Yashwant Singh : इतनी जल्दी प्राकृतिक न्याय होने की उम्मीद न थी. मुझ पर एक बोतल शराब पर बिकने का आरोप इसलिए लगवाया क्योंकि मैंने जी न्यूज के कर्मचारियों को जबरन आफिस बुलाकर काम कराए जाने से संबंधित खबर छापी थी. सो, सीईओ / बॉस की चमचागिरी में लगे लोग बजाय अपने आफिस के वरिष्ठों को समझाने के, खबर छापने वालों को गरियाने लगे.
इस बीच, जी न्यूज में कोरोना पाजिटिव की संख्या भयावह रूप से बढ़ने लगी. जी न्यूज यानि सबसे बड़ा सत्ता दलाल मीडिया हाउस को तुरंत सील कर पाने की हिम्मत भी अफसरों में न हो रही थी. सो वो भी आंखें मूंदे थे. कराओ खूब आफिस में काम, खूब बुलाओ इंप्लाइज को.
कहते हैं न कि उपर वाली की लाठी में आवाज नहीं होती. आपने जमातियों को पूरे देश में कोरोना फैलाने का जिम्मेदार ठहराया तो दूसरी तरफ आप खुद सबसे बड़े कोरोनाबाज हो गए.
आपके इंप्लाइज ने दबी जुबान से शिकायत करनी चाही कि आफिस न बुलाओ, जीवन का खतरा है. पर आपने शब्दों की बाजीगिरी में इंप्लाइज की भावनाएं, उनकी आवाज सुनी ही नहीं.
हमने यानि भड़ास ने इंप्लाइज की अंतरात्मा की आवाज को जुबान दी तो हमें गरियाया जाने लगा. गरिया लो भइया. गरीब को सब गरियाते हैं. तुम भी गरिया लो. तुमने लिखा एक बोतल में बिकता हूं. हमने जवाब दिया- पव्वा में ही बिक जाता हूं भिया!
उम्मीद करता हूं मुझे गरियाने वाला स्वस्थ होगा. वो कोरोना पाजिटिव न हुआ होगा. उम्मीद करता हूं जो भी साथी कोरोना संक्रमित हुए हैं जी न्यूज में, सबके सब बहादुरी से इसका मुकाबला कर स्वस्थ हो जाएंगे और एक बार ज़िंदगी की जद्दोजहद में कदमताल करते आगे बढ़ेंगे.
जी मीडिया की कई फ्लोरों वाली पूरी बिल्डिंग बहुत पहले सील हो जानी चाहिए थी. पर जी मीडिया के वरिष्ठों की आंखों मद भरा हुआ है. अहंकार तो इतना कि भगवान बचाए इन्हें.
अफसरों ने बहुत देर से कदम उठाया. तब उठाया जब पूरा जी मीडिया कोरोना का हाटस्पाट बन गया.
देखें जिलाधिकारी की तरफ से जारी पत्र, जी मीडिया को सील किए जाने के संबंध में.
इस सिलसिलेवार बताया गया है कि जी मीडिया किस तरह से कोरोना संक्रमित मनुष्यों के भुतहे अड्डे में तब्दील होता गया और आखिरकार इसे सील करना पड़ा.
इस पूरे घटनाक्रम पर मानवाधिकारवादी और विश्लेषक अविनाश पांडेय समर लिखते हैं- Noida Police seals Chhi News’ whole building over COVID19 infection on the auspicious occasion of Eid al Fitr. No clarification yet if they did it as Eid greetings to people or it’s poetic justice! ईद अल फितर के मुबारक और पाक मौक़े पर नोएडा पुलिस ने कोविद फैलाने के मामले में छी न्यूज़ की पूरी बिल्डिंग सील की। अभी ये साफ़ नहीं है कि पुलिस ने कार्रवाई के लिए आज का ही दिन अहले वतन को ईद मुबारक कहने के लिए चुना है या ये बस शायराना इंसाफ़ (काव्यात्मक न्याय) है।
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की रिपोर्ट.
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कन्हैया शुक्ला
May 25, 2020 at 3:42 pm
अरे पूरी दुनिया को ज्ञान पेलने वाले सुभाष चंद्रा ने एक टिवट तक नही किया अपने यहां के कर्मचारियों के लिए जिनको करोना हुआ है …और क्या सवेंदना की बात करें ..?
मालिक का तलवा चाट के काम कर रहे वो नौकर जो सीईओ – एडिटर बने बैठे हैं वो भी मालिक को खुश करने के लिए वैसे ही असवेदनसील हैं छोटे पदों के कर्मचारियों के प्रति जैसा ज़ी का मालिक…
भरोसेमंद भड़ासी
May 25, 2020 at 4:10 pm
अरे यशवंत भाई आप बोतल के आरोप में न पड़ो जब हाथी चले बाजार……
सच तो कड़वा ही होगा। हमारे लिए आवाज उठाने वाले एक आप हैं।
हम दोनों एक जैसे हैं फटीचर। आज आपको पैसों की जरूरत है तो मालिक ने पगार आधी कर दी है। चाहकर भी मदद नहीं कर सकते।
जिनके पास विज्ञापन है वो केवल मालिकों की तारीफ छापते हैं। वो भी फोर मीडिया हैं आप भी फोर मीडिया हैं, लेकिन आप भड़ासी हैं। अरे हम गरीबों के पास सिवाय भड़ास के हैं, क्या।
भाई हम धन भले ही न दे पाएं आपके स्वस्थ्य रहने की कामना और दुआएं जरूर कर सकते हैं। भगवान आपको सदा सेहतमंद रखे। उतरना जरूर दे जितनी जरूरत हो।
इसी कामना के साथ आपका अज्ञात लेकिन भरोसेमंद भड़ासी
संजीव
May 29, 2020 at 12:24 am
ठाकुर यशवंत जिस दिन तुम भी बिके हुए साबित हो जाओगे, समझो फिर हिंदुस्तानी मीडिया में कोई हरामजादा बिना बिके नहीं बचा है. मतलब तुम्हारे बिकने से पहले ही सब बिक चुके होंगे…..