नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के निजी सचिव और आईएएस अफसर मोहम्मद शाहिद का स्टिंग दिखाने वाले पत्रकार अशोक पांडेय को केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव को उत्तराखंड सरकार से पूरी जानकारी लेने को भी कहा है। स्टिंग दिखाने वाले पत्रकार अशोक पांडेय को उत्तराखंड सरकार अब तरह-तरह से तंग कर रही है।
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मुख्यमंत्री के पीए का स्टिंग करने वाले अशोक पांडेय को भी तो जानिए
मैं यह नहीं कहता कि अशोक पांडेय ने जो स्टिंग किया वह फर्जी है, लेकिन लोगों को यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर अशोक पांडेय हैं कौन। मूलतः उत्तर प्रदेश उन्नाव के रहने वाले अशोक पांडेय ने कुछ साल पहले ही उन्नाव में नया प्राइवेट डिग्री कालेज खोला था। तब पांडेय जी समाचार पत्र दैनिक हिन्दुस्तान की कानपुर यूनिट में स्थानीय सम्पादक थे। मुझे नहीं मालूम कि एक डिग्री कालेज खोलने में कितनी लागत लगती है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या एक पत्रकार अपनी पत्रकारिता की कमाई से डिग्री कालेज खोल सकता है…। खैर आगे बढ़ते हैं।
उत्तरांचल पुलिस वाले के सामने हाथ जोड़े हुए पत्रकार अशोक पांडेय
उत्तराखंड : सीएम ने झूठ बोला, आरोपी आईएएस पर कोई कार्रवाई नहीं, दूसरे दागदार आइएएस को सौंप दी जांच
वाह रे उत्तराखंड सरकार और यहां के मुख्यमंत्री हरीश रावत! शराब और खनन माफिया के साथ सीएम रावत व उनकी चंडाल चौकड़ी के मायाजाल के स्टिंग में शर्मनाक आचरण के आरोपी, उनके निजी सचिव मोहम्मद शाहिद (आईएएस) का अब तक बाल भी बांका नहीं हुआ। मात्र 10 दिन पहले कांग्रेस आलाकमान को रावत ने आश्वस्त किया था कि स्टिंग आपरेशन के कुछ ही घंटों में उन्होंने अपने निजी सचिव को सस्पेंड कर दिया है लेकिन उनका यह ऐलान झूठा निकला। शाहिद का सिर्फ विभाग बदला है। अब सीएम रावत स्टिंग की जांच के नाम पर उत्तराखंड की जनता को ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी की आंखों में धूल झोंकने की शर्मनाक कोशिशों में जुट गए हैं।
उत्तराखंड : एक भ्रष्ट अफसर का आखिरी वक्त तक गुणगान करता रहा बेशर्म मीडिया
उत्तराखण्ड के 15 साल बता रहे हैं कि उसे अपना समझने की हिमाकत न तो राज्य सत्ता ने की है और न ही नौकरशाहों ने। सब ने उसे खाला का घर बना दिया है। जहां, जब तक डट सकते हो, डटे रहो। एक मुख्य सचिव बी आर एस के नाम पर सूचना आयुक्त बन 5 साल का जुगाड़ कर लेता है, तब दूसरा आता है और फिर तीसरा, संघर्ष और शहादतों से लिए राज्य में ये तमाशा क्या है?
सीएम रावत अपने ही जाल में फंसे, आपदा राहत घोटाले पर मुख्य सचिव की लीपापोती
देहरादून (उत्तराखण्ड) : आपदा राहत घोटाले में मुख्य सचिव से क्लीन चिट लेकर प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद अपने ही जाल में फंस गये हैं। भाजपा प्रवक्ता बलराज पासी ने आपदा घोटाले की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्य सचिव ने अधिकारियों और सरकार को बचाने के लिए लीपापोती की है। हम विधानसभा सत्र के दौरान इस मामले की सीबीआई जांच की मांग उठाएंगे।
समाज में जारी रहेगा पत्रकारिता का मिशन : मनोज रावत
देहरादून : पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में आईएफडब्लूजे की प्रदेश इकाई स्टेट यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट एवं जनजागरण अभियान समिति के संयुक्त तत्वावधान में मीडिया पर विचार मंथन किया गया। इस मौके पर स्टेट यूनियन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट के प्रदेश महासचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार मनोज रावत ने कहा कि आज भी समाज में पत्रकारिता का मिशन जारी है।
उत्तराखंड में खनन माफिया बेलगाम, दो पत्रकारों पर किया जानलेवा हमला
रामनगर (उत्तराखंड) : खनन माफिया राज्य में बेलगाम हैं। आये दिन ग्रामीणों पर हमले हो रहे हैं। कई बार पुलिस वालों पर भी हमला कर चुके हैं। हालात यह हैं कि अवैध खनन पर विधान सभा में तनातनी के समय मुख्यमंत्री नाम खोलने की बात कहते हैं लेकिन इस पर बोलते-बोलते नामों पर आकर उनकी बोलती बंद हो जाती है। चारों ओर माफिया का राज है। राज्य सरकार माफिया के दबाव में है इसे सर्वत्र अनुभव किया जा रहा है। हजारों-हजार एकड़ जमीनों को उजाड़कर दिन-रात खनन किया जा रहा है। इससे पर्यावरण, खेती और समाज को भारी हानि हो रही है, इस अनैतिक कार्य के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है उसे माफिया के कोप का भाजन बनना पड़ता है।
खनन माफिया के हमले में घायल पत्रकार अधिवक्ता प्रभात ध्यानी का इलाज करते चिकित्सक