नोएडा में रमन सिंह ने किया दैनिक ‘सन स्टार’ के दिल्ली संस्करण का लोकार्पण

नई दिल्ली। मीडिया एक ऐसा माध्यम है, जो प्रशासन को जनता से जोड़ता है। मीडिया का मजबूत होना लोकतंत्र का मजबूत होना है। यह बात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शनिवार को फिल्म सिटी नोएडा में राष्ट्रीय हिंदी दैनिक सन स्टार के दिल्ली संस्करण का औपचारिक लोकार्पण करते हुए कही। वे नोएडा में सन स्टार और महुआ टीवी समूह के संयुक्त कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अहमदाबाद से विशेष रूप से आज यहां पहुंचे थे।

मजीठिया: बाजू में काली पट्टी, मौन व्रत, रंग लाया जागरण कर्मियों का संघर्ष, बढ़ा वेतन

पिछले महीने दैनिक जागरण नोएडा के कर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रतीकात्‍मक आंदोलन पर थे। इसके साथ ही उन्‍होंने 16 जुलाई को हड़ताल का नोटिस प्रबंधन को थमाया हुआ था जिसके बाद जागरण कर्मियों की एकता से घबराये हुए प्रबंधन ने वार्ता का लंबा दौर चलाया। इस दौरान प्रबंधन अपनी कुटिलता से बाज नहीं आया और हड़ताल रुकवाने के लिए अदालतों में याचिका दायर करता रहा परंतु जागरणकर्मियों ने भी जैसे दृढ़ निश्‍चय कर रखा था कि अब संस्‍थान में पुरानी परिपाटी नहीं चलने देंगे। अब और अत्‍याचार सहन नहीं करेंगे। अपना जायज हक लेकर रहेंगे। प्रबंधन की कुटिल चालों से वार्ता को पटरी पर आते न देख जागरण कर्मियों ने मौन व्रत पर जाने का निर्णय लिया।

आंखो देखी : ये मीडिया का आपातकाल नहीं तो और क्या है!

13 जुलाई, रात के लगभग दस बज चुके थे। मेरे मोबाइल फोन की घंटी बजी। हमारे दैनिक जागरण के सहयोगी रमेश मिश्र का फोन था। उन्‍होंने कहा, क्षेत्राधिकारी द्वितीय डॉक्‍टर अनूप सिंह ने बुलाया है। राष्‍ट्रीय सहारा कार्यालय परिसर में। मैंने तुरंत अपनी मारुति वैन निकाली और हम राष्‍ट्रीय सहारा के मुख्‍य द्वार पर पहुंच गए। चारों ओर पुलिस ही पुलिस। कहीं पीसीआर तो कहीं पुलिस की बुलेरो। यही नहीं, पुलिस के वज्र वाहन समेत कई बड़े वाहन खड़े थे। ऐसा लग रहा था, जैसे कोई बड़ा दंगा हो गया हो। बिना किसी बात के उत्‍तर प्रदेश पुलिस को इस तरह से सक्रिय होते पहली बार देखा।

मुझे दैनिक जागरण के प्रबंधकों के खिलाफ दर्ज करानी है एफआईआर : श्रीकांत सिंह

दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में 7 फरवरी 2015 की रात में हुई हड़ताल के बाद तबादले वापस लिए जाने के आदेश पर मुझे जम्‍मू से वापस बुलाया गया था, लेकिन जब मैं नोएडा कार्यालय पहुंचा तो मुझ पर संस्‍थान के गार्डों से हमला करा दिया गया और मुझसे 36 हजार रुपये छीन लिए गए। 100 नंबर पर फोन कर मैंने पुलिस बुला ली, लेकिन दैनिक जागरण का बोर्ड देखकर पुलिस बैरंग लौट गई। उसके बाद मैं पुलिस चौकी, फेस तीन थाना, सीओ टू आफिस और वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्‍कर लगाता रहा, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दैनिक जागरण बहुत बड़ा बैनर है। उसके किसी भी प्रबंधक के खिलाफ हम एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते, भले ही उन्‍होंने कितना भी बड़ा अपराध क्‍यों न किया हो। तो यह है नोएडा जैसे प्‍लेटिनम शहर की सुरक्षा व्‍यवस्‍था।

नोएडा हिंदुस्‍तान में एक और विकेट चटका, दो और के अखबार छोड़ने की अटकलें

दैनिक हिंदुस्‍तान नोएडा कार्यालय में इन दिनों हताशा का माहौल है। इन्‍क्रीमेंट में उपेक्षा और भेदभाव का शिकार हुए लोग लगातार संस्‍थान का दामन छोड़ रहे हैं। इस माह अब तक तीन लोग संस्थान छोड़ चुके हैं, जिनमें विनीत राय, प्रभात उपाध्‍याय और मनोज द्विवेदी शामिल हैं। 

हिंदुस्‍तान नोएडा को छोड़ प्रभात और मनोज पहुंचे दैनिक जागरण

हिंदुस्‍तान प्रबंधन की भेदभाव पूर्ण नीतियों और दमनकारी माहौल से खफा होकर दो कर्मियों ने जागरण का दामन थाम लिया है। दैनिक हिंदस्‍तान नोएडा में कार्यरत प्रभात उपाध्‍याय एजुकेशन बीट देखते थे। प्रभात ने स्‍थानीय संपादक के बेहूदापूर्ण व्‍यवहार से नाराज होकर पिछले दिनों दैनिक जागरण का दामन थाम लिया। 

कर्मचारियों से निपटने के लिए दमन की रणनीति बनाने में जुटा जागरण प्रबंधन, कोई भी कार्रवाई भारी पड़ना भी तय

दैनिक जागरण नोएडा का प्रबंधन अब आंदोलन की धमक से सहम चुका है। अब वह बड़ी कार्रवाई पर मंत्रणा में मशगूल हो गया है। कर्मचारी बहादुरी से अपनी मांगों पर अटल रहते हुए पूरी तरह आरपार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। ताजा सूचना ये मिल रही है कि जागरण मालिक और प्रबंधक अब संस्थान के आंदोलित पुराने कर्मचारियों को हटा कर नई भर्ती करने की योजना बना रहे हैं। नई भर्ती के लिए इंटरव्यू लिए जा रहे हैं। जो लोग यूनियन में शामिल हैं,  उनको हटाने की तैयारी की जा रही है। हालाँकि ये भी कहा जा रहा है की यह चर्चा यूनियन की एकता तोड़ने के लिए प्रबंधन द्वारा फैलाई जा रही है।

दैनिक जागरण नोएडा में काली पट्टियां बांधकर प्रबंधन की नीतियों का विरोध जताते कर्मचारी