देखो महाप्रभुओं! देख लो, इस बुजुर्ग पत्रकार की दुर्दशा

इलाहाबाद। देखिये, इस तस्वीर को जरा गौर से देखिये। दहाड़ें मारकर रोते, माथा पीटते सामने दिख रहे हैं बुजुर्ग पत्रकार रामदेव मिश्र। उसके थोड़ी ही दूर सहमे और हतप्रभ दशा में खड़े थे उनके दो पोते और एक नातिन। रामदेव ने अपना इकलौता बेटा और बहू तो इन तीन मासूम बच्चों ने अपने माता पिता को हमेशा-हमेशा के लिए एक सड़क हादसे में खो दिया। बुजुर्ग पत्रकार रामदेव मिश्र और मासूम उम्र के रामदेव के दो पोते और एक पोती। इस परिवार के आगे अंधेरा ही अंधेरा।

अमरेश की सड़क हादसे में मौत हुई या उनकी हत्या की गई?

इलाहाबाद। क्या कौशांबी के युवा पत्रकार अमरेश मिश्र की बाइक में टक्कर मारने वाला वाहन पुलिस का था। बेकाबू वाहन की जोरदार टक्कर का नतीजा था अमरेश की मौत। फिलहाल, जो खबर छनकर बाहर आ रही है उससे से तो यही लग रहा है। सूत्रों का दावा है कि जिस वाहन से टक्कर लगी वो सफेद कलर की स्कार्पियो थी। उस पर दो दारोगा सवार थे। ऐसे में इस संदेह को भी बल मिलने लगा है कि कहीं जानबूझकर तो हादसे को अंजाम नहीं दे दिया गया।

इलाहाबाद के पत्रकार शिवाशंकर पांडेय को पत्रकारिता गौरव सम्मान

इलाहाबाद। पत्रकारिता क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए शिवाशंकर पांडेय को बायोवेद मर्यादा पुरूषोत्तम पत्रकारिता गौरव सम्मान के लिए चयन किया गया है। पच्चीस साल से पत्रकारिता से जुड़े श्री पांडेय दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिन्दुस्तान अखबारों में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कई साल तक कार्य कर चुके हैं।