यशवंत जी, यह पत्र दो सप्ताह पहले राजस्थान पत्रिका के प्रमुख गुलाब कोठारी और नीहार कोठोरी को भेजा गया था… इस आशा के साथ कि यह पत्र मिलने के बाद कोई ठोस कार्यवाही होगी… लेकिन जैसे खबरें दबाई जाती हैं, वैसे ही इस पत्र को दबा दिया गया… आखिर में यह पत्र आपको भेजा जा रहा है… व्हिसल ब्लोअर का नाम उजागर नहीं करना पत्रकारिता का धर्म है और बात रही सत्यता की एक भी बात असत्य नहीं है… हर कर्मचारी पीड़ित है…
7 नवम्बर को भेजा गया पत्र
व्यक्तिगत एवं गोपनीय
सेवा में
गुलाब कोठारी
प्रधान संपादक, राजस्थान पत्रिका
केसरगढ़, जेएलएन मार्ग, जयपुर
व्यक्तिगत एवं गोपनीय
सेवा में
नीहार कोठारी
संपादक, राजस्थान पत्रिका
केसरगढ़, जेएलएन मार्ग, जयपुर
विषय : राजस्थान पत्रिका जोधपुर में भ्रष्टाचार और जातिवाद चरम पर
श्रीमान गुलाब जी कोठारी और श्री निहारी जी कोठारी
यह पत्र आपका ध्यान राजस्थान पत्रिका के जोधपुर संस्करण के सूरत-ए-हाल बताने के लिए लिखा जा रहा है। आपसे उम्मीद है कि आप इन मामलों पर संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करेंगे। जोधपुर संस्करण में गत कई माह से हालत बद से बदत्तर हो गए हैं। संपादकीय विभाग में जातिवाद पूरी तरह हावी हो गया है और अपने लोगों को हर तरह से सपोर्ट किया जा रहा है, इतना ही नहीं पत्रिका की साख पर दाग लग रहा है और वह भी भ्रष्टाचार का। शहर में पत्रिका पर पैसे लेकर खबर लगाने और रोकने के कई आरोप लग रहे हैं। भास्कर के कर्मचारियों से लेकर शहर प्रतिष्ठित लोगों में इन दिनों चर्चा का विषय है। इससे पत्रिका की 50 वर्षों की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है।
केस -1
संपादक ने की लाखों की डील
जोधपुर संस्करण के संपादकीय प्रभारी पर पैसे लेकर एक राजनेता को फेवर करने के गंभीर आरोप हैं। इसकी जानकारी कई लोगों ने मौखिक और लिखित रूप से जयपुर मुख्यालय को दी है। संपादकीय प्रभारी राजेश नैन पर भाजपा के स्थानीय नेता राजेन्द्र गहलोत से दो से पांच लाख रूपए लेने का आरोप है। यह चर्चा शहर भर में है। राजेन्द्र गहलोत की विधानसभा चुनाव के दौरान मोबाइल कॉल रिकॉर्डिंग की खबर लोकसभा चुनाव में पत्रिका में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी और भास्कर में यह समाचार नहीं था। इस मुद्दे को लेकर कई खबरें प्रकाशित करने की कार्ययोजना बनीं थी, लेकिन उसके बाद एक भी खबर प्रकाशित नहीं हुई ।
पत्रिका ने राजेन्द्र गहलोत को जमकर फेवर किया, इसका प्रमाण प्रकाशित खबरें हैं । इतना ही नहीं कई रिपोर्टर्स के माध्यम से गहलोत को ऑबलाइज किया गया। इसकी पुष्टि संबंधित रिपोर्टर और चीफ रिपोर्टर से की जाती है। इस डील में दलाली का काम पत्रिका के रिपोर्टर रामेश्वर बेड़ा ने किया। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती सुपर घोटाले के बारे में पत्रिका ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। बताया जा रहा है कि विवि पीआरओ रामनिवास चौधरी (जाट भाई) अपने जाट भाई राजेश नैन से मिला और कुलपति आवास पर मिटिंग करवाई। इसमें चैनल 24 के इंचार्ज अजय अस्थाना भी शामिल है और संपादक के साथ डील कर ली। जिसके बाद पत्रिका में खबरों का प्रकाशन कम हो गया।
केस- 2
रिपोर्टर ने खुलेआम लिया एप्पल का फोन
राजेश नैन ने जातिवाद को इतना हावी कर रखा है कि सजातीय भाई रामेश्वर बेड़ा की हर गलती को नजरअंदाज करते हैं और कई गंभीर गलतियों के बारे में जयुपर को अवगत तक नहीं कराया। रामेश्वर बेड़ा के पास एक एप्पल का आई-फोन आया। सभी रिपोर्टर्स को पूर्ण रूप से मालूम है कि बेड़ा की इतनी हैसियत नहीं है कि वह एप्पल का नया या पुराना फोन ले सके। इन दिनों ऑफिस में चर्चा है कि एप्पल का फोन खरीदा नहीं गया है, बल्कि यह किसी से लिया गया है। पुष्ट सूत्रों के अनुसार रामेश्वर ने यह फोन शिक्षक नेता शंभूसिंह मेड़तिया से लिया है। इसकी तस्दीक भी हो चुकी है। इतना ही नहीं स्कूली शिक्षा की बीट आने के बाद रामेश्वर बेड़ा ने मेड़तिया को खबरों के माध्यम से इतना ऑब्लाइज किया है कि दूसरे शिक्षक संगठन पत्रिका से नाराज हैं । इसकी शिकायत कई संगठनों ने स्थानीय संपादक से लेकर जयपुर तक की है।
केस -3
धर्मेन्द्र बनाम संपादक
वर्तमान में न्यूज टुडे में कार्यरत धर्मेन्द्र सिंह ने जोधपुर नियुक्ति के दौरान संपादक राजेश नैन पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। बताया जाता है कि इसकी लिखित शिकायत भी जयपुर तक पहुंची, जिसके बाद धर्मेंद का स्थानांतरण जोधपुर से न्यूज टुडे में कर दिया गया।
केस -4
पत्रिका बना जाटिस्तान
राजेश नैन के आने के बाद पत्रिका में जातिवाद इतना हावी हो गया है कि लोग इसे पत्रिका कार्यालय कम और जाटिस्तान ज्यादा कहते है। जोधपुर कार्यालय में जितने भी जाट भाई कार्यरत हैं, उनका एक ग्रुप बन गया है। इनमें विकास चौधरी, रामेश्वर बेड़ा, श्यामवीर सिंह, रामलाल जैसे अन्य साथी शामिल है। इसका प्रमाण यह भी है कि राजेश नैन ने पदभार ग्रहण करने के बाद सभी साथियों से उनके सरनेम पूछे थे। इतना ही नहीं पत्रिका ने जिस खींवसर विधायक हनुमान बैनीवाल का बहिष्कार कर रखा है, उसे कार्यालय में बुलाकर चाय-नाश्ता कराया गया। कई जाट नेताओं को संपादक से मिलाया जाता है, जाट समाज के नेताओं का आना आम है। संपादक ने विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में जाट उम्मीदवार को पर्दे के पीछे से फेवर किया था। जाट संपादक को जाट नेताओं से मिलाने का जिम्मा विकास चौधरी का है। विकास चौधरी बड़े जाट नेता के जोधपुर आने पर लाइनअप कर संपादक से मिलाता है। विकास चौधरी क्राइम रिपोर्टर है और अधिकारियों, नेताओं और पुलिसवालों से इसकी सेटिंग है। जाट पुलिसवालों को विकास जमकर फेवर करता है।
केस -5
चरित्रहीनों की ढाल बना संपादक
पत्रिका की परम्पराओं के अनुसार महिला साथी के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाता है। लेकिन पत्रिका जोधपुर कार्यालय में संपादक ऐसे चरित्रहीनों की ढाल बने हुए हैं । गत दिनों एक महिला साथी ने रामेश्वर बेड़ा की शिकायत राजेश नैन से की थी, जिसमें कहा गया था कि बेड़ा रात में उसे फोन कर अश्लील बातें करता है। ऑफिस के बाहर अकेले में मिलने के लिए कहता है । इसके अलावा ऐसी ही कई अन्य बातें हैं, जिनका जिक्र भी नहीं किया जा सकता है। जब राजेश नैन से महिला साथी ने बेड़ा की शिकायत की तो उनसे मिले जवाब से वह बहुत आहत हुई और नौकरी छोड़ने का मानस बना रही है। इससे पहले एक महिला साथी के जन्मदिन पर बेड़ा उसके घर पर मिठाई और गिफ्ट लेकर पहुंच गया था। एक ट्रेनी महिला साथी को भी बेड़ा ने इतना परेशान किया कि वह संस्था छोड़कर चली गई। बेड़ा के खिलाफ महिला कांस्टेबल से लेकर जिला परिषद की महिला सदस्यों को कॉल करने तक की शिकयतें है। राजेश नैन को जब इसके बारे में बताया गया तो उन्होंने कुछ शिकायतों को अपने कार्यकाल का न बता कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
केस -6
मानसिक प्रताड़ना झेल रहे कर्मचारी
राजेश नैन की हिटलरशाही, जातिवाद, गुस्सा, कुतर्क से (जाट भाई छोड़कर) संपादकीय साथी परेशान हैं। कई साथियों को राजेश नैन ने दुर्भावनावश इतना परेशान किया कि उनका मनोबल गिर गया है और वे अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रहे हैं । कई कर्मचारी नौकरी छोड़ने का मानस बना रहे हैं। ताजा उदाहरण धर्मेंद सिंह का है, जिसने मानसिक प्रताड़ना का लिखित में आरोप लगाया था।
केस -7
भ्रष्टाचारियों की हो रही भर्ती
राजेश नैन ने संपादकीय विभाग जोधपुर में अपने जैसे भ्रष्टाचारियों की सेना खड़ी करनी तैयार कर दी है । जिन रिपोर्टर्स पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उन्हें पत्रिका में लिया जा रहा है । उदाहरण के तौर पर गजेन्द्र सिंह दहिया जिस पर अपने पूर्व कार्यकाल में लैपटॉप लेने का आरोप है, जिसकी वजह से पहले पत्रिका ने उसका स्थानान्तरण जोधपुर से अलवर कर दिया था। इसके बाद उसने नौकरी छोड़ दी । तीन साल बाद हाल ही में उसे वापस ले लिया गया है। दूसरा उदाहरण सौरभ पुरोहित का। पत्रिका जोधपुर से स्थानान्तरण के बाद सौरभ ने भास्कर जॉइन किया और एक लाख से ज्यादा रुपए के गबन के आरोप में उसे भास्कर से निकाल दिया गया। पत्रिका में सौरभ की वापसी की कवायद तेजी से चल रही है। तीसरा उदाहरण प्रॉपर्टी डीलर चैनराज भाटी का है। पाली से बिना बताए छोड़कर गए चैनराज को पत्रिका ने वापस ले लिया। जोधपुर में पत्रिका के नाम पर प्रॉपर्टी का काम देख रहा है। चैनराज का शानो-शौकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चैनराज के पास कार से आता है और रिपोर्टिंग करता है। जबकि उसकी सैलरी मात्र 18 हजार है । इतना ही नहीं रामेश्वर बेड़ा संपादक को मंडी से सब्जी, घी, तेल सहित अन्य सामानों की सप्लाई सीधे घर तक करता है।
धन्यवाद
कर्मचारी
राजस्थान पत्रिका, जोधपुर
sunil
December 1, 2014 at 7:52 am
ramaswar bera ki wife ke nokri bhi farji tarikay sa lagi ha… uski bharti driver post per huai ha lakin usy car calni bhi nahi ati ha,,,iss ki bhi janch ho.. bera ne patrika ka fayda utha wife ki farji nokri laga di
mahkram
December 3, 2014 at 7:20 am
Is letter me likhi sabhi bate sahi hai. Uper like comment me sunil jo likha wo Bhi sahi hai.in logo Ne pure office or bhar Gandhi macha rakhi thi.is badmasho Ko bhi yaha Se bhaga Dena chahiye.
bhawani shankar
July 14, 2016 at 8:38 am
अच्छा है
रामेश्वर बेडा एज्यूकेशन में बडा भ्रष्ट रिपोटर है
इसके बच्चे आरटीई के तहत हैप्पी आॅवर्स में पढते है
एवं इसकी पत्नि रोडवेज में सरकारी कर्मचारी हैं
नियमानुसार दो लाख पंचास हजार से ज्यादा की आय
वाले माता पिता के बच्चे इसमें नहीं आ सकते है
श्किायत की तो मामले को दबा दिया गया
डरा धमा कर
कृपया कार्रवाही करे