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कर्मचारियों से निपटने के लिए दमन की रणनीति बनाने में जुटा जागरण प्रबंधन, कोई भी कार्रवाई भारी पड़ना भी तय

दैनिक जागरण नोएडा का प्रबंधन अब आंदोलन की धमक से सहम चुका है। अब वह बड़ी कार्रवाई पर मंत्रणा में मशगूल हो गया है। कर्मचारी बहादुरी से अपनी मांगों पर अटल रहते हुए पूरी तरह आरपार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। ताजा सूचना ये मिल रही है कि जागरण मालिक और प्रबंधक अब संस्थान के आंदोलित पुराने कर्मचारियों को हटा कर नई भर्ती करने की योजना बना रहे हैं। नई भर्ती के लिए इंटरव्यू लिए जा रहे हैं। जो लोग यूनियन में शामिल हैं,  उनको हटाने की तैयारी की जा रही है। हालाँकि ये भी कहा जा रहा है की यह चर्चा यूनियन की एकता तोड़ने के लिए प्रबंधन द्वारा फैलाई जा रही है।

दैनिक जागरण नोएडा में काली पट्टियां बांधकर प्रबंधन की नीतियों का विरोध जताते कर्मचारी

दैनिक जागरण नोएडा का प्रबंधन अब आंदोलन की धमक से सहम चुका है। अब वह बड़ी कार्रवाई पर मंत्रणा में मशगूल हो गया है। कर्मचारी बहादुरी से अपनी मांगों पर अटल रहते हुए पूरी तरह आरपार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। ताजा सूचना ये मिल रही है कि जागरण मालिक और प्रबंधक अब संस्थान के आंदोलित पुराने कर्मचारियों को हटा कर नई भर्ती करने की योजना बना रहे हैं। नई भर्ती के लिए इंटरव्यू लिए जा रहे हैं। जो लोग यूनियन में शामिल हैं,  उनको हटाने की तैयारी की जा रही है। हालाँकि ये भी कहा जा रहा है की यह चर्चा यूनियन की एकता तोड़ने के लिए प्रबंधन द्वारा फैलाई जा रही है।

दैनिक जागरण नोएडा में काली पट्टियां बांधकर प्रबंधन की नीतियों का विरोध जताते कर्मचारी

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मीडिया जगत की एक बहुत बड़ी खबर भड़ास के पास आई है। दैनिक जागरण नोएडा के कर्मचारियों ने जिस तरह आंदोलन की राह पर पूरी एकता के साथ कदम बढ़ा दिया है, उससे जागरण प्रबंधन बुरी तरह डर गया है। उसके पास अब बस एक ही रास्ता बचा है कि वह कर्मचारियों का दमन शुरू कर दे। इसकी पहली कड़ी के रूप में अंदोलनकारियों की पहली कतार में शामिल कर्मचारियों की नौकरी छी ली जाए। इसके लिए व्यूह रचना हो चुकी है। इससे तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनो में टकराव कोई भी रूप ले सकता है। मजीठिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट और यूनियन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के आईने में कर्मचारियों का पलड़ा भारी हो सकता है और आज के हालात में उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई जागरण प्रबंधन के लिए बहुत भारी पड़ सकती है।  

गौरतलब है कि दैनिक जागरण प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों, दंडात्मक कार्रवाइयों, मजीठिया वेतनमान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को न मानने आदि से नाराज कर्मचारी अब आमने सामने की लड़ाई में उतर चुके हैं। जागरण कर्मचारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीधे टकराव की लामबंदी के साथ नोएडा और दिल्ली में जागरण कर्मचारी काली पट्टियां बांधकर काम कर रहे हैं। वह 17 जुलाई को 24 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे। उसके बाद आगे के संघर्ष की रूपरेखा लागू की जाएगी। कर्मचारियों की तरफ से 8 जून 2015 को दैनिक जागरण प्रबंधन को नोटिस देकर पूर्व सूचना दे दी गई थी कि उनके मांग पत्र पर कोई विचार करने की बजाय प्रबंधन कर्मचारियों का लगातार उत्पीड़न कर रहा है। इसलिए अब वे एक जुलाई 2015 से काली पट्टियां बांध कर कार्य करेंगे। यह सिलसिला 16 जुलाई तक जारी रहेगा। अगले दिन 17 जुलाई को 24 घंटे तक कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर रहेंगे। यह भी पता चला है कि अखबार की अन्य यूनिटों में भी ये आंदोलन पैर पसार सकता है। पूरे ग्रुप में कार्यरत कर्मचारी अखबार मालिकों के कट्टरतापूर्ण एवं उत्पीड़नात्मक रवैये से बुरी तरह आजिज आ चुके हैं। जागरण प्रबंधन, प्रशासन और सरकारों में अपनी जड़े जमाने के भरोसे ये उम्मीद पालकर चल रहा है कि वह कर्मचारियों की मांगों पर कत्तई विचार नहीं करेगा, चाहे उसे सुप्रीम कोर्ट ही क्यों न सीधे आदेशित करे। कर्मचारी भी इस बार अपना इरादा ठान कर मैदान में उतर रहे हैं कि अब लड़ाई आर या पार होगी, चाहे कुछ भी हो जाए, इस दमनकारी अखबार मालिक की हरकतों के आगे कत्तई नहीं झुकना है। स्थिति काफी गंभीर नजर आ रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिन अखबार के लिए बड़े ही चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। 

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दैनिक जागरण के कर्मचारी अब आरपार की लड़ाई के मूड में, काली पट्टियां बांधी, 17 को हड़ताल

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जागरण के जिंदा और हिन्दुस्तान-अमर उजाला के मुर्दा पत्रकार

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0 Comments

  1. vinod

    July 3, 2015 at 6:09 pm

    जियो दैनिक जागरक कर्मी. शर्म करो हिंदुस्तान, अमर उजाला

  2. vinod

    July 3, 2015 at 6:12 pm

    शशि शेखर, उदय कुमार की चमचागिरी छोरो, अपने हक़ के लिए सड़क पर उतरो

  3. आनंद शर्मा, शिमला।

    July 4, 2015 at 3:05 am

    मजीठिया वेतनमान लागू करने के लिए कानून पत्रकारों के साथ है। दिल्ली में तो मुख्यमंत्री केजरीवाल भी पत्रकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। माहौल अनुकूल है। सभी पीड़ित पत्रकारों को चाहिए कि अखबार मालिकों की आगे पीछे की सारी कसर इसी बार निकाल ली जाए। अखबारों में अकसर पत्रकारों से कोरे कागजों में हस्ताक्षर कराए जाते हैं। उससे मत घबराइये। ऐसे कागज अदालत में कहीं नहीं ठहरते। जीत आपकी होगी।

  4. mini

    July 4, 2015 at 5:29 am

    मेरा ख्याल है कि सभी अखबार कर्मियों को जागरण क़े कर्मचारियों का साथ देना चाहिए

  5. रचना

    July 4, 2015 at 3:55 pm

    अहिंसा से गांधी जी ने अंग्रेजी साम्राज्य का कभी न अस्त होने वाला सूरज पश्चिम में अस्त करवा दिया और भगत सिंह राजगुरु सुखदेव ने अपने क्रन्तिकारी बलिदान से अंग्रेजी हुकूमत की कान्ति फीकी कर दी. जागरण के कर्मचारियों को ऐसे ही आगे बढ़ने की जरुरत है. हक के रास्तो में अब न कोई बाँधा होगी मजीठिया की मंजिल अब हमारा आशियाना होगी। वीर तुम बढे चलो धीर तुम बढे चलो। एकजुटता की शक्ति की जय हो जय हो

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