Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में दैनिक भास्कर के खिलाफ एक और आरसी जारी

मुंबई से खबर आ रही है कि यहां दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी. बी. कॉर्प लिमिटेड में कार्यरत सिस्टम इंजीनियर अस्बर्ट गोंजाल्विस के पक्ष में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 26 लाख 38 हजार 203 रुपए 98 पैसे का रिकवरी सर्टीफिकेट (आरसी) जारी किया गया है। इस आरसी को मुंबई (उपनगर) के कलेक्टर को भेज कर आदेश दिया गया है कि वह आवेदक के पक्ष में कंपनी से भू-राजस्व की भांति वसूली करें और आवेदक अस्बर्ट गोंजाल्विस को यह धनराशि प्रदान कराएं। आपको बता दें कि इस मामले में अस्बर्ट गोंजाल्विस ने अपने एडवोकेट एस. पी. पांडे के जरिए मुंबई उच्च न्यायालय में कैविएट भी लगवा दी है।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>मुंबई से खबर आ रही है कि यहां दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी. बी. कॉर्प लिमिटेड में कार्यरत सिस्टम इंजीनियर अस्बर्ट गोंजाल्विस के पक्ष में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 26 लाख 38 हजार 203 रुपए 98 पैसे का रिकवरी सर्टीफिकेट (आरसी) जारी किया गया है। इस आरसी को मुंबई (उपनगर) के कलेक्टर को भेज कर आदेश दिया गया है कि वह आवेदक के पक्ष में कंपनी से भू-राजस्व की भांति वसूली करें और आवेदक अस्बर्ट गोंजाल्विस को यह धनराशि प्रदान कराएं। आपको बता दें कि इस मामले में अस्बर्ट गोंजाल्विस ने अपने एडवोकेट एस. पी. पांडे के जरिए मुंबई उच्च न्यायालय में कैविएट भी लगवा दी है।</p>

मुंबई से खबर आ रही है कि यहां दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी. बी. कॉर्प लिमिटेड में कार्यरत सिस्टम इंजीनियर अस्बर्ट गोंजाल्विस के पक्ष में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 26 लाख 38 हजार 203 रुपए 98 पैसे का रिकवरी सर्टीफिकेट (आरसी) जारी किया गया है। इस आरसी को मुंबई (उपनगर) के कलेक्टर को भेज कर आदेश दिया गया है कि वह आवेदक के पक्ष में कंपनी से भू-राजस्व की भांति वसूली करें और आवेदक अस्बर्ट गोंजाल्विस को यह धनराशि प्रदान कराएं। आपको बता दें कि इस मामले में अस्बर्ट गोंजाल्विस ने अपने एडवोकेट एस. पी. पांडे के जरिए मुंबई उच्च न्यायालय में कैविएट भी लगवा दी है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

डी. बी. कॉर्प लि. के मुंबई स्थित बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स वाले कार्यालय में कार्यरत सिस्टम इंजीनियर अस्बर्ट गोंजाल्विस का कंपनी ने अन्यत्र ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद अस्बर्ट गोंजाल्विस ने अदालत की शरण ली और उधर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के तहत अपने बकाये की रकम और वेतन-वृद्धि के लिए उन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट उमेश शर्मा के दिशा-निर्देश पर चलते हुए मुंबई के कामगार विभाग में क्लेम भी लगा दिया था।

करीब एक साल तक चली सुनवाई के बाद लेबर विभाग ने अस्बर्ट गोंजाल्विस के पक्ष को सही पाया तथा कंपनी को नोटिस जारी कर साफ कहा कि वह आवेदक को उसका बकाया 26 लाख 38 हजार 203 रुपए 98 पैसे जमा कराए, परंतु दुनिया के चौथे सबसे बड़े अखबार होने के घमंड में चूर दैनिक भास्कर की प्रबंधन कंपनी डी. बी. कॉर्प लि. ने जब यह पैसा नहीं जमा किया तो सहायक कामगार आयुक्त वी. आर. जाधव ने अस्बर्ट गोंजाल्विस के पक्ष में आरसी जारी कर दी और कलेक्टर को आदेश दिया कि वह डी. बी. कॉर्प लि. से भू-राजस्व नियम के तहत उक्त राशि की वसूली करके अस्बर्ट गोंजाल्विस को दिलाएं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

गौरतलब है कि इसके पहले डी. बी. कॉर्प लि. के समाचार-पत्र दैनिक भास्कर के प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट धर्मेन्द्र प्रताप सिंह के साथ रिसेप्शनिस्ट लतिका चव्हाण और आलिया शेख के पक्ष में भी कामगार विभाग ने आरसी जारी की थी… यह संपूर्ण महाराष्ट्र राज्य में जारी हुई पहली आरसी थी, मगर आरसी का विरोध करने के लिए संबंधित कंपनी जब मुंबई उच्च न्यायालय गई तो माननीय उच्च न्यायालय ने डी. बी. कॉर्प लि. को निर्देश दिया कि वह तीनों आवेदकों के बकाये रकम में से सर्वप्रथम 50 प्रतिशत रकम कोर्ट में जमा करे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मुंबई उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद डी. बी. कॉर्प लि. सर्वोच्च न्यायालय चली गई, जहां सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि मुंबई उच्च न्यायालय के इस आदेश पर उसे दखल देने की आवश्यकता नहीं है, अत: डी. बी. कॉर्प लि. के अनुरोध को खारिज किया जाता है। ऐसे में इस कंपनी के पास और कोई विकल्प नहीं बचा था, लिहाजा डी. बी. कॉर्प लि. पुन: मुंबई उच्च न्यायालय आई और धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, लतिका चव्हाण और आलिया शेख के बकाये में से 50 फीसदी की राशि वहां जमा करा दिया। सो, माना जा रहा है कि अस्बर्ट गोंजाल्विस के मामले में भी अब डी. बी. कॉर्प लि. को जल्दी ही उनके बकाये की 50 प्रतिशत रकम मुंबई उच्च न्यायालय में जमा करानी होगी।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
9322411335

Advertisement. Scroll to continue reading.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement