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ओडिशा के 104 साल पुराने ‘दि समाज अखबार’ के बोर्ड सदस्य प्रवास आचार्य पर धोखाधड़ी की एफआईआर

कन्हैया शुक्ला-

लोकसेवक मंडल का जनरल सेक्रेटरी भी है प्रवास, फरार होकर केस वापसी के लिए महिला को धमकाय, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुप्पी साधी, कार्यकारिणी बैठक निरस्त

नई दिल्ली/कटक। ओडिशा के 104 साल पुराने अखबार ‘दि समाज’ की संचालक संस्था लोक सेवक मंडल के राष्ट्रीय महासचिव एवं समाज संचालन बोर्ड के सदस्य प्रवास आचार्य के खिलाफ कटक के कैंट थाना समाज रिलीफ फण्ड का रुपया हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ है।महिला राजलक्ष्मी सतपथी (55) ने रिलीफ के नाम पर करीब डेढ़ लाख रुपये की ठगी की है जिसकी बार बार मांगने पर रसीद तक नहीं दी। इसके अलावा वह कैश पैसा भी लेता रहा। राजलक्ष्मी सतपथी का आरोप है कि प्रवास उसे एफआईआर वापस लेने के लिए धमकी दे रहा है। महिला ने पुलिस को सबूत भी दिए हैं।

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प्रवास आचार्य
ओड़िया दैनिक संवाद ने इसी मुद्दे पर विस्तार से न्यूज़ का प्रकाशन किया है
अख़बार के सौ साल होने पर जारी डाक टिकट

लोक सेवक मंडल समाज रिलीफ फंड के नाम से पैसा जुटाकर पीड़ितों की मदद करता है। यही उसकी यूएसपी है। समाज रिलीफ फंड के नाम पर करोड़ो का गोलमाल बताया जाता है।

समाज रिलीफ फंड के लिए राजलक्ष्मी ने विभिन्न तारीखों में रुपया 1,42,700 फोन पे पर भुगतान किया। नोटरी एडवोकेट महिला स्वेच्छा से समाज के रिलीफ फंड में रुपया देती रहती है। ओडिशा के हजारों लोग दान देतेकरहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार यह भुगतान फोन नंबर 9437020348 पर 28 मार्च 2020 से लेकर 4 अक्टूबर 2022 के दौरान किया गया है। कैश भुगतान का कोई हिसाब बी नहीं है।

एफआईआर 16 अगस्त 2023 को दर्ज करायी गयी है। तब से प्रवास आचार्य फरार है। इस केस के कारण लोक सेवक मडल की राष्ट्रीय कार्यकरणी समिति की दिल्ली में होने वाली बैठक फिलहाल निरस्त कर दी गयी। लोगों का कहना है कि आरोपी निजीतौर पर अंगदान अभियान को समाज का अभियान बताकर भी रुपया वसूलता है। अंगदान अभियान के लिए प्रचार सामग्री में प्रतिष्ठित अखबार ‘दि समाज’ का नाम जरूर छापता है ताकि लोग पैसा दें। लोग यह भी कहते हैं कि अखबार के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट को विश्वास में लिए बिना यह कार्य करता है। लोकसेवक मंडल के पदाधिकारियों ने प्रवास के कारनामों पर चुप्पी साध रखी है।

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एफआईआर में प्रवास का नाम डॉ प्रवास चंद्र आचार्य आत्मज स्वर्गीय नित्यानंद आचार्य पता मठसाही स्टेशन बाजार माल गोडाउन यूपीडी कटक ओडिशा (इंडिया) दर्ज है। एफआईआर 16.8.2023 रात 8.57 बजे राजलक्ष्मी पत्नी लालटेंडु सतपथी निवासिनी शंकरपुरदिहा साही पंप हाउस के निकट ने कैंट थाने जाकर रिपोर्ट करायी है। एफआईआर में कहा गया है कि खुद को समाज रिलीफ कमेटी के सेक्रेटरी बताने वाला प्रवास आचार्य ने उनसे पीड़ित लोगों की सहायता के लिए पैसे मांगे।

राजलक्ष्मी ने स्कूली बच्चों के लिए कॉपी किताबों के लिए दान में कुछ दिया। उसने 1,47,700 रुपया फोन पे पर भेजा। उसे इस रकम की कोई रसीद नहीं दी गयी। रसीद देने के बजाय प्रवास उसकी अनदेखी करता रहा। समाज रिलीफ फंड का नोडल अधिकारी बनकर प्रवास धोखा देता रहा। इस रवैये पर उसने पुलिस में केस नंबर 143 दिनांक 16.8.2023 को आईपीसी की धारा 419/420 एफआईआर दर्ज करायी। मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार प्रवास के घर दबिश दी गयी पर वह नहीं मिला।

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लोक सेवक मंडल अध्यक्ष राजकुमार चोपड़ा को दिल्ली हेड क्वार्टर भेजे पत्र में राजलक्ष्मी ने प्रवास आचार्य की कारगुजारी की शिकायत लिखी है। लोक सेवक मंडल को एसओपीएस (सर्वेंट्स ऑफ पीपुल्स सोसाइटी) भी कहते हैं। दिल्ली के लाजपतनगर में इसका ऑफिस है। पत्र में पीड़िता ने एफआईआर नंबर 0143 दिनांक 16.8.2023 का उल्लेख किया है। इसकी प्रतिलिपि लोक सेवक मंडल के ओडिशा ब्रांच के अध्यक्ष निरंजन रथ को भी भेजी है। राजलक्ष्मी के अनुसार लोकसेवक मंडल ओडिशा ब्रांच द्वारा इस शिकायत की अनदेखी किए जाने के कारण एफआईआर के अलावा कोई चारा नहीं था।

जानिए कौन है प्रवास आचार्य

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हमारे कार्यालय को ओडिशा के कटक जिले से मिली जानकारी के अनुसार प्रवास आचार्य पहले रेलवे में इंजीनियर था। कथित भ्रष्टाचार के कारण उसे वीआरएस लेना पड़ा और लोक सेवक मंडल के अध्यक्ष रहे पद्मविभूषण डा.राधानाथ रथ की पुत्री मनोरमा महापात्रा (अब स्वर्गीय) के साथ सेवाकार्यों में जुड़ा और युवा ब्रांच का काम देखने लगा। धीरे-धीरे उसने लोकसेवक मंडल और समाज अखबार में पैठ बना ली। वह समानांतर सेवाकार्य भी चलाता है।

समाज अखबार की स्थापना उत्कलमणि पंडित गोपबंधुदास ने 1919 में की थी। अपनी मृत्यु 1927 से पूर्व उन्होंने अखबार का मालिकाना हक लाला लाजपतराय की संस्था लोकसेवक मंडल को दे दिया। अखबार का लाभ सेवा कार्यों में खर्च किया जाता है। प्रवास और निरंजन की जोड़ी इसे बर्बाद करने पर तुली है। अखबार का मालिक लोकसेवक मंडल है।

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आरोपी प्रवास आचार्य अपना पक्ष भेजना चाहें तो स्वागत है- [email protected]

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