सिंघासन चौहान-
जब थाना भीमपुरा में मेरा आवेदन लेने से इनकार कर दिया तो मैंने थाने में धरने पर बैठने का निर्णय लिया….. उसके आगे
मैंने व्हाट्सअप मैसेज के जरिये आजाद अधिकार सेना को बताया कि मेरा आवेदन न लेने कि वजह से मैं थाना भीमपुरा पर धरने पर बैठने जा रहा हूँ. मैंने अपनी पत्नी लीलावती को फोन कर थाने बुला लिया. हम दोनों थाना गेट के अन्दर चटाई बिछाकर बैठ गए. एक कांस्टेबल आया और बोला कि आप थाने से बाहर निकलिए, थाने में धरने पर नहीं बैठने देंगे. मैंने कहा कोई बात नहीं हम बाहर बैठ जायेंगे.
हम दोनों वहां से उठ गए और थाने के गेट के सामने साइड में थाने के बोर्ड के सामने बैठ गए जिसकी फोटो वायरल होते ही अमिताभ सर ने एक्स पर उच्चाधिकारियों को टैग कर पोस्ट कर दिया. मैंने भी उसे X पर Uppolice व अन्य उच्च अधिकारीयों को टैग कर धरने की जानकारी दी. इसके अलावा आजाद अधिकार सेना के हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ सर ने बलिया पुलिस से बात की, जिसमें उन्हें भी पुलिस द्वारा FIR दर्ज कराने का भरोसा दिया गया. उसके बाद कई बार उपनिरीक्षक वीरेन्द्र प्रताप दुबे आये और बोले, ‘लाइए आप application दीजिये मैं देखता हूँ.’
मैंने कहा, ‘सर थानाध्यक्ष महोदय ने आवेदन उच्च अधिकारीयों को देने के लिए बोला है,’ इसके बाद दुबे जी कई बार आये और application देने के लिए बोले मगर मैंने उन्हें नहीं दी. शाम लगभग पांच साढ़े पांच बजे वीरेन्द्र प्रताप दुबे फिर आये और बोले कि लाइए application दीजिये मैं आपकी FIR दर्ज करवाता हूँ, उनकी ये बात सुनकर हम लोग धरने से उठ गए और वो हमें अपने साथ थाने के अन्दर ले गए. चाय मंगवाकर हम लोगों को पिलाई और बोले, ‘आपका आवेदन मैं ऑफिस में दे देता हूँ आप लोग यहीं बैठ जाइये आपकी FIR दर्ज हो जाएगी.’
मैं व मेरी पत्नी थाना ऑफिस के सामने बरामदे में बैठ गए और FIR कॉपी का इंतजार करने लगे. जब बैठे-बैठे दो घंटे से ज्यादा का समय बीत गया तो मैंने कंप्यूटर पर बैठे ऑपरेटर से FIR के बारे में पूछा तो वो बोला कि मेरी तबियत ख़राब है तभी दीवान जी आये और मैंने उनसे पूछा तो वो बोले, ‘आप लोग बैठिये, FIR दर्ज हो रही है. अभी सर्वर नहीं चल रहा है. एक घंटे बाद फिर मैंने पूछा तो वे बोले बस CCTN पर लोड कर दिया है जैसे ही सर्वर सही होगा प्रिंट निकल जाएगा.’
मैं समझ गया कि ये लोग मुझे बहका रहे हैं कोई FIR दर्ज नहीं हो रही है क्योंकि संजय मिश्रा जिसके खिलाफ FIR थी वो बीजेपी का आदमी था. उसके भाई विपिन मिश्रा पूर्व भाजपा विधायक धनंजय कनौजिया के प्रितिनिधि हैं. पुलिस के ऊपर पॉलिटिकल दबाव था कि मेरी एफआईआर ना लिखी जाए. सब कुछ मैं भी समझ चुका था. घर से खाना मंगवाया. मेरा भाई सत्यवान व भतीजा आदर्श चौहान खाना लेकर आये और हम लोग खाना खाए. जब हम लोग खाना खा चुके तो उपनिरीक्षक वीरेन्द्र प्रताप दुबे बोले कि आप लोग घर जाइये कल FIR कॉपी मिल जाएगी अभी सर्वर नहीं चल रहा है.
मैंने कहा सर चार-पांच घंटे से हम लोग बैठे हुए हैं थोडा सा और इंतज़ार कर लेते हैं और प्रिंट लेकर जायेंगे. इतना सुनने के बाद उपनिरीक्षक वीरेन्द्र प्रताप दुबे मुझे गाली देते हुए लातों और थप्पड़ से मारने लगे. इस दौरान अधिकार सेना पार्टी को भी गलियाँ देते हुए अमिताभ सर के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया. जब मेरे भाई सत्यवान और भतीजे आदर्श ने पिटाई का विरोध किया तो उन्हें भी मारा गया. मैंने मोटरसाइकिल कि चाभी अपने भाई सत्यवान को दे दी. वो मोटरसाइकिल लेकर जाने लगा गया तब तक हमें भी धक्के देकर मारते हुए थाने के गेट तक ले गये. तब तक पुलिस वालों ने दौड़ाकर मेरे भाई कि मोटरसाइकिल पकड़कर उसे नीचे गिरा दिया और वीरेन्द्र प्रताप दुबे ने उसे कई डंडे मारे. बाद में हम दोनों पति पत्नी को पकड़कर थाने के अन्दर ले आये और वीरेन्द्र प्रताप दुबे ने अपनी पैंट उतार दी और बोला कि जो मेरी झxx.. उखाड़नी हो तुम और तुम्हारा अमिताभ ठाकुर उखाड़ लेना.
बीरेंद्र प्रताप दुबे लगातार मुझे गालियाँ देते रहे और मेरी पत्नी को दो महिला कांस्टेबल के साथ रात 11–12 बजे के लगभग घर छोड़ आये. मैंने अपनी पत्नी को कहा कि यशवंत भाई, अमिताभ सर व (लल्लन चौहान मेरे बहनोई) को फोन करवा देना व घटना के बारे में बता देना.
इसी बीच एक सिपाही ने अपना फोन मुझे दिया कि बड़े साहब का फोन है. मैंने फोन ले लिया और हेल्लो करने के बाद थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह मुझे फोन पर ही भद्दी भद्दी गलियां देतो हुए बोला कि तेरी किस्मत अच्छी है कि मैं बलिया मेला ड्यूटी पर हूँ अगर भीमपुरा होता तो तेरी हड्डियाँ तोड़ता. आगे मुझे ये कहा कि तेरे खिलाफ एक छेड़खानी कि एप्लीकेशन पड़ी है कल मैं थाना आता हूँ तो तेरी हड्डियाँ तोड़ता हूँ. पहले तेरा 151 में चालान करूंगा उसके बाद जैसे ही जमानत कराकर आयेगा 354 छेड़खानी में तुझे गिरफ्तार कर जेल भेजूंगा. जैसे तू धरने पर बैठा था वैसे ही उस महिला को धरने पर बैठाने के बाद बलिया से मीडिया वालों को बुलाऊंगा और उसका मुकदमा दर्ज करने के बाद तेरे ऊपर 376 लगाऊंगा. 6 महीने बाद जब तू जेलसे बाहर आयेगा तेरे बेटों को जेल भेजूंगा तब तुझे पता चलेगा कि मनोज कुमार सिंह कौन है. रघुबंशी खानदान का हूँ. मुझे SHO की बातों पर हंसी भी बहुत आ रही थी कि इतना घमण्ड वर्दी का. समय समय पर अच्छे अच्छों की वर्दी उतर गयी है.
खैर, सुबह हुई. कुछ लोग भी मिलने आये. मेरी पत्नी ने बताया कि यशवंत जी से भी बात हुई है और अमिताभ सर से भी बात हुई है. बच्चों ने रात को ही सबको सूचित कर दिया था. थाने वालों ने नातो मुझे नाश्ता कराया ना चाय पिलाई नाही खाना ही खिलाया. घर वालों ने सुबह नाश्ता वगैरह कराया. उसके बाद दोपहर डेढ़ बजे के लगभग मुझे मेडिकल के लिए लेकर गए.
पुलिस मुझे अपनी गाडी में ले गयी. अधिकतर 151 के चालान में पुलिस एक सिपाही के साथ ऑटो में भेज देती है. मगर एक सी व एक आरक्षी का साथ जाना पुलिस कि चालबाजी को बता रहा था. मेडिकल के बाद बेल्थरा रोड तहसील में लाये. जहाँ पर पता चला कि पुलिस जमानत ख़ारिज करवा कर वारंट कटवाकर जेल भेजना चाहती थी. मगर मैं धन्यवाद करना चाहता हूँ वकील साथियों का जिन्होंने SDM बेल्थरा रोड को कन्विंस किया कि सर ये समाज सेवा और निस्वार्थ भाव से गरीबों कि मदद करता है. उसके बाद भी SDM बेल्थरा रोड माने नहीं तो पुलिस ने 14 दिन कि न्यायिक हिरासत का प्रोग्राम बना ही दिया था. जमानत में किसी वकील ने मुझसे एक पैसा नहीं लिया और मेरी भरपूर मदद की. वकील साथियों का दिल से धन्यवाद.
उसके बाद मैं घर आने के बजाय अपनी रिश्तेदारी में चला गया क्योंकि मुझे अंदेशा था कि मुझे फंसाने के लिए पुलिस कुछ भी कदम उठा सकती है. दूसरी तरफ अमिताभ सर बराबर ट्विटर पर ट्विट करते रहे. मेरा फोन तो पुलिस ने पहले ही छीन लिया था बस ये गनीमत थी कि मैंने अपना व्हाट्सअप अपने भतीजे आदर्श के फोन पर एक्टिवेट कर लिया था. अब व्हाट्सअप पर ही काल आने लग गए अमिताभ सर, मदन तिवारी वकील हाई कोर्ट, मधुरेन्द्र सिंह आजाद अधिकार सेना व अन्य दो तीन लोग लगातार व्हाट्सअप पर मुझसे बात करते रहे. मेरी हिम्मत बढ़ाते रहे.
अमिताभ सर ने ट्विटर पर विडियो के द्वारा DGP उत्तर प्रदेश को दोषी पर कार्यवाही के लिए ट्विट किया और ये भी कहा कि कल सुबह 11 बजे मैं बलिया पहुँच रहा हूँ. उन्होंने कहा कि, DM व SP बलिया से मिलने के बाद थाना भीमपुरा जाऊंगा. इसके बाद ट्विटर पर अमिताभ सर और नूतन मैडम के ट्विट रिट्विट होने लग गए. वहीं दूसरी तरफ समाजसेवी पंकज सिंह व अनूप सिंह ने थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के ऑडियो वायरल कर दिए जो उन्होंने सहतवार प्रभारी रहते हुए गालियाँ दी थीं.
आगे आप पढेंगे अमिताभ सर का बलिया आना व कैसे थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह व SI वीरेन्द्र प्रताप दुबे का थाना छोड़कर भाग जाना ……
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पहला भाग : बलिया पुलिस की दास्तान (पार्ट-1) : तू थाना से बाहर निकल, तुझे मार डालेंगे
जारी है..