कहाँ तो तय था चराग हर घर के लिए. कहाँ मयस्सर नहीं शहर के लिए।
ये लाइन सटीक बैठ रही है तानाशाह ‘किम जोंग’ के फैसलों पर।
अब तक ज़ी न्यूज तक ही कोरोना पॉज़िटिव केस था लेकिन अब रीजनल तक पहुँच चुका है।
अब ज़ी पंजाबी के एंकर को कोरोना पाज़िटिव आया है।
ख़बर के मुताबिक काफी मिन्नत के बाद एंकर का टेस्ट करवाया गया है। कुछ लोग ये भी कह रहे है कि खुद एंकर ने ही अपना टेस्ट करवाया है।
लेकिन बड़ी बात ये है कि कई दिन एंकर बेचारे किम जोंग के दबाव में ऑफिस बीमार होने के बावजूद आते रहे।
इसका नतीजा ये है कि कई लोग ज़ी पंजाबी में बीमार चल रहे हैं।
लेकिन उन्हें भी एंकर की तरह वर्क फ्रॉम होम या छुट्टी की परमिशन नहीं मिली।
बीमार होने वाली लिस्ट में एंकर और आउटपुट के लोग भी हैं जो लगातार ऑफिस आ रहे हैं लेकिन न उन्हें छुट्टी मिल पा रही है न ही टेस्ट हो रहा है।
सूत्र कह रहे हैं कि बीमार होने वालों की लिस्ट में ढेरों नाम हैं।
आखिर क्या करवा के मानेंगे किम जोंग?
लोगों को बात-बात में नौकरी लेने की धौस दी जा रही है।
सोचिये चैनल के अंदर क्या विस्फोटक स्थिति होगी? लोगों की मनःस्थिति क्या होगी?
इतना कुछ होने बाद भी क्लस्टर-3 के किम जोंग न तो छुट्टी दे रहे हैं ना ही इनकी सुरक्षा में कुछ कदम उठा रहे हैं। ऑफिस वैसे ही पूरी टीम को बुलाया जा रहा है। जबकि किम जोंग और उनकी ऊपरी टीम सिर्फ हुक्म चला रही है। ऑफिस सिर्फ दर्शन के लिए आ रही है। चेहरा दिखने।
बड़ा सवाल है कि क्या ये जाहिलपन नहीं है? क्या इस भयानक महामारी के दौर में इस तरह की तानाशाही जायज़ है?
क्या इतने लोगों की ज़िन्दगी तकलीफ में डालने का हक़ इन्हें है?
इस स्थिति में कई चैनल सील ही चुके हैं पर यहाँ क्या हो रहा है? सब कुछ यथावत जारी है। क्या यही ज़िम्मेदारी और जवाबदेही होती है?
चैनल के एक जिम्मेदार व्यक्ति ने कहा- मजदूर है तो उनकी तरह काम भी करना होगा?
यही सोच है यहां?
भड़ास के पास उपरोक्त पत्र चैनल सील होने के पहले आया था. चैनल सील होने की कथा यहां देखें-
जी न्यूज की पूरी बिल्डिंग सील!
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