थान खोज खबर’ में एक और पत्रकार की नौकरी गई
बाड़मेर : पत्रकारों से काम करवाकर उन्हें सैलेरी न देना और जलील कर नौकरी से हटा देना राजस्थान खोज खबर की पुरानी आदत है। एक और पत्रकार को इसी तरह सेवामुक्त कर दिया गया है। इस बार पत्रकार तरुण मुखी पर राजस्थान खोज खबर की बिना किसी पूर्व सूचना के गाज गिरी है। पीड़ित पत्रकारों …