Yashwant Singh : निजी न्यूज चैनलों में कार्यरत महिला पत्रकारों की स्थिति पर बात तो तब हो जब सरकारी चैनलों में काम करने वाली महिलाएं सुरक्षित हों. दूरदर्शन में एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन महिलाएं यौन हिंसा की शिकार हो चुकी हैं लेकिन न्याय देने वाले पुरुष लोग फिलहाल मौन साधे हैं और आरोपी मजे में काम कर रहे हैं.
एकाध मामलों में एक्शन हुआ है लेकिन कहानी बस इतनी है कि जो पीड़िता हैं, उन्हीं को प्रताड़ित करने में पूरी अफसरशाही और सारे मर्द लगे हुए हैं. कई महिलाओं ने अपनी महिला वकील के साथ महिला प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस कर आपबीती सुनाई और यौन शौषक पुरुषों के नाम का खुलासा किया. नीचे दिए वीडियो को पूरा देखें सुनें और चिराग तले अंधेरा वाले मुहावरे को दूरदर्शन पर लागू होता महसूस करें.
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
दूरदर्शन में यौन शोषण के मसले पर प्रेस कांफ्रेंस के बाद जो प्रेस रिलीज जारी किया गया, उसे पढ़ने के लिए नीचे दिए शीर्षक पर क्लिक करें…