Month: November 2013
एके गांगुली के खिलाफ तेजपाल की तरह स्वतः एफआईआर दर्ज करने की मांग
निशिकांत ठाकुर और उनके साथियों ने डॉक्टर के साथ मारपीट की
तेजपाल की जमानत अर्जी खारिज, क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
तिरूपति से पशुपति तक प्रचंड पराजय के बाद माओवाद
इंसेफेलाइटिस के गढ़ पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल
पीटीआई ने मुख्यमंत्री के बारे में ही गलत खबर चला दी
पूर्व मंत्री के गनर ने की पत्रकार के साथ मारपीट
मंत्री जी ने पत्रकारों के लिए अलग-अलग बजट बना रखा है
टाइम पत्रिका के चुनाव में दिलचस्पी है तो पहले मूट को जानिए
संतोष मानव हरिभूमि भोपाल के संपादक
दैनिक भास्कर जमशेदपुर के संपादक रहे संतोष मानव हरिभूमि भोपाल के संपादक होंगे। वे दिसंबर में भोपाल में कार्यभार संभालेंगे। भोपाल में लंबे समय तक दैनिक भास्कर में समाचार संपादक रहे संतोष मानव के लिए नया चैलेंज होगा। नए साल में आधुनिक प्रिटिंग मशीन और बेहतर संसाधनों के साथ हरिभूमि भोपाल से नए संस्करण की लांचिंग की तैयारी जोरशोर से कर रहा है।
राजेंद्र तिवारी की वजह से प्रभात खबर छोड़ा स्वयं प्रकाश ने?
: कानाफूसी : प्रभात खबर में इन दिनों संपादक राजेंद्र तिवारी की बदमजगी से माहौल रांची से लेकर पटना तक लगातार खराब हो रहा है। बिहार में दैनिक भास्कर के दस्तक देने से बने माहौल से निपटने को तिवारी को प्रमुख संपादक हरिवंश जी ने रांची से पटना भेजा था। मगर, उनके पटना आगमन के साथ ही प्रभात खबर के अंदर का माहौल इतना विषाक्त हो गया कि लंबे समय से समूह में काम करने वाले बिहार के स्टेट हेड स्वयंप्रकाश को इस्तीफा देना पड़ा।
आईटी कंपनियों द्वारा सोशल साइट्स के दुरुपयोग पर एफआईआर
हरिवंश के करीबी स्वयं प्रकाश ने दिया इस्तीफा, हिंदुस्तान जाने की चर्चा
बिहार में प्रभात खबर को गहरा झटका लगा है। अखबार के प्रधान संपादक हरिवंश के सबसे करीबी माने जाने वाले बिहार के स्टेट हेड स्वयं प्रकाश ने इस्तीफा दे दिया है। वे हिन्दुस्तान के संग हो गये है। हिन्दुस्तान पटना में उन्हें आरई स्पेशल प्रोजेक्ट बनाने की खबर है। उनका वेतन प्रभात खबर में मिलने वाली सैलरी से दुगुनी बतायी जाती है। प्रभात खबर के प्रिन्ट लाइन में आज से स्वयं प्रकाश का नाम गायब है। उनकी जगह अभी किसी का नाम नहीं जा रहा है।
तो अब नामवर सिंह को कोई भी अगवा कर सकता है
पटना में डीटीओ बन वसूली करता राष्ट्रीय सहारा का पत्रकार गिरफ्तार
गलत कारनामों को लेकर पूरे देश में मीडिया पर उठ रही उंगलियों में एक नाम बिहार के एक पत्रकार का भी उभरा है। राष्ट्रीय सहारा के बिहार एडीशन के पटना सिटी कार्यालय के ब्यूरो चीफ रजनीश को पटना की पुलिस ने छदम वेश में नकली डिस्ट्रिक ट्रांसपोर्ट अफसर बन कर रात के अंधेरे में पीली बत्ती में घूम हाइवे पर वसूली करने के आरोप में धर दबोचा है। पटना के अखबारों में इस पर बड़ी-बड़ी रिपोर्ट छपी है।
पटना से भास्कर के प्रकाशन की तैयारी क्या शुरू हुई पटना की अखबारी मंडियों में भगदड़ मची हुई है
बिहार की राजधानी पटना से भास्कर के प्रकाशन की तैयारी क्या शुरू हुई पटना की अखबारी मंडियों में भगदड़ मची हुई है। नये तो नये पुराने पत्रकार भी मुंह बाये खड़े हैं। अखबारों का मैनेजमेंट तो सकते में है ही। पहले तीनों हिन्दुस्तान, जागरण और प्रभात खबर प्रबंधन की मनमानी चलती थी। पत्रकारों के हितों पर प्रबंधन की राय अलग-अलग रहती है लेकिन अखबार का दाम तय करना हो तो सब एकजुट हो जाते है। अर्थात पाठकों का दोहन करने में एक साथ।
एक था तहलका
सम्पादक जी, जो आपने लिखा वही परम-अंतिम सत्य वाला जमाना गया
Nadim S. Akhter : सम्पादक जी, ये फेसबुक का काल है, वो जमाना गया, जो आपने लिखा, वही छपा और वही परम-अंतिम सत्य था. अजीब बात है. सम्पादक लोग भी फेसबुक पर निष्पक्ष होकर नहीं लिख पाते. सीधे-सीधे दिल्ली में शीला दीक्षित की वापसी की बात कह रहे हैं. बोलते हैं कि बहुमत मिल जाएगा.
राजनीतिक पार्टियों की शह पर आपके लाइक्स खरीद रही हैं आईटी कंपनियां, आपका सिस्टम हो रहा है हैक…
Nadim S. Akhter : कोबरा पोस्ट ने शानदार खुलासा किया है. इंटरनेट की दुनिया में बहुत बड़ा रैकेट और फ्रॉड चल रहा है सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से. राजनीतिक पार्टियों की शह पर आपके लाइक्स खरीद रही हैं आईटी कंपनियां… आपका सिस्टम हो रहा है हैक… ये नई शताब्दी है, सो अब चुनाव के नतीजे भी सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से प्रभावित करने के तरीके अपनाए जा रहे हैं. लाइक्स और फोलोवर ढूढे जा रहे हैं. आपके लैपटॉप हैक किए जा रहे हैं और आपको पता भी नहीं चल पा रहा है.
जादूगोड़ा पुलिस ने कमल का मामला उठाने पर सामाजिक कार्यकर्ता को भेजा जेल
Rule of Law Yes: Witch Hunting, No- DUJ
पढ़िए, क्या कहते हैं अरुण पुरी और विनोद मेहता तेजपाल के बारे में
कानून का चला हथौड़ा, डेन संचालक दीनू के खिलाफ कुर्की का आदेश
क्या नकली नोटों का भी धंधा करते हैं समृद्ध जीवन वाले
पत्रकारों की भगदड़ में बिहार डायरी के प्रकाशन में हो सकता है विलंब
जीएम द्वारा नोटिस ना लेने पर हिन्दुस्तान के पीड़ित कर्मचारियों ने सीईओ को भेजा पत्र
Vishwanath Pratap singh- the prophet of social justice in South Asia
Vishwanath Pratap singh- the prophet of social justice in South Asia is regarded one of the great political and social emancipator after Jyotirao Phule, Babasaheb Ambedkar and Periyar. He was the real king of masses and lies in the threads of 'Grand King'- Gautam Buddha, Chhatrapati Shivaji and Shahuji Maharaj who all committed for justice, peace, and equality. India has seen many changes after his prime ministership.
मुझे राजनीतिक कारणों से परेशान किया जा रहा है: सु्ब्रत रॉय
खनन माफिया के खिलाफ लिखने वाले पत्रकार की डंपर से कुचलकर हत्या
मानसिक मैथुनरत मिडिल क्लास और सिस्टम कब्जाए प्रभुओ के देश में…
Yashwant Singh : मिडिल क्लास को अपने मुद्दे, अपने सुख-दुख इतने प्रामिनेंट, इतने जरूरी, इतने महत्वपूर्ण लगते हैं कि उसे देश में दूसरा कोई नहीं दिखता.. न भूमिहीन मजदूर, न किसान, न गांव से शहर पलायन, न आदिवासी, न जंगल, न जमीन… लगे रहो चिरकुटों अपने सेफजोन में बैठकर मानसिक मैथुन करने-कराने में…
हिंदी पत्रकारों के राजनेताओं के साथ संपर्क बनाने की शुरुआत दिनमान के श्रीकांत वर्मा ने ही की थी
Pramod Joshi : तहलका की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर संशय कभी नहीं था। तरुण तेजपाल के साथ उच्चभ्रू पत्रकारों की एक टोली थी, जिनके साथ बड़े राजनेताओं और कारोबारियों के रिश्ते थे। कपिल सिब्बल ने स्वीकार किया है कि उन्होंने तेजपाल की मदद में एक राशि दी, बावजूद इसके कि वे उनसे परिचित नहीं थे। हाँ एक कारण यह हो सकता है कि एनडीए सरकार के उस दौर में तेजपाल को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में कांग्रेस से जुड़े राजनेताओं ने उनकी मदद की तो गलत कुछ नहीं किया। इस प्रकार की पक्षधरता वाली पत्रकारिता भी पत्रकारिता ही है। और तहलका ने अनेक अच्छी रिपोर्टों को प्रकाशित किया।
विक्रम राव से लेकर हेमंत तिवारी तक, सब स्वार्थों का गठजोड़ कायम कर पत्रकारिता को नीलाम कर रहे हैं..
Yashwant Singh : लखनऊ में पत्रकार नहीं हैं.. सब लायजनर और दलाल हैं… एकाध फीसदी जो ठीकठाक पत्रकार होंगे, वे भी प्रदेश सरकार के खिलाफ खुलकर नहीं लिखते बोलते क्योंकि उनकी पूंछ मकान, दुकान, मान्यता, भ्रमण, अनुदान, नौकरी आदि चीजों के तले दबी है.. यही कारण है कि इतने बड़े प्रदेश की राजधानी में प्रदेश की जनता की जेनुइन प्राब्लम्स को तो छोड़िए, खुद मीडिया वालों की समस्याओं तक पर कोई आवाज नहीं उठती, किसी की कलम नहीं चलती..
यूपी में किसान मर रहा है तो मरे, प्रदेश सरकार तो ‘बड़े-बड़ों’ में व्यस्त है
यूपी में चीनी मिल चलाने न चलाने को लेकर जारी रस्साकशी के बीच लखीमपुर में एक गन्ना किसान ने सुसाइड कर लिया. एक चीनी मिल पर उसके दो ढाई लाख रुपये बाकी थे, उसे वे रुपये नहीं दिए जा रहे थे. खेत में खड़ी गन्ने की फसला चीनी मिलों की पेराई शुरू न होने से सूख गई… खेती से लेकर अन्य घरेलू व जरूरी कार्यों के लिए लाखों रुपये ब्याज पर ले लिया था जिसके ब्याज की सुई तेजी से उपर भाग रही थी… आखिर में घर वालों के दुख, संकट, मुश्किल, मजबूरी देख उस किसान ने जान दे दी…
करप्शन की बहती गंगा में डुबकी लगा राजीव शुक्ला भी तर गए
राजीव शुक्ला की कहानी भी देर सबेर आनी ही थी. आखिर करप्शन की बहती गंगा में वो भी डुबकी क्यों न लगाएं. पता नहीं फिर मौका मिले या न मिले. पत्रकार से नेता बने और जोरदार लायजनर के रूप में कुख्यात राजीव शुक्ला की कंपनी को कौड़ियों में दे दिए गए करोड़ों रुपये के प्लॉट. मामला मुंबई का है. बीएफईएस यानि बैग फिल्म्स एजुकेशन सोसाइटी को करोड़ों रुपये के प्लाट करीब 35 साल पुराने रेट पर आवंटित कर दिए गए. इस बारे में मुंबई मिरर ने खबर प्रकाशित की है. अब यह खबर सोशल मीडिया पर फैलने लगी है.
हिंदी चैनल की पत्रकार होती तो खुद रुक जाती या रोक दी जाती
Vikas Mishra : आज ऐसे ही दफ्तर में मैंने कहा- ''बहुत हो गया तेजपाल-तेजपाल..। कितने तेजपाल मुंह पोंछकर बैठे हैं, और एक बेचारा फंस गया तो पीछे ही पड़ गए हैं, जैसे वही एक दरिंदा है। तेजपाल को फांसी दे देने के बाद देश की सारी लड़कियां सुरक्षित हो जाएंगी क्या? चलो तेजपाल को सपोर्ट किया जाए..।'' मेरे ही बगल में थीं हमारी चैनल की एक ऐंकर। उन्होंने कहा- ''एक को तो भीतर जाने दीजिए… क्या जरूरी है कि ये भी इस नाते बच जाए कि बाकी सारे बच गए थे..।'' क्या कहें आपसे… उनके इस जवाब से मैं लाजवाब हो गया।
अरविंद की शख्सियत शीला पर भारी पड़ते देखकर मैं खुद इतना खुश क्यों हो रही हूं
Pashyanti Shukla : कहां लोग झाड़ू को घर में छुपाकर रखते थे आज उसे सिर पर सजा कर घूम रहे हैं.. दिल्ली में आपको हर जगह आप चाहें ना चाहें लोग मोर पंख की तरह झाड़ू को सिर पर सजाए मिल जायेंगे…कुछ तो है मिस्टर केजरीवाल..!!! सच्चाई सामने देखकर आंखे बंद नहीं की जा सकती.. आम आदमी पार्टी का असर दिल्ली में गली मुहल्लों सड़क किनारे की उन दुकानों से लेकर बड़े बड़े ऑफिसों में नज़र आ रहा है.. आम आदमी पार्टी वास्तव में एक आम मुद्दा बन गई है..कट्टर कांग्रेसी और बीजेपी को छोड़ दीजिए तो आम लोग अरविंद केजरीवाल में अपना प्रतिनिध देखते हैं…
दिल्ली फतेह के बाद ‘आप’ वाले पूरे देश पर कब्जे के लिए कांग्रेस-भाजपा से भिड़ेंगे
Dayanand Pandey : दिल्ली तो बस अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है ! कांग्रेस और भाजपा के लिए खतरे की घंटी है अब 'आप' और अरविंद केजीवाल। आप चाहे जो आरोप लगाइए 'आप' के लोगों पर लेकिन अब तो सच यही है कि अगर खुदा न खास्ता दिल्ली पर जो 'आप' ने फ़तेह कर ली, जो करती दीखती भी है। तो भाजपा और कांग्रेस की छाती पर चढ़ कर वह देश में भी बिगुल बजा देगी।
रवीश की रिपोर्ट देखकर समझ जाएंगे कि ‘आप’ के पक्ष में दिल्ली में जबरदस्त माहौल है
Nadim S. Akhter : रवीश की रिपोर्ट का सच… पिछले दिनों मैंने अपनी वॉल पर दिल्ली की चुनावी जंग पर कुछ लिखा था. अभी रवीश की रिपोर्ट देखी. आप भी देखिए कि मैंने जो लिखा था, रवीश की इस रिपोर्ट में वही सब बातें वीडियो की शक्ल में हैं. बस लोगों के चेहरे और स्थान बदल गए हैं. रिपोर्ट देखकर आपको ये पता चल जाएगा कि आप पार्टी के पक्ष में दिल्ली में जबरदस्त माहौल है.
कानपुर में महिला बैंक मैनेजर ने सीनियर सीनियर जीएम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया
Zafar Irshad : नारी शक्ति की जय हो…नया मामला कानपुर का है, एक महिला बैंक मैनेजर ने अपने सीनियर जनरल मैनेजर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराया है…और कहा है कि उन्होंने अपने कमरे में बुलाकर सम्बन्ध बनाने की कोशिश की.. मैंने एसजीएम से बात की, तो उन्होंने कहाँ कि मेरे कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगा है, आप देख लें, मामले की जांच करा लें, अगर मैं दोषी हूँ तो मुझे सजा दी जाए…
वो लोग भी बोल रहे हैं जो हर महिला के चरित्र पर सवाल उठाया करते थे
Pashyanti Shukla : तेजपाल के व्यक्तित्व का पोस्टमॉर्टम आज कुछ वो लोग भी कर रहे हैं जिन्हें खुद नहीं पता होगा कि दिल्ली की जिन सड़कों पर खड़े होकर आज वो लाइव दे रहें है उन्ही सड़कों पर उन्होंने अपने ही साथ काम करने वाली कितनी महिलाओं के चरित्र का कैसा कैसा अध्ययन किया होगा… कितना चरित्र हनन किया होगा… मुझे आश्चर्य लगा एक ऐसे रिपोर्टर को इस मुद्दे पर बोलते हुए जिसने मेरे ही सामने कभी कांग्रेस ऑफिस 24, अक़बर रोड पर खड़े होकर किसी और महिला पत्रकार के लिए कहा था कि ''लटके झटके दिखाकर मैडम को खबर मिल जाती है..अरे इनके रिश्तों की चर्चा तो प्रमोद महाजन से थी..सफलता की सीढियां इन्होने उसी के ज़माने में चढ़ी..'' … धन्य है दोगलापन.. (पत्रकार रह चुकीं पश्यंती शुक्ला के फेसबुक वॉल से.)
अपराधी का लिखा पढ़ लेने में कौन गुनाह घटित हो जाता है : ओम थानवी
Om Thanvi : राजेंद्र यादव तब हमारे बीच थे। उन्होंने मुझे फोन किया कि 'कुख्यात पप्पू यादव' की किताब पर हम लोग चर्चा करेंगे। नामवरजी तैयार हैं, आप भी आइए। मैं बिना हर्ष तैयार हो गया। लिखने का अधिकार सबको है। कोई "कुख्यात" शख्स किताब जैसी पवित्र चीज पर हाथ आजमाए, क्या यह उसका कायांतरण है? मुझे लगा कि जरूर यह किताब पढ़नी चाहिए; अपने को और दुनिया को यह व्यक्ति अब कैसे देखता है, लेखकों-पाठकों के बीच इसकी चर्चा करने में हर्ज क्या है?
दीपक चौरसिया और अनुरंजन झा की ‘सुपारी पत्रकारिता’ पर कुमार विश्वास ने किया वीडियो जारी
Dr. Kumar Vishwas : एक पत्रकार मित्र ने किसी के माध्यम से यह वीडियो भेजा है। वे सचमुच के पत्रकार हैं। व्यथित हैं, चिंतित हैं, ऐसा उनके वीडियो से भी प्रतीत होता है। पत्रकारिता की साख को लेकर चिंतित हैं, और मुझ पर लगे मिथ्या-आरोपों से दुखी हैं। मेरा उनसे सिर्फ इतना ही कहना है, कि समय हर व्यक्ति की, हर संस्थान की, हर रिश्ते की, हर शै की परीक्षा लेता है। यह पत्रकारिता के लिए परीक्षा की घड़ी है।
ये बलात्कारी सेकुलर है या कम्युनल?
Deepak Sharma : ये बलात्कारी सेकुलर है या कम्युनल? दाहिने तरफ खड़े लोग अब तेजपाल को सूली पर चढ़ाना चाहते हैं क्यूंकि कुछ साल पहले उन्होंने बीजेपी के प्रमुख बंगारू लक्ष्मण का रिश्वत लेते स्टिंग आपरेशन किया था. इस घटना से बीजेपी को बेहद शर्मिंदगी हुई थी. बाएँ तरफ खड़े लोग तेजपाल के गुनाह पर पानी नही फेर सकते क्यूंकि मामला एक महिला के घोर उत्पीड़न का है. इसलये वो स्केंडल की जगह तेजपाल की सेकुलर पत्रकारिता की याद दिला रहे हैं.
इस्तीफा नहीं दिया होता तो ‘जी सर जी सर…’ करती रहती : अमृता सोलंकी
Amrita Solanki : yadi maine istifa nahi diya hota to itna khul kar bat nhi kar pati, bas karti rahti ……ji sir sir sir ji ji ji sir ……. mere istife ne mujhe aajadi di ki mai kah saku ki mai aajad hindustani hu, angrejo ke jamane ki police nahi…..
अर्नव selective journalism करते हैं?
Nadim S. Akhter : अपने वादे के मुताबिक क्या इस ईमानदार महिला पुलिस अफसर को न्याय दिलाने की मुहिम छेड़ेंगे अर्नव? कल टाइम्स नाऊ पर 'मेधावी वाक योद्धा' अर्नव गोस्वामी खूब जुगाली कर रहे थे. मामला तरुण तेजपाल और यौन शोषण का था. पैनल में बैठे लोग भी चहक-बहक रहे थे. सुहैल सेठ और महिला अधिकारों पर काम करने वाली कवित कृष्णन ने अच्छा बोला. कविता ने तो अर्नव को बगलें झांकने को मजबूर कर दिया.
स्टिंग में खुलासा : सोशल मीडिया के सहारे नेताओं को मशहूर या बदनाम बनाने का ठेका लेती हैं आईटी कंपनियां
नई दिल्ली : यह तो होना ही था. सोशल मीडिया का जलवा जब चरम पर हो तो क्यों न कुछ कंपनियां इसके जरिए अपना हित साधें. सोशल मीडिया पर कुछ आईटी कंपनियां नेताओं को मशहूर और बदनाम करने का काम करती हैं. इसके लिए वह इनसे भारी भरकम रकम वसूलती है. यह खुलासा खोजी वेबसाइट कोबरा पोस्ट ने एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए किया है और इन आईटी कंपनियों का पर्दाफाश किया है.
जर्नलिस्ट झूठ बोलते हैं! (देखें वीडियो)
हरियाणा की प्रिंसिपल फाइनैंस कमिश्नर मैडम नवराज नैन संधू ने स्वास्थ विभाग के कई अधिकारियों समेत अंबाला जिला सिविल अस्पताल का देर शाम को औचक निरीक्षण किया| खबर लगते ही कुछ खबरनवीस भी मौके पर पहुंचे| अस्पताल में कई खामियां मिलीं| पत्रकारों ने भी अस्पताल में अव्यवस्था और खामियों को लेकर धुआंधार सवालों की बौछार की| मैडम ने बड़े इत्मिनान से उनके सवालों के जवाब दिए|
लॉ इंटर्न के यौन उत्पीड़न के आरोपी जज का नाम है एके गांगुली
एक लॉ इंटर्न के यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच कर रही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में रिटायर्ड जज एके गांगुली का नाम आरोपी के रूप में लिया है. मामले की जांच कर रही तीन-सदस्यीय समिति ने कल ये रिपोर्ट कोर्ट में मु्ख्य न्यायाधीश को सौंप दी. इससे पहले समिति ने छह बैठकें की. घटना के संदर्भ में पहली बार न्यायाधीश के नाम का खुलासा किया गया है.
इंडिया टीवी के रिपोर्टर अंकित जौहर पर जानलेवा हमला
अजय कुमार की वजह से मैं आत्महत्या के कगार पर
तरुण तेजपाल को लेकर पुलिस गोवा रवाना
हिन्दुस्तान के पत्रकार पर लड़की ने लगाया यौन शोषण का आरोप
तहलका के मेनहोल पर से ढक्कन उठा तो या खुदा यह कैसे कैसे निकले तेजपाल
राजीव कुमार, वेद प्रकाश यादव, धनंजय तिवारी, पवन मिश्र की नई पारी
मुख्यमंत्री के शाही भोज में पत्रकारों को कीड़े वाले खाने की सौगात
बाहुबली वो है जो पराक्रम से रचनात्मक कार्य करे एवं समाज को बदले: राम बहादुर राय
सोनभद्र के पत्रकार सुल्तान शहरयार पर स्थानीय अखबार ने लगाए गंभीर आरोप
सचिन ने ‘विराट वैभव’ छोड़ा, भविष्य त्यागी ‘जिया न्यूज’ से जुड़े
भास्कर के ब्यूरो चीफ पर मंत्री ने लगाया गलत रिपोर्टिंग का आरोप
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, पत्रकार शिरोमणि तरुण तेजपाल, महान लेखक पप्पू यादव…
Dayanand Pandey : यह भी क्या स्वर्णिम समय है… प्रणाम कीजिए इस समय को भी.. भारत रत्न सचिन तेंदुलकर… पत्रकार शिरोमणि तरुण तेजपाल… और अब महान लेखक राजेश रंजन ऊर्फ़ पप्पू यादव! वो गाना है न.. आ जा तुझे भी सैर करा दूं, तमंचे पे डिस्को! तमंचे पे डिस्को! अब देखिए न कि एक से एक भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, सब के सब नत हैं इस डिस्को के आगे और नाच रहे हैं… दुर्योधन, दुशासन समेत… आमीन बुलेट राजा, आमीन!
इंस्पेक्टर के सुसाइड नोट में पत्रकारों के नाम!
अम्बाला के पड़ाव पुलिस स्टेशन में आज हरियाणा पुलिस के एक इंस्पेक्टर करण ने खुद को गोली मारकर आतमहत्या कर ली। उसने ये कदम तब उठाया जब उसके खिलाफ कल एक महिला न यहाँ के बराड़ा कसबे के थाने में उसके खिलाप रेप का मामला दर्ज कराया।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में विवाद को लेकर कोषाध्यक्ष ने भी जारी किया पत्र
Being the Treasurer of Chandigarh Press club, I feel that its my duty to share the truth with all of you. I was busy in paternal home at Amritsar after October 31, 2013, So I could not bring the truth in your notice, Now I am free for all respected members.
विनय पाण्डेय, विजय मौर्य, और राजन कैंथ के बारे में सूचनाएं
संदीप शास्त्री का ‘अग्निबाण’ के सीईओ पद से इस्तीफा
जनमत सर्वेक्षणों पर वर्कशॉप, विनोद दुआ होंगे ख़ास मेहमान
सी-वोटर फाउंडेशन आगामी 30 नवंबर को जनमत सर्वेक्षणों पर वर्कशॉप का आयोजन करने जा रहा है। इस वर्कशॉप में मीडिया के छात्रों को जनमत सर्वेक्षण से जुड़े सभी पक्षों की जानकारियाँ दी जाएंगी। साथ ही इसमें प्रतिभागियों को सर्वेक्षण करने के तौर-तरीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
चुनाव आयोग के बदतमीज अधिकारी से नाराज महिला इंस्पेक्टर ने दिया इस्तीफा
सिस्टम ऐसा हो गया है कि ईमानदार और स्वाभिमानी लोग सरकारी नौकरियों में घुटन महसूस करते हैं. जिनके पास जितना अधिक पॉवर है, वो उतने अधिक बददिमाग और करप्ट होते जा रहे हैं. एक चौंकाने वाले घटनाक्रम के तहत राजगढ़ जिले में एक महिला इंस्पेक्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके साथ एक बड़े अधिकारी ने बदतमीजी की और ऐसे वाक्य कह डाले जिसे सुनकर किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति का खून खौल सकता है.
तहलका से तेजपाल की पूरी फैमिली ने पैसा कमाया, सिब्बल और जेठमलानी के भी शेयर
Nadim S. Akhter : तहलका को लेकर जबरदस्त खुलासा. इसमें ना सिर्फ कांग्रेसी मंत्री कपिल सिब्बल (80 शेयर) का पैसा लगा है, बीजेपी और नरेंद्र मोदी से नजदीकी रखने वाले राम जेठमलानी (165 शेयर) का भी पैसा लगा है. साथ ही ये भी पता चला है कि कैसे इस कंपनी के शेयर सारे नियम कायदे ताक पर रखकर खरीदे-बेचे गए और कैसे तरुण तेजपाल की बीवी-पिता-मां-बहन-भाई ने गलत तरीके से शेयर बेचकर पैसे कमाए. शोमा चौधरी ने भी 5 हजार रुपये के शेयर से 66 लाख रुपये बना लिए.
नई दुनिया, रायपुर से राजीव शर्मा का इस्तीफा, नीलकण्ठ भट्ट छोड़ेंगे सहारा
विजय जोली की हरकत से बीजेपी का महिलाओं के प्रति रुख पता चलता है
Sanjay Sharma : बीजेपी महिलाओं के प्रति कितनी उदार है आज दिख गया …बीजेपी नेता विजय जोली ने आज शोमा चौधरी के घर जाकर उनकी नेम प्लेट पर और उनके घर पर कालिख पोती ..क्या शोमा चौधरी महिला नहीं है ..शर्मनाक ..जोली साहेब आपके सबसे बड़े नेता और उनके चेले सारे नियम तोड़ कर एक महिला का सालों तक पीछा करवाते रहे, क्या उनके ऊपर कालिख नहीं पोतेंगे?
टीआरपी : एबीपी न्यूज नंबर दो पर, इंडिया न्यूज फिर चौथे पोजीशन पर
47वें हफ्ते की टीआरपी में दो महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं. इंडिया टीवी नंबर दो से तीन की पोजीशन पर पहुंच गया है. एबीपी न्यूज ने दूसरे नंबर के चैनल की कुर्सी हासिल कर ली है. आजतक हमेशा की तरह नंबर एक पर कायम है. उसे कोई दूर-दूर तक चुनौती देने वाला नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा- मुज़फ्फरनगर दंगे गुजरात दंगों की तरह नहीं
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा मुज़फ्फरनगर सहित समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुए सभी दंगों की सीबीआई जांच कराये जाने सम्बन्धी पीआईएल में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के दायर हलफनामे में कहा गया है कि मुजफ्फरनगर दंगों की तुलना 2002 के गुजरात दंगों से नहीं की जा सकती है. गृह सचिव कमल सक्सेना द्वारा दायर हलफनामे में राज्य सरकार के कार्यों का बचाव करते हुए इस बात से इनकार किया गया है कि सरकार के कर्मचारियों ने किसी धर्म-विशेष के प्रति पक्षपात किया है.
पंजाब केसरी के पत्रकार का कैमरा तोड़ा, जान से मारने की धमकी
आज नहीं पेश होंगे तेजपाल, मांगा शनिवार तक का वक्त
आनलाइन शॉपिंग कम्पनी होमशॉप 18 का फ्रॉड देखिए
पत्रकार सुरेश गांधी को एनएचआरसी चेयरपरसन ने दिया शीघ्र न्याय का आश्वासन
शोमा चौधरी के इस्तीफा देने के बाद तेजपाल सेक्स स्कैंडल में नया मोड़
तरुण तेजपाल सेक्स कांड में नया मोड़ तब आ गया जब तहलका पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने अपने पद से आज सुबह इस्तीफ़ा दे दिया. यौन शोषण का आरोप लगाने वाली क्लिक करें महिला पत्रकार व कुछ और पत्रकार भी तहलका से इस्तीफ़ा दे चुके हैं. तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी पर तरुण तेजपाल को बचाने के आरोप लग रहे हैं. उन पर तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले को दबाने की कोशिश के भी आरोप लगे हैं.
मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने दिया तहलका से इस्तीफा
बनारस के पत्रकारपुरम में अवैध धनउगाही का मामला हुआ उजागर
कमल सिंह को पलकों पर बिठाने वाले ही अब दे रहे गालियां
चंचल बीएचयू के बहाने कुछ फ़ेसबुकिया गुफ़्तगू
तरुण तेजपाल की तरह फाल्स ‘गॉड फादर’ पत्रकार नहीं थे अरुण शौरी
शंभूनाथ शुक्ल : एक खोजी पत्रकार थे अरुण। और अब ये तरुण! चौथे खंभे के स्तंभ थे अरुण शौरी न कि ये तरुण तेजपाल… १९८० में कानपुर में दैनिक जागरण ज्वाइन करने के कुछ ही महीनों बाद मुझे "आंख फोड़ो" कांड कवर करने के लिए भागलपुर भेजा गया। साथ में फोटोग्राफर रामकुमार सिंह थे। सुबह चार बजे हम विक्रमशिला एक्सप्रेस से निकले और शाम करीब सात बजे भागलपुर पहुंचे। वहां के एकमात्र होटल नीलम होटल में हम रुके। होटल का रजिस्टर भरते हुए मुझे ठीक ऊपर अरुण शौरी का नाम दर्ज दिखा। मैने पूछा कि क्या अरुण शौरी यहीं रुके हैं। वहां बैठे युवक ने बताया कि जी अभी दोपहर को आए हैं।
वीपी सिंह को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए…
Santosh Singh : आज वीपी सिंह की पुण्यतिथि है…उनको उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन… केवल इतना लिख दूँ तो कई लोग नहीं समझेंगे.. क्योंकि उनको अन्य दूसरे लोगों की तरह मैंने भी शुरू में नहीं समझा था..1992 के शुरुआती दिन थे. मैं गाँव से मैट्रिक करके आगे की पढाई के लिए इलाहाबाद आया था. तब मंडल आयोग लागू ही हुआ था और दिल्ली के साथ इलाहाबाद भी उन दिनों मंडल आयोग द्वारा लागू आरक्षण के विरोध के आन्दोलन का केंद्र था..
उफ्फ… इंडिया न्यूज पर डिबेट का इतना घटिया स्तर.. इस पतन को क्या नाम दें?
Abhishek Srivastava : क्या किसी ने इधर बीच पब्लिक स्पेस में अचानक आए मौखिक/भाषायी/नैतिक स्खलन के मौन सेलिब्रेशन/सहमति पर ध्यान दिया है? अभी इंडिया न्यूज़ चैनल पर एक वकील ने दीपक चौरसिया से ऑन एयर कहा कि तुम तो मुझसे बिना मतलब नाराज़ हो, ऐसा है किसी शाम आओ बैठते हैं।
तेजपाल के बहाने तहलका का शिकार चल रहा है
मीडिया संगठन यौन उत्पीड़न निवारण के लिए समिति गठित करें : काटजू
नई दिल्ली : भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने सभी मीडिया संगठनों से कार्यस्थलों पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने और मामलों के निवारण के लिए आंतरिक समितियां गठित करने को कहा है आंतरिक शिकायत समितियों के गठन का निर्देश तहलका संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ एक महिला पत्रकार द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर आया है।
कोर्ट ने अनुरंजन और फर्जी स्टिंग के खिलाफ कंप्लेन पर 25 जनवरी की तारीख तय की
दिल्ली की एक अदालत ने समाचार पोर्टल मीडिया सरकार के खिलाफ बुधवार को आम आदमी पार्टी की आपराधिक मानहानि शिकायत पर विचार करने के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की। यह शिकायत आप के कुछ प्रत्याशियों के कथित रूप से गैर कानूनी ढंग से धन लेने के मामले में संपादित किये गये वीडियो जारी किये जाने के खिलाफ की गयी है। आप की मानहानि शिकायत मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन के समक्ष सुनवायी के लिए आयी। उन्होंने कहा कि वह कार्यवाही आगे बढ़ाने से पहले शिकायत पर गौर करेंगे। मजिस्ट्रेट ने आप के लिए पेश हुए वकील से कहा कि पहले मुझे मामले पर गौर करने दीजिये, तब मैं आगे बढ़ाऊंगा।
‘पंजाब केसरी’ पत्रकार को जान से मारने की धमकी
धर्मशाला: कांगड़ा के पंजाब केसरी के पत्रकार अविनाश वालिया का कैमरा तोडऩे व अभद्र व्यवहार और जान से मारने की धमकी देने पर पुलिस ने आई.पी.सी. की धाराओं 341, 506 और 504 के तहत मामला दर्ज किया है। बुधवार को जिला के पत्रकारों ने धर्मशाला प्रैस कल्ब अध्यक्ष राकेश पठानिया के नेतृत्व में पुलिस थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की।
नेटवर्क 10 के मालिक राजीव गर्ग के घर फिर पुलिस का छापा
मोदी और ‘माधुरी’ की इस तस्वीर से खुल रही कई दावों की पोल
जिस लड़की की जासूसी कराने के प्रकरण से आजकल नरेंद्र मोदी घिरे हुए हैं, उस लड़की के साथ मोदी की एक तस्वीर फेसबुक समेत सोशल मीडिया व वेब-ब्लाग पर घूमने लगी है. इस तस्वीर में आईएएस प्रदीप शर्मा भी दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग इस तस्वीर को शेयर करके एक दूसरे को बता रहे हैं कि "साहेब" इन्हीं की जासूसी करवा रहे थे.
अनुरंजन झा ने भी ‘आप’ के कई नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया
नई दिल्ली। 'आप' के खिलाफ फर्जी स्टिंग करने वाले अनुरंजन झा ने आम आदमी पार्टी और उसके 5 नेताओं अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव, मनीष सिसोदिया एवं शाजिया इल्मी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। अनुरंजन झा के मुताबिक इन नेताओं ने बिना किसी आधार के उनके खिलाफ गद्दार, दलाल और फर्जी जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। साथ ही बिना किसी सबूत के स्टिंग ऑपरेशन के लिए 12 करोड रुपये लेने का आरोप लगाकर उनके करियर और छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
कुछ तथाकथित न्यायप्रिय लोग खुर्शीद अनवर का ‘कैरेक्टर असेश्नेशन’ करने पर तुले हुए हैं
Mohammad Anas : पिछले दो तीन महीनों से फेसबुक और तमाम तरह के ब्लॉग पर आईएसडी के कर्ताधर्ता खुर्शीद अनवर को लेकर भद्दा आरोप लगाया जा रहा है. मिर्च मसाला लगाकर, मनोहर कहनियों की जैसी भाषा में कुछ तथाकथित न्यायप्रिय लोग खुर्शीद अनवर का 'कैरेक्टर असेश्नेशन' करने पर तुले हुए हैं. दशकों से वामपंथ और महिलाअधिकारों के लिए पहचाने जाने वाले खुर्शीद अनवर पर एक लड़की के कथित यौन हिंसा का आरोप लगा कर सोशल मीडिया में लोग रोटियां सेंक रहे हैं.
तहलका का साहस अब कहां है : अरुंधति रॉय
तरुण तेजपाल मेरा भांजा नहीं : कपिल सिब्बल
सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे झूठ का आखिरकार कपिल सिब्बल को खंडन करना पड़ा. कानून मंत्री ने कहा कि तरुण तेजपाल उनका भांजा नहीं हैं और न ही तहलका में उनका कोई शेयर है. लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने इशारों में कपिल सिब्बल पर तरुण तेजपाल को बचाने का आरोप लगाया तो कानून मंत्री ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी. कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके बारे में सोशल मीडिया में झूठ फैलाया जा रहा है.
जब कुछ नहीं मिल रहा तो फेक स्टिंग व ऑटो के पीछे तर्कहीन पोस्टर चिपकाए जा रहे
Payal Chakravarty : आम आदमी पार्टी के खिलाफ हो रही है छिछोरी राजनीति.. हालत टाइट है बॉस…..आम आदमी पार्टी……झाड़ू…..अरविंद केजरीवाल…….ये तीनों मौजूदा राजनीति में नए समीकरण लेकर आए हैं….ज़ाहिर है…इलेक्शन को लेकर विरोधी दलों की नींदें उड़ी हुई हैं……
‘इंडिया न्यूज’ चैनल में ‘भड़ास’ पर पाबंदी
इंडिया न्यूज में भड़ास देखना मना है. ये आदेश दीपक चौरसिया की तरफ से दिया गया है. इसके बाद चैनल की आईटी टीम ने भड़ास4मीडिया डाट काम डोमेन नेम को आफिस के सभी कंप्यूटरों पर ब्लाक कर दिया है. इस कारण इंडिया न्यूज के मीडियाकर्मी भड़ास अपने मोबाइल या टैब पर देख रहे हैं, वो भी चोरी चोरी चुपके चुपके.
नो वन किल्ड शशि : अरुषि-हेमराज से बड़ी मर्डर मिस्ट्री
चलिए अरुषि और हेमराज को तो सीबीआई ने इंसाफ दिला दिया. सीबीआई को कोर्ट मे मिली जीत के लिए बधाई. लेकिन मुझे याद आ रहा है शशि हत्याकांड. ये भी लगभग अरुषि-हेमराज हत्याकांड के ही समय का था. जिसमें तत्कालीन मंत्री आनन्दसेन यादव पर एक लॉ स्टुडेंट शशि के अपहरण और फिर अपने ड्राईवर से उसकी हत्या करा देने के आरोप लगे थे. मायावती ने आनन्दसेन का मंत्री पद तुरंत छीन लिया था और सीबीआई को जांच दिए जाने की संस्तुति कर दी थी. इसके पहले लगभग ऐसे ही मामले मधुमिता हत्याकांड मे अपने ही मंत्री अमरमणि और उनकी पत्नी के खिलाफ मायावती सीबीआई जांच करा चुंकी थीं. आज ये दम्पति आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है.
मीडिया में आरक्षण की जरूरत
एक दशक से भी अधिक समय पूर्व चन्द्रभान प्रसाद व अन्य दलित थिंक टैंक भारतीय प्रेस परिषद में ज्ञापन देने गये थे और मां की थी कि मीडिया में भी आरक्षण व्यवस्था को लागू किया जाये। ज्ञापन देने वालों को शिकायत थी कि मीडिया में सवर्णों के एक छत्र राज से उसमें वस्तुपरक दृष्टिकोण का विकास नहीं हो पा रहा जो इस विधा की साख के लिये बुनियादी जरूरत है। इस मुहिम को कई प्रगतिशील बुद्धिजीवियों ने भी समर्थन प्रदान किया था। इसके कारण मीडिया में शूद्रों का छिटपुट प्रवेश कराया गया। दलितों व पिछड़ों की समस्याओं पर भेजे जाने वाले लेखन का प्रकाशन भी सेफ्टी वाल्व के तौर पर शुरू हुआ लेकिन संपूर्णता में इसके बावजूद मीडिया के वर्ग दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है।
राजनीति और धर्म पर दो किताबों पकवान बनाने की विधियां अज्ञात भाषा में दर्ज!
भारत के संदर्भ में राजनीति और धर्म मुझे लाइब्रेरी में रखी दो ऐसी किताबें लगती हैं जिनमें पकवान बनाने की ढेर सारी विधियां किसी अज्ञात भाषा में लिखी गई हैं। हम सिर्फ चित्र देखकर उन पकवानों के बारे में अनुमान लगा सकते हैं। हम में से हर कोई खुद के अनुमान को सही ठहराने का दावा करता है। इन किताबों को हम पसंद या नापसंद कर सकते हैं, लेकिन नजरअंदाज नहीं कर सकते। इन दोनों विषयों पर मैंने कभी कुछ नहीं लिखा, क्योंकि ऐसा जरूरी नहीं समझा।
दुष्कर्मी पिता की गिरफ्तारी के लिए महिलाएं सड़क पर उतरीं
पीलीभीत : दुष्कर्मी पिता की शिकार पीलीभीत की 'दामिनी' को इंसाफ दिलाने के लिए महिला संगठनों के स्वर मुखर हो गए है। एकमंच पर आई महिलाओं ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मांग की। गोदावरी स्टेट में एकत्र हुई दर्जनों महिलाएं जुलूस की शक्ल में पहले डीएम कार्यालय पहुंची।
कांग्रेसी चैनल की दलाली करने वाले अनुरंजन झा को डा. कुमार विश्वास ने दिया ज्ञान
Dr. Kumar Vishwas : दूसरों को स्टिंग-ऑपरेशन का ज्ञान सिखाने वाले मेरे मित्र अनुरंजन झा की फेसबुक वाल से एक पुराना ज्ञान –
1. स्टिंग बच्चों का खेल नहीं
2. 'फंसाना' और 'एक्सपोज़ करना' अलग अलग है
3. expose और entrapment में बारीक फर्क है
कृष्ण कल्पित की कविता पर ओम थानवी ने जताई आपत्ति तो शुरू हो गई ऐसी-तैसी
Om Thanvi : दूरदर्शन के एक अधिकारी-कवि हैं जो अपने आप को मानो कबीर, मीर, ग़ालिब, पार्थ, सार्त्र आदि का अवतार समझते हैं और आजकल अपने "महाकाव्य" 'बाग़-ए-बेदिल' को किसी नामी लेखक के हाथों थमा उसका फोटो खींच फेसबुक पर चस्पां कर देने के लिए जाने जाते हैं। फेसबुक पर हाल ही शाया उनका यह "कवित्त" एक मित्र ने मुझे पढ़वाया हैः
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लो जी, यशवंत का भी हो गया स्टिंग! भड़ास पर ही देख लें
Yashwant Singh : यह शायद पहली बार हो रहा होगा कि जिसका स्टिंग हुआ है, वही उसको पेश कर रहा है… थोड़ा अप्रत्याशित करने की आदत है… बुरा भी और अच्छा भी, इसलिए यह भी कर रहा हूं… कई मित्रों के मना करने के बावजूद… एक सज्जन ने मेरा स्टिंग किया… मुझे भेजा.. कुछ डिमांड की.. बेहद हाल-फिलहाल का मामला है.. आजकल का ही… सो, इससे पहले कि वो कुछ करें, मैं अपने खिलाफ हुए स्टिंग को खुद शेयर कर रहा हूं… अपने वॉल पर, अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके…. ध्यान रखिए… अपन फार्मूलओं से परे आदमी हैं.. और, अब ठान लिया है कि खुद की बुराइयों के बारे में लिखूंगा… क्योंकि मेरी नजर में अच्छा बुरा पाप पुण्य आदि इत्यादि सब केवल परसेप्शन हैं, मनुष्य के बनाए नियम उपनियम हैं.. और नियमों की खेती सबसे ज्यादा मिडिल क्लास, लोवर मिडिल क्लास करता है… स्टिंग देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
ज़ी मरुधरा में अव्यवस्था का आलम, चुनाव से पहले ही भगदड़ शुरू
हाल ही में शुरू हुए ज़ी के राजस्थान के रीजनल चैनल ज़ी मरुधरा में अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि भगदड़ शुरू हो गई है। हाल ही में जोधपुर के ब्यूरो चीफ अमित यादव ने चुनावों के बीच में ही जोधपुर को राम राम बोल कर जयपुर आने का फैसला इसलिए ले लिया, क्योंकि उनसे चैनल के रेजिडेंट एडिटर ने नेताओं से ऐड की भीख मांग कर टारगेट पूरा करने का दबाव बनाया तो जयपुर ऑफिस से भी लोगों ने भागना शुरू कर दिया है। नोएडा में बैठे चैनल के आकाओं को कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा।
दैनिक भास्कर की लगातार पोल खोल रहा ‘दबंग दुनिया’, अब दिखाया संपादक को आइना
इंदौर में बहुत जोरदार सीन है. एक नया-छोटा अखबार दूसरे-बड़े अखबार की पोलखोल में जुटा है. यह स्वस्थ परंपरा है. जो बड़ा है, जिसके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है, उसे सजग रखने के लिए चिकोटी काटते रहना जरूरी है ताकि कहीं वह सो न जाए, कहीं मदमस्त न हो जाए, कहीं घमंड से न चूर हो जाए.
तेजपाल सेक्स कांड से पत्रकारों की छवि धूमिल नहीं होगी : मार्क टूली
कोलकाता: मशहूर पत्रकार मार्क टूली का मानना है कि तहलका के संस्थापक संपादक पर लगे एक महिला पत्रकार के कथित यौन उत्पीड़न की घटना से सभी पत्रकारों की छवि धूमिल नहीं होगी. तरूण तेजपाल घटना के बारे में पूछे जाने पर अपना बर्थ सर्टिफिकेट लेने महानगर आये बीबीसी के पूर्व प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में पढ़ा और सुना है, पर उन्हें सच्चई की जानकारी नहीं है. मार्क टूली का मानना है कि मात्र इस घटना से अगर इस पेशे में काम कर रहे सभी पत्रकारों की छवि पर कोई खराब असर पड़ता है तो यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा.
‘आप’ के खिलाफ जारी होंगे और चार सीडी
आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण का कहना है कि एक मीडिया संस्थान से किसी राजू पारेलेकर नामक व्यक्ति ने मुझे फोन किया और कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक चार और सीडी जारी किए जाएंगे, जो 'आप' की छवि पूरी तरह खराब कर देंगे। प्रशांत का कहना है कि कुछ राजनीतिक दल एवं मीडिया समूह दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले उनकी पार्टी की छवि खराब करने की साजिश रच रहे हैं.
भास्कर ग्रुप के रेडियो ‘माई एफएम’ के सीईओ हरीश भाटिया पर यौन उत्पीड़न का मामला
एक और वरिष्ठ मीडियाकर्मी यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिर गए हैं. भास्कर समूह के रेडियो स्टेशन माई एफएम के सीईओ हरीश भाटिया पर यहां कार्य कर चुकी एक महिला कर्मचारी ने कई संगीन आरोप लगाए हैं. इन आरोपों का समर्थन यहां कार्यरत रहीं दो अन्य महिलाकर्मियों ने भी किया है. इस प्रकरण में भाटिया को गिरफ्तारी के बाद जमानत मिल चुकी है. अब मामला कोर्ट में जा चुका है. पूरे प्रकरण से संबंधित विस्तृत खबर द हिंदू अखबार में प्रकाशित हुई है, जो इस प्रकार है…
क्या जनहित में तेजपाल का ये कामुकता का कोठा बनना चाहिए?
Deepak Sharma : दुनिया के सेलिब्रिटी शेफ के हाथों लज़ीज़ खाना..और साथ में दुनिया की सबसे बेहतरीन स्काच और वाइन. महफ़िल में सबसे हसीन लड़कियां भी… और इन हसीनाओं के बीच देश के सबसे बड़े पावर ब्रोकर, नेता और उद्योगपति. जी हाँ.. इस ड्रीम कांसेप्ट का नाम है PRUFROCK क्लब… जो दिल्ली में दुनिया के सबसे एलीट क्लब के तौर पर जाना जाएगा. जहाँ तेजपाल और देश के सबसे रसूखदार लोग एक छत के नीचे मिलकर अय्याशी करेंगे.
आखिर बीजेपी और कांग्रेस केजरीवाल के ‘झाड़ू’ से क्यों डरती है?
Nadim S. Akhter : दिल्ली में मेट्रो और फ्लाईओवर गिनाकर शीला दीक्षित कब तक गुठली के भी दाम चूसती रहेंगी. आप चुनिंदा पॉश इलाकों को छोड़कर दिल्ली में कहीं भी चले जाएं, टूटी-फूटी सड़कें, ओवरफ्लो होता सीवर, जहां सीवर नहीं हैं, वहां बजबजाती नालियां और गंदगी आपका स्वागत करेंगी. कई इलाकों में तो पीने के पानी में सीवर का पानी मिलकर आता है. बदबूदार. लोग उसी से नहाते और कपड़े धोते हैं. मैंने कई जगहों पर देखा है. पुलिस-शासन आज भी वह अपने अधिकार में नहीं कर पाईं. फिर भी दावे हैं कि दिल्ली चमक रही है. भइया लुटियन्स की दिल्ली चमकती होगी, आम आदमी वाली दिल्ली तो फटेहाल है. कभी आइए, तो दिखा दूंगा. आपको भी और आपके सारे कांग्रेसी नेताओं को भी.
आरुषि निर्णय ऐतिहासिक, तीन नेपाली को न्याय मिले
लखनऊ : मैं विधिक रूप से सीबीआई कोर्ट द्वारा आरुषि कांड में दिए निर्णय को ऐतिहासिक और स्वागत-योग्य मानता हूँ क्योंकि जिस प्रकार से घटना घटी थी, जो साक्ष्य शुरू से ही आ रहे थे, जिस प्रकार से स्वयं सीबीआई का पहला क्लोजर रिपोर्ट ही कह रहा था कि साक्ष्यों के आधार पर तलवार दंपत्ति के अतिरिक्त किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा यह घटना कारित किया जाना पूरी तरफ असंभव था, उससे इस सजा द्वारा आरुषि और हेमराज के प्रति न्याय हुआ.
कुछ बुराइयों के बावजूद कोई कितना असरदार काम कर सकता है, यह ‘तहलका’ से सीखें
Yashwant Singh : जेल कोई बुरी जगह नहीं है तरुण तेजपाल जी. आप जाइए तो मैं एक प्रति 'जानेमन जेल' की भेंट करने आता हूं.. हां, बुरा है मीडिया का वो जेल जिसमें अपराध कोई कर गया और सजा दी जा रही किसी को.. तरुण तेजपाल के अपराध की गल्ती 'तहलका' को नहीं दी जानी चाहिए… 'तहलका' पिछले कई दशक से पत्रकारिता का आदर्श है… ऐसा नहीं कि 'तहलका' बुराइयों से अछूता है, पर इन बुराइयों के बावजूद कोई कितना असरदार काम कर सकता है, यह 'तहलका' से सीखना चाहिए… बाकी राजीव शुक्लाओं, बरखा दत्ताओं, सुधीर चौधरियों, आशुतोषों से भरी इस मीडिया के बारे में बात कर हम आप अपना ही मुंह काला कर लेंगे….
नियमगिरि पर खामोश क्यों थे आशुतोष
जज द्वारा यौन उत्पीड़न के मामले में सभी दृष्टि से न्याय किया जाएगा : मुख्य न्यायाधीश
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम ने अपने पूर्व सहकर्मी पर एक इंटर्न द्वारा यौन उत्पीडन के आरोप को असामान्य घटना करार देते हुए देश को आश्वस्त किया कि सभी दृष्टि से न्याय किया जायेगा. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, मेरे छोटे से कार्यकाल के दौरान मीडिया की खबर के माध्यम से इसकी जानकारी मिली. उसी दिन मैंने इस मामले पर विचार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया.
गाजीपुर के खलिहर पत्रकारों से परेशान हो सैन्य अधिकारियों ने कवरेज पर लगाया अंकुश
खलिहर पत्रकारों के कारनामों से आजिज आये सैन्य अधिकारियों एवं गाजीपुर जिला प्रशासन ने सेना भर्ती की कवरेज पर लगाया अंकुश। जी हां, गाजीपुर में पिछले कुछ दिनों से सेना भर्ती चल रही है। जिसमें पूर्वांचल के कई जनपदों के हजारों अभ्यर्थी रोजाना शामिल हो रहे हैं।
आफताब आलम को ‘बिरसा मुंडा पुरस्कार-2013’
बाल कथाकार लीलावती भागवत का निधन
आरुषि बेटी की जगह बेटा होती तो जिंदा रहती
Amitabh Thakur : आरुषि कांड- निर्णय ऐतिहासिक, स्वागत योग्य… मैं विधिक रूप से सीबीआई कोर्ट द्वारा आरुषि कांड में दिए निर्णय को ऐतिहासिक और स्वागत-योग्य मानता हूँ क्योंकि जिस प्रकार से घटना घटी थी, जो साक्ष्य शुरू से ही आ रहे थे, जिस प्रकार से स्वयं सीबीआई का पहला क्लोजर रिपोर्ट ही कह रहा था कि साक्ष्यों के आधार पर तलवार दंपत्ति के अतिरिक्त किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा यह घटना कारित किया जाना पूरी तरफ असंभव था, उससे इस सजा द्वारा आरुषि और हेमराज के प्रति न्याय हुआ. विधिक दृष्टि से यह घटना रेयरेस्ट ऑफ़ द रेयर की श्रेणी में भी नहीं दीखता है और आजीवन कारावास इस हेतु विधिक दृष्टि से पूर्णतया सही सजा दिखती है. इसके अलावा इस मामले में तीन गरीब और असहाय नेपाली लोगों, कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल के प्रति न्याय होना भी उतना ही जरूरी दिखता है.
Eyes of Corporate Print Media Houses of the world set on SC judgement in Rs.200 crore Dainik Hindustan Advertisement Scam
By ShriKrishna Prasad, Advocate
New Delhi : The Supreme Court of India is to hear the Special Leave Petition(Criminal) No. 1603 of 2013 of the Chairperson of M/S Hindustan Times Limited/M/S Hindustan Media Ventures Limited,Kasturba Gandhi Marg,New Delhi,Shobhana Bhartia on December 16 next in connection with the world famous Rs. 200 crore Dainik Hindustan Advertisement Scam of Bihar. Now, the eyes of the Corporate Media Houses of the world are fixed on the judgement of the Supreme Court as it will have a wide ranging effect on the future functioning of the print media houses of India.
रेप हुआ तो पार्टी कैसे करती रही लड़की : तेजपाल
नई दिल्ली। तरुण तेजपाल ने उलटे पीड़ित लड़की पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर वाकई उसके साथ इतनी बुरी घटना हुई तो उसके बाद वो सामान्य व्यवहार क्यों करती रही। दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत की अग्रिम अर्जी में तेजपाल ने लिखा कि 7 नवंबर को महिला पत्रकार के साथ हुई घटना हल्का फुल्का हंसी मजाक थी, जिसमें दो लोग थोड़ा बहक गए थे। इस हकीकत को होटल के सीसीटीवी फुटेज के जरिए सत्यापित किया जा सकता है। 8 नवंबर को भी हम मिले, कुछ देर अकेले भी रहे लेकिन हमारे बीच कोई अंतरंग पल नहीं आए। इसके बाद हमारी कोई बातचीत नहीं हुई लेकिन वो सामान्य तौर पर थिंक फेस्ट से जुड़ी पार्टी में शामिल हुई। सबके साथ उसका व्यवहार सामान्य और दोस्ताना रहा।
रमन कृपाल की स्टोरी पर डील करके तेजपाल ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था!
नई दिल्ली. 'तहलका' के कुछ सहयोगियों का मानना है कि तरुण तेजपाल वर्षों पहले पतन के रास्ते पर चल पड़े थे. आरोप है कि उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री से डील करके अवैध खनन पर बनी खुफिया स्टोरी को नहीं चलने दी और जिस रिपोर्टर ने वह स्टोरी की थी उसे तहलका से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. तहलका के पूर्व पत्रकार रमन कृपाल ने साल 2011 में गोवा में 800 करोड़ के अवैध खनन का पर्दाफाश किया था. कायदे से वह स्टोरी तहलका मे छपनी चाहिए थी क्योंकि स्टोरी करते वक्त रमन कृपाल तहलका के पत्रकार थे. लेकिन वह स्टोरी छपी फर्स्टपोस्ट में. इस खास स्टोरी के बाद रमन कृपाल को तहलका से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. उसी समय ये खबर आयी थी कि स्टोरी दबाने के लिए तरुण तेजपाल ने गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामत से डील किया है.
इंडिया टुडे की भौंड़ी, भ्रामक और बेहूदा स्टोरी… हर प्रोफेसर देह नहीं मांगता
सुशील उपाध्याय : इंडिया टुडे के चार दिसंबर के अंक में-कैंपस में अस्मत के लुटेरे शिक्षकों का बोलबाला-स्टोरी को पढ़कर आप आसानी से इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि भारतीय विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में केवल औरतखोर और ऐयाश शिक्षकों की भरमार है। वहां प्रोफेसरों के रूप में ऐसे शिकारी मर्द मौजूद हैं जो केवल देह की तलाश में परिसरों में आते हैं। इस स्टोरी के लिए सनसनीखेज विशेषण बहुत छोटा है। इसमें तथ्यों को इस प्रकार प्रस्तुत किया गया है मानो औरतों के लिए दुनिया का सबसे असुरक्षित ठिकाना विश्वविद्याजय और डिग्री कॉलेज ही हैं। रिपोर्टर ने इस निष्कर्ष पर पहुंचकर स्टोरी लिखी है कि उसे हमजात औरतों को बचाने के लिए कलम को तलवार बनाकर इस्तेमाल करना ही होगा। उसे दूर तक इस बात का अंदाज नहीं रहा होगा कि जब वह-कैंपस के कुकर्मी, अस्मत के लुटेरे शिक्षक, यौन-पिपासु प्रोफेसेर, यौन शोषक शिक्षक-जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही है तो वह एक पूरे समाज से खेल रही है।
बंद हो अब सहारा का डर्टी गेम (संदर्भ: आज प्रकाशित सेबी विरोधी विज्ञापन)
जबकि देश की सर्वोच्च अदालत सहाराश्री को चेतावनी दे चुकी है कि वैसे तो सहारा श्री के कारनामों के बदले में अदालत उन्हें जेल भेज सकती है लेकिन जनता के पैसे की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए ही उन्हें जेल नहीं भेजा जा रहा है लेकिन अपने हर कदम से सहारा संस्थान ये जता रहा है कि सुप्रीम कोर्ट, सरकार आदि सब उसके लिए मजाक है. सहारा को ज्ञात है कि सेबी एक ऐसी संस्था है जिसका काम ही जनता से धोखाधड़ी करने वाले तत्वों पर लगाम लगाना है और इसीलिए हर कदम पर सुप्रीम कोर्ट सेबी के क़दमों का समर्थन कर रहा है लेकिन फिर भी सेबी ये जताने की कोशिश कर रहा है जैसे सेबी की सुब्रत राय से कोई जाती दुश्मनी है.
मीरजापुर के सहारा रिपोर्टर को पितृशोक
मीरजापुर के वरिष्ठ पत्रकार एवं सहारा न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर राकेश सत्संगी के पिता बी.एल.श्रीवास्तव का 85 वर्ष की अवस्था में 26 नवम्बर को निधन हो गया। वे स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत हुए थे। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये है। जनपद के वरिष्ठ पत्रकार के पिता के निधन पर पत्रकारों ने एक …
नाटक पर हमारे यहां सरकारें और कारपोरेट हाउस हावी हो गये हैं : राजेश जोशी
वरिष्ठ कवि राजेश जोशी का रंगकर्म से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने कई नाटक भी लिखे हैं। मध्यप्रदेश में इप्टा के पुनर्गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। वह मध्यप्रदेश इप्टा के पहले अध्यक्ष थे। उन्होंने रंग आंदोलन, 80 के दशक के नाटक, इप्टा एवं अन्य वाम संगठनों की भूमिका आदि विषयों पर ‘इप्टानामा’ के लिए मध्यप्रदेश इप्टा के वर्तमान अध्यक्ष हरिओम राजोरिया से लंबी बातचीत की। इस बातचीत के दौरान बसंत सकरगाय और सचिन श्रीवास्तव भी मौजूद थे। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंशः
पटना में अखबारों के दाम कम होने का श्रेय भास्कर ने लिया, देखें नया विज्ञापन कंपेन
Gyaneshwar : बिहार में घरानों के मीडिया वार ने और तीखा शक्ल सोमवार को ले लिया। लांचिंग की तैयारी में लगे दैनिक भास्कर ने पुराने मीडिया हाउसों को चिढ़ाने वाला नया कंपेन जारी कर दिया है। होर्डिंग्स पर नये फ्लेक्स टंग गये हैं। दैनिक भास्कर ने कीमतों में आई कमी को अपने खाते में क्रेडिट करने की कोशिश की है। क्रेडिट हो भी सकती है, क्योंकि पाठकों ने समझा है कि भास्कर की वजह से ही कीमतें कम हुई है।
भास्कर का पटना एडिशन 18 जनवरी को होगा लांच!
बिहार के अखबारी बनियों के लिए सिरदर्द बने दैनिक भास्कर का उदय (लांच) 18 जनवरी, 2014 को होने की संभावना है. पटना संस्करण के प्रकाशन के लिए प्रबंधन पूरी तैयारी में जुट गया है. संपादकीय में नियुक्ति का सिलसिला भी शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है. हालांकि बड़ी संख्या में कर्मचारियों के विभिन्न संस्करणों से स्थानांतरित होकर भी आने की संभावना है.
दिल्ली में बीजेपी का रोल वोटकटवा का हो गया है, ‘आप’ सबसे आगे
Yashwant Singh : दिल्ली में बीजेपी का रोल वोट कटवा का हो गया है… आप पार्टी के वोट काट रही है ये पार्टी… इसलिए बीजेपी को वोट देकर अपना वोट न खराब करें… इस बार सारे 'संवेदनशील' भाजपाई (भाजपाई और संवेदनशील, ये जुगलबंदी बहुत मुश्किल है पर भारत की धरती वीरों से खाली नहीं है इसलिए कुछ तो होंगे ही, ये मान लेते हैं : ) खुलकर आप को वोट करें और उसका रिजल्ट देखें.. कांग्रेस की बात न करें तो ही ठीक. उसे सिर्फ भ्रष्टाचारी, ठेकेदार, दलाल, शराबी, लालची और इस वृत्ति के समर्थक ही वोट देंगे.. इसलिए ऐसे लोग आप को वोट न हीं दे तो ठीक…
सुपारी पत्रकारों और कांग्रेसी चैनल मालिक के खिलाफ मुकदमा ऐतिहासिक
Yashwant Singh : 'सुपारी पत्रकारों' दीपक चौरसिया और अनुरंजन झा के साथ-साथ कांग्रेसी विधायक विनोद शर्मा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करा दिया गया है जिसके इशारे पर सब कुछ हुआ.. करीब 1400 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी के खिलाफ स्टिंग करने, उसे लाइव दिखाने और बाकी चैनलों पर चलवाने हेतु खर्च किए गए हैं… ये बड़ा और ऐतिहासिक मुकदमा है… पत्रकारिता को ठेंगा दिखाकर एजेंडा पत्रकारिता करने वालों के लिए ये प्रकरण सबक होगा..
मीडिया के लिए ‘वेक अप कॉल’ है तहलका केसः आईएमसी
मेरठ की उर्दू पत्रकार शाहीन के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट, जिला अस्पताल में भर्ती
मेरठ में 22 नवंबर को उर्दू पत्रकार शाहीन जब कवरेज करके लौट रही थीं, तो दिन के दो बजे शहर के सिविल लाइन जैसे पॉश इलाके में कुछ शोहदों ने उनसे छेड़खानी की। शाहीन ने विरोध किया तो उनकी स्कूटी में मोटर साइकिल से टक्कर मार दी, जिससे वह सड़क पर गिर पड़ीं और गंभीर रूप से घायल हो गर्इं। वह मेरठ के जिला अस्पताल में जेरे इलाज हैं।
कानपुर में मैच देखने पहुंच रहे राजीव वर्मा और शशि शेखर, करेंगे ‘हिंदुस्तान’ की समीक्षा
खबर है कि कानपुर में क्रिकेट मैच देखने हिंदुस्तान के सीईओ राजीव वर्मा और संपादक शशि शेखर भी पहुंच रहे हैं. मैच देखने के बाद ये लोग हिंदुस्तान, कानपुर संस्करण की समीक्षा भी करेंगे. चर्चा है कि स्थानीय संपादक दिनेश पाठक के नेतृत्व में हिंदुस्तान, कानपुर एडिशन के लगातार पतन के कारण प्रबंधन खुश नहीं है.
श्याम साल्वी, अंशुमान त्रिपाठी और नवनीत शर्मा का अपने-अपने संस्थानों से इस्तीफा
न्यूज एक्सप्रेस चैनल से जुड़े श्याम साल्वी के बारे में पता चला है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. श्याम साल्वी न्यूज एक्सप्रेस में आईटी और तकनीकी सेक्शन के हेड थे. श्याम शालवी का काम दीपक सेन गुप्ता देखेंगे जो न्यूज एक्सप्रेस के हिस्से बन चुके हैं. दीपक अभी तक साधना में कार्यरत थे.
छेड़छाड़, अदालत, आदेश, आटो, उम्र, जीवन और दर्शन…. ओ भोला भाई!
चालीस पार क्या हुआ, लगता है कि कई चीजों से पार होने लगा हूं, या यूं कहिए पार पाने लगा हूं. अपना स्वभाव रहा है कि जितना भी सोच जान समझ बूझ पाया, उस हिसाब से जो नतीजा निकाल पाया, सही या गलत, उसी पर अड़े रहने, बढ़े चलना, और इस गतिमान प्रक्रिया से मिलने वाले झटकों, विफलताओं, चिंताओं, मुश्किलों को एनालाइज करते, झेलते, भांपते, पकड़ते और नतीजा निकालते फिर आगे बढ़ चलना. तो इस तरह अनुभव दर अनुभव, समझ दर समझ, ज्ञान दर ज्ञान मिलता चला जा रहा. चालीस का इसी साल अगस्त महीने की 26 तारीख को हुआ. तीन महीने हुए होंगे चालीस के हुए. पर इन तीन महीनों में कम से कम तेरह ज्ञान मिला होगा.
सहारा की अपने कर्मचारियों को निकालने के लिए परीक्षा
कमोडिटीजकंट्रोल को चाहिए वेबराइटर-रिपोर्टर
सीनियर एडिटर राणा अय्यूब का भी तहलका से इस्तीफा
जांच समिति मुझ पर ही संदेह कर रही है : लॉ इंटर्न
मनरेगा से बन गई आईएएस अनिल संत के फार्महाउस तक पक्की नहर
तेजपाल को अग्रिम जमानत देने से हाईकोर्ट का इंकार
वरिष्ठ पत्रकार अनिल वर्मा सीढ़ियों से गिरकर घायल
अनुरंजन झा ही नहीं, विनोद शर्मा और दीपक चौरसिया पर भी मुकदमा
नीतीश की विकास यात्रा में पहुंचे पत्रकार ‘आसाराम’
प्रकाश शर्मा, गोरधन चौधरी और त्रिभुवन शर्मा के बारे में सूचनाएं
भास्कर के खेल पत्रकारों ने प्रेस क्लब में खेला खेल
IJU condemns the boorish behavior of the Tarun Tejpal
राजस्थान में जोरों पर है ‘पेड न्यूज’ का धंधा
ये जागरण वाले हैं, कुछ भी छाप सकते हैं
आप ने अनुरंजन झा पर मानहानि का मुकदमा दायर किया
पेड न्यूज में दोषी पाये जाने पर राशि जुड़ी उम्मीदवारों के खाते में
अपराधियों की गोली का शिकार बने पत्रकार विकास रंजन की आज पांचवी पुण्यतिथि
तो अब अहीर पत्रकारिता करेंगे?
इसका ये मतलब नहीं कि ‘तहलका’ को भी दंडित किया जाए
Mukesh Kumar : तरूण तेजपाल को उनके किए की कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए मगर इसका ये मतलब नहीं कि तहलका को भी दंडित किया जाए। तहलका ने चालू पत्रकारिता से हटकर कुछ अच्छा काम किया है और उसे सराहा और सँजोया जाना चाहिए। उनके द्वारा किए और करवाए गए स्टिंग ऑपरेशन ने गुजरात के उन सचों को उजागर किया है जो अन्यथा दबे ही रह जाते। हाँ प्रतिशोध एवं हिंसा से सने मोदी समर्थकों को वह सब खलता था और अब वे इस अवसर का लाभ हिसाब बराबर करने में लगे हैं जो कि स्वाभाविक भी है। लेकिन जो लोग अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकते हैं उन्हें उनके या परिस्थितियों के दबाव में नहीं आना चाहिए और जहाँ भी जो भी थोड़ी अच्छी चीज़ें बची हैं उन्हें बचाने की कोशिश करनी चाहिए। अँग्रेज़ी की कहावत है कि बॉथ टब के गंदे पानी के साथ बच्चे को नहीं फेंका जाता।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के फेसबुक वॉल से.
कौन उठा रहा तहलका का करोड़ों का घाटा?
तरुण तेजपाल पर अपनी साथी पत्रकार के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद तहलका के असली मालिकों और राजनीतिक संबंधों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। तहलका पत्रिका को चलाने वाली कंपनी अनंत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड वर्ष 2010-12 के दौरान करीब 26 करोड़ का घाटा उठा चुकी है। हाल के वर्षों में उद्योगपति और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केडी सिंह से जुड़ी कंपनियों की अनंत मीडिया में हिस्सेदारी बढ़ी है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को हिस्टीरिया की बीमारी है, जिसके दौरे समय-समय पर पड़ते रहते हैं
सुमित अवस्थी, आदेश तथा आलोक को राष्ट्रीय अमरनाथ सम्मान
‘तहलका’ से फोटो एडिटर ईशान तन्खा और फीचर एडिटर शौगत का भी इस्तीफा
तहलका के फोटो एडिटर ईशान तन्खा और फीचर एडिटर शौगत ने भी इस्तीफा दे दिया है. गोवा पुलिस ने कल ईशान और शौगत से की थी पूछताछ. पीड़िता ने ईशान व शौगत को पूरी घटना की जानकारी घटना वाले दिन ही दे दी थी. ईशान, शौगत समेत तहलका के तीन लोग हैं इस मामले में गवाह. पीड़िता ने ईशान और शौगत को घटना बताई थी.
‘तहलका’ से रेवती लाल के बाद पीड़ित महिला पत्रकार ने भी इस्तीफा दिया
तरुण तेजपाल पर यौन शोषण और बलात्कार के आरोप सामने आने के बाद कई पत्रकार तहलका संस्थान से इस्तीफा दे रहे हैं. सबसे पहले रेवती लाल ने तहलका से इस्तीफा दिया है. उनका कहना है कि जिस तरह इस मामले में मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी का रवैया रहा है वो वहुत आपत्तिजनक है. तेजपाल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पीड़ित पत्रकार ने भी आज तहलका पत्रिका से इस्तीफा दे दिया है. उधर, तेजपाल ने आज दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की है जिस पर मंगलवार (26 नवंबर) को सुनवाई होगी.
‘पेड स्टिंग’ के सरताज दीपक चौरसिया और अनुरंजन झा के काम की हकीकत देखिए
Pashyanti Shukla : ''आप चेक दीजिए या कैश दीजिए हमें तो ultimately tax देना ही पड़ता है..'' वाले लाइन में से इस लाइन ''हमें तो ultimately tax देना ही पड़ता है…'' को काट दिया गया है… और फिर Dr. Kumar Vishwas पर काले धन का आरोप जड़ दिया गया… अब तो जर्नलिज्म की पेड न्यूज न जानने वाले भी पूछने लगे हैं कि इन लोगों को किसने पैसा दिया होगा.. हद है वास्तव में ये पतन की पराकाष्ठा है… अब सारे न्यूज़ चैनल लूप बना बनाकर ये फुटेज क्यों नहीं दिखा रहे हैं.. https://www.youtube.com/watch?v=UNtX-LBwwEo
आरुषि के मां-बाप को गरियाना बंद करें प्लीज
Nadim S. Akhter : निचली कोर्ट के फैसले पर जो लोग आरुषि के मां-बाप को गरिया रहे हैं, वे ठीक वहीं कर रहे हैं, जब आरुषि हत्याकांड के रोज टीवी चैनल वाले कर रहे थे. कइयों ने तो पैकेज चला दिए थे कि —देखिए, इस शैतान-हैवान राक्षस हेमराज को, जो घर में अकेली मासूम लड़की का कत्ल करके भाग गया. शायद उसका रेप भी किया. वगैरह-वगैरह.—
पीड़िता ने दिया तहलका से इस्तीफा, तेजपाल पहुंचे कोर्ट
यौन उत्पीड़न की शिकार महिला पत्रकार को दस साल से न्याय का इंतजार
गुवाहाटी की एक महिला पत्रकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर एक दशक पहले खुद का यौन उत्पीड़न किए जाने की शिकायत की है. पीड़िता ने बताया कि प्रदेश के एक दिग्गज पत्रकार ने दस साल पहले मेरा यौन उत्पीड़न किया था और आज तक न्याय का इंतजार है. गुवाहाटी की महिला पत्रकार ने अपने पत्र में खुलासा किया कि तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल मामले की तरह मेरे साथ भी यौन उत्पीड़न हुआ है.
‘नोट के बदले वोट’ में दोहरा भ्रष्टाचार
'नोट के बदले वोट' के कुख्यात मामले का कैसा सुखांत हुआ है? इतना सुखांत नाटक तो कालिदास और शेक्सपियर भी नहीं लिख सके हैं! इस सुखांत नाटक के महानायक हमारे मित्र अमरसिंह हैं। आज के अखबारों में अमरसिंह छाए हुए हैं। अदालत ने ‘वोट के बदले नोट’ मामले में छह लोगों को बरी किया है लेकिन हर अखबार ने इस खबर के शीर्षक में अमरसिंह का नाम छापा है। आज अमरसिंह से ज्यादा खुश कौन होगा? उनका नाम सबसे ज्यादा क्यों उछला है? क्योंकि सारा देश यह मानकर चल रहा था कि सांसदों को पैसे खिलाकर संसद में कांग्रेस को बचाने का काम अमरसिंह ने किया है।
सचिन को भारत रत्न देने के मामले में दायर पीआईएल पर आदेश सुरक्षित
लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा सचिन तेन्दुलकर को भारत रत्न दिए जाने के फैसले के खिलाफ दायर पीआईएल पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. याचीगण के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय ने कहा कि क्रिकेट का खेल खेल कम और तमाशा ज्यादा है, जो देश की प्रगति में सीधे बाधक है और इस प्रकार देश विरोधी है. उन्होंने कहा कि जहां पद्म पुरस्कारों के लिए निश्चित दिशानिर्देश दिए गए हैं, वहीँ भारत रत्न के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं हैं जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा बालाजी राघवन तथा एस पी आनंद बनाम भारत सरकार के आदेश के उल्लंघन में है क्योंकि यह पुरस्कार अकेले प्रधानमंत्री की संस्तुति पर दे दी जाती है, जिसमे ना तो पारदर्शिता है और ना ही सार्वभौमिकता.
पीड़िता कहे तो भी तेजपाल को माफी नहीं दी जानी चाहिए
Badal Saroj : तरुण तेजपाल के पाशविक, जुगुप्सा जगाने वाले घोर आपराधिक और अक्षम्य कृत्य के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. उस सजा में 10-15 साल इस बात के लिए भी जोड़ दिए जाने चाहिए कि उनके इस आचरण ने पत्रकारिता में काम करने वाली महिलाओं-युवकों और इस तरह की धाकड़ पत्रकारिता के शुभचिंतको के विश्वास को आघात पहुंचाया है. किसी भी बहाने या कारण से लैंगिक दुष्कृत्य के इस ओछे शर्मनाक प्रदर्शन को कम करके नहीं आंका जा सकता. माफ़ !!!! सवाल ही नहीं उठता. पीड़िता भी कहे तो भी माफ़ी नहीं दी जा सकती – न दी जानी चाहिए. क्योंकि यह पीड़िता और व्यभिचारी के बीच का मामला भर नहीं है. यह ऊंची हैसियत वाले का नीचतम काम है- इसलिए सजा भी उदाहरणीय होनी चाहिए.
चिराग तले उजाला कभी नहीं होता लेकिन चिराग के बिना अंधेरा मिट नहीं सकता
मीडिया में तरुण तेजपाल वाली बीमारी पहले भी थी और आज भी है
: पत्रकारिता के कुछ रोचक प्रसंग : झंड हो गया मैनेजर : शाह टाइम्स में एक जी. एम. साहब थे सब उन्हें ऐसा ही कहते थे। वह हमेशा अखबार में खामियां खोजते रहते थे जो उन्हें कम ही मिलती थीं। पोटो अध्यादेश संसद में कानून बन कर पोटा हो गया था. किसी के पोटा में बंद होने की खबर पहले पेज पर छपी थी जीएम साहब उस दिन काफी जोश में थे कार्यालय आते ही वह संपादकीय विभाग में आए और घुसते ही बोले डाक्टर साहब बड़ी बदनामी हो रही है। आपने पोटो को पोटा लिख दिया। मेरे पास बैठे सहयोगी ने कुछ कहना चाहा मगर मैने उस का पैर दबाकर शांत कर दिया मेरी खामोशी से जीएम का हौसला बढ़ा और वह बड़बड़ाता निकल गया कि अखबार का सत्यानाश कर रखा है।
देश की मीडिया में इस समय तीन दाढ़ी वाले भूचाल लाए हुए हैं
हम तरुण तेजपाल जी का पूर्ण समर्थन करते हैं
नीरज अग्रवाल जी शायद आप दूसरा अनुरंजन झा बनना चाहते हैं
भास्कर ने नाट्यगृह भी नहीं बख्शा, लोकायुक्त ने मांगा जवाब
मध्य प्रदेश में धड़ल्ले से छप रही पेड न्यूज
फर्रुखाबाद में पत्रकार की करोड़ों की भूमि पर सपाइयों का कब्जा
‘पटना पुस्तक मेला-13’ आया विवाद में, लगा जातिवाद का आरोप
मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार के नाम खुला पत्र
तेजपाल के विरोध की आड़ में ‘तहलका’ को लेकर इस तरह की गंध मत मचाइए
Vineet Kumar : आपके लिए तहलका का मतलब सिर्फ तरुण तेजपाल है या रहा है इसलिए आप तरुण तेजपाल और तहलका को एक-दूसरे का पर्यायवाची मान रहे हैं. इसकी दो वजह हो सकती है..या तो आपने इधर कुछ सालों से इसे पढ़ना बंद कर दिया है या फिर आप इस पत्रिका को सिर्फ उनका लिखा पढ़ने के लिए खरीदते रहे हैं. हमारी पढ़ने की ट्रेनिंग कभी इतनी एक्सक्लूसिव नहीं रही. हम पत्रिका में लेख क्या 'शर्तिया इलाज' और 'शर्माएं नहीं इलाज कराए'.. लिकोरिया, श्वेत प्रदर, धातु कमी के निदान के विज्ञापन भी पाठ सामग्री का हिस्सा मानकर पढ़ते हैं.
नेटवर्क 10 की कहानी: दलालों के चक्कर में पिसे पत्रकार
उत्तराखंड के सूचना निदेशालय में करोड़ों का घोटाला, सरकार खामोश
आप को बदनाम करने के लिए मीडिया में 1400 करोड़ रूपये बंटे
आप और मीडिया सरकार ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में की शिकायत
हे न्यूज चैनल वालों, सुनो, आइना देखो… तरुण तेजपाल से बड़ा कोई पत्रकार नहीं, ‘तहलका’ से तेवरदार कोई मीडिया ब्रांड नहीं
Yashwant Singh : तरुण तेजपाल ने जो किया, उसकी सजा उन्हें कानून देगा… लेकिन एक बात तो तय है कि पिछले कुछ दशकों में तरुण तेजपाल से बड़ा कोई पत्रकार नहीं हुआ… तहलका से बड़ी कोई मैग्जीन नहीं हुई… तरुण तेजपाल और तहलका के इर्द-गिर्द कोई पत्रकार व कोई मीडिया हाउस नहीं खड़ा हो सकता.. दलालों, ब्लैकमेलरों, पूंजीवादियों के इस दौर में पत्रकारिता क्या होती है, यह तरुण तेजपाल ने करके दिखाया और मैग्जीन कैसी होनी चाहिए, यह तहलका छाप कर बताया… बाकी, हर किसी के जीवन में ब्लैक, डार्क एरियाज होते हैं.. उन्हें तो झेलना ही पड़ेगा… बोलो- हां या ना?
जो लोग दूसरों को घेरते हैं या घेरने का पेशा करते हैं उन्हें खुद ज्यादा सावधानी से चलने की जरूरत होती है
Vinod Singh Sirohi : वर्ष 2002 की बात है .उस वक्त मैं एसओजी इन्चार्ज सहारनपुर था. तब तहलका डॉट कॉम का एक कारनामा प्रकाश में आया था. सहारनपुर के प्रतिबंधित जंगल में जंगली जानवरों के अवैध शिकार का स्टिंग तहलका को करना था जिसके लिए इन्होंने स्थानीय अपराधियों की मदद ली और उनसे खुद ही बाघ का शिकार कराया, जिसकी फिल्म बनायी.
कुमार विश्वास के पक्ष में बुलंदी के साथ खड़े होने के पहले जांच जरूर कर लें…
Neeraj Agrawal : किसी के पक्ष में बुलंदी के साथ खड़े होने के पहले Yashwant Singh आप ये जरूर जाँच ले की उसकी सच्चाई क्या है… अपने आप को निहायत ईमानदार बताने वाले कुमार विश्वास पक्के टैक्स चोर और ब्लेक मनी के भक्त हैं, ये बात मैं अपने निजी अनुभव से कह सकता हूँ.. मेरे पास इनसे बातचीत की काल रिकार्डिंग भी होगी…
तेजपाल के नाम पर ‘तहलका’ को निपटाने में जुट गए न्यूज चैनल वाले
Yashwant Singh : वही खेल शुरू हो गया जिसकी आशंका थी… न्यूज चैनल वाले (एबीपी न्यूज, जी न्यूज और आईबीएन7 तो मैंने खुद देखा) अब तरुण तेजपाल के बहाने तहलका ब्रांड, तहलका संस्थान, तहलका मैग्जीन पर हमला शुरू कर चुके हैं.. जो चैनल खुद अंबानियों को गोद में बैठ चुके हैं, जो चैनल खुद दर्जनों कार्पोरेट डील करके बड़े कार्पोरेट घोटाले पर चुप्पी साध चुके हैं, वो तहलका के किन्हीं एक दो प्रकरणों को लेकर उस पर हमलावर हो चुके हैं और तहलका को पत्रकारिता का खलनायक ब्रांड घोषित करने पर तुल गए हैं..
अखिलेश यादव के ललितपुर दौरे का पत्रकारों ने किया वहिष्कार
न्यायपालिका, पत्रकारिता और यौन शोषण : अफसोस जता रहे हैं मुख्य न्यायधीश
सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज पर उनके यहां काम करने वाली एक महिला वकील आरोप लगाती हैं कि जज साहब ने उनका यौन शोषण किया. लेकिन मामला सामने आने के बाद जज साहब से पुलिस पूछताछ नहीं करती. उल्टे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश मामले की जांच के लिए जजों की एक जांच समिति बना देते हैं. क्यों? जांच पुलिस क्यों नहीं कर सकती भाई साहब? इसलिए कि मामला अपनी जाति यानी जज बंधुओं से जुड़ा है? पहले पुलिस को जांच करने दीजिए ना. पुलिस के सवालों का जवाब देने से रिटायर्ड जज साहब की गरिमा कम हो जाएगी क्या? अगर उसके बाद न्यायपालिक संतुष्ट नहीं होती है तो फिर कमिटी भी बन सकती है..क्यों?!
एवार्ड विनिंग प्रोग्राम है एबीपी न्यूज का ‘प्रधानमंत्री’
पुरुष प्रधान समाज में महिला होने का बोझ
भड़ास की खबर पर आई टिप्पणियों के सम्बन्ध में
स्टिंग पर आप की प्रतिक्रिया देखकर मैने ‘आप’ से त्यागपत्र दे दिया
अखबार वाले शराब की लांचिंग भी कराने लगे हैं
नूतन ठाकुर का आम आदमी पार्टी से इस्तीफा
तहलका स्कैंडल में तीनों गवाहों के बयान रिकॉर्ड
अमर उजाला की खबर तो एसपी की खिल्ली उड़ा रही है
जब हिन्दुस्तान अखबार चल निकला तो प्रबंधन ने निकाल बाहर कर दिया
देवघर से नया अखबार मुद्राराक्षस लांच
युवा महिला आर्किटेक्ट पर मोहित मोदी को शक था कि मेरे पास उनकी सेक्स सीडी है : प्रदीप शर्मा
एक लड़की की जासूसी कराने के कांड में घिरे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन गृहमंत्री रहे अमित शाह की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. गुजरात के निलंबित आईएएस अफसर प्रदीप शर्मा ने जासूसी कांड में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की है. प्रदीप शर्मा ने आरोप लगाया कि युवा महिला आर्किटेक्ट और मोदी एक दूसरे के काफी करीब थे. मोदी लगातार उसे एसएमएस भेजते थे. मोदी ने ऐसे-ऐसे एसएमएस उस लड़की को भेजे जिसे पढ़कर लगेगा ही नहीं कि सीएम की कुर्सी पर बैठा कोई शख्स ऐसा भी लिख-भेज सकता है.
यह तुलना न की जाए कि आसाराम और तेजपाल समान हैं : शंभूनाथ शुक्ल
शंभूनाथ शुक्ल : कल की तरुण तेजपाल से संबंधित मेरी एक पोस्ट पर एक प्रतिष्ठित महिला कथाकार ने मेरे मेसेज बाक्स में आकर रोष जताया है। मैं उनके रोष को समझता हूं और इसीलिए मैने वह पोस्ट हटा भी ली थी। मेरा कहना है कि तरुण तेजपाल को सजा दो। पुलिस उनके साथ कतई नरमी न दिखाए कि वे एक बड़े पत्रकार हैं। जिसका जो दोष है उसका परिष्कार उसे करना ही पड़ेगा। यह भी अच्छा है कि शुरू में इसके लिए उन्होंने प्रायश्चित किया और दुख जताया। लेकिन मेरा यह जरूर कहना है कि फेसबुक पर यह तुलना नहीं की जाए कि आसाराम और तरुण तेजपाल समान हैं।
दीपक चौरसिया और अनुरंजन झा यानि सुपारी पत्रकार!
दीपक शर्मा वरिष्ठ पत्रकार हैं. खोजी पत्रकारों में सबसे बड़े और चर्चित नाम हैं. जमीन से जुड़े बेहद डाउन टू अर्थ शख्स हैं. लखनऊ से अखबारी पत्रकारिता शुरू कर टीवी तक पहुंचे. वे फेसबुक पर विभिन्न सम-सामयिक विषयों पर अपना बेबाक पक्ष व्यक्त-अभिव्यक्त करते रहते हैं. उन्होंने अपने ताजा लेखन में दीपक चौरसिया और अनुरंजन झा का नाम लिए बगैर इन्हें सुपारी पत्रकार करार दिया है.
यशवंत बाबू, तेजपाल के मामले को उन्हीं के पक्ष में ‘इमोशनल’ बनाने की कोशिश न करें
ऋषभ कृष्ण सक्सेना : भड़ास के संस्थापक Yashwant Singh निकल पड़े हैं तहलका के संस्थापक तरुण तेजपाल के लिए माफी मांगने और काफी लंबी दलील भी लिखी है उन्होंने। नीचे लिंक दे रहा हूं, दलील का दूसरा हिस्सा भी भड़ास पर पढ़कर सकते हैं।
http://bhadas4media.com/article-comment/16001-2013-11-23-11-19-49.html
बहरहाल मुझे कुतर्क भरी लगीं दलीलें तो जवाब भी दे रहा हूं।
सहारा देहरादून में कर्मचारी इस्तीफे का लेटर ही लेकर भाग गया
तेजपाल केस में गोवा पुलिस ने शोमा चौधरी से की नौ घंटे पूछताछ
नई दिल्ली। तेजपाल यौन शोषण केस में शोमा चौधरी से शनिवार की रात 2 बजे तक पूछताछ हुई। तहलका के दफ्तर से गोवा पुलिस ने कंप्यूटर और अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। तेजपाल यौन शोषण कांड में जांच करने के लिए कल गोवा पुलिस क्राइम ब्रांच दिल्ली पहुंची थी। पुलिस ने शोमा से लड़की की शिकायत की कॉपी भी ले ली है। माना जा रहा है कि इस मामले में देर सबेर तेजपाल की गिरफ्तारी हो सकती है।
घर में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व पार्षद और खुद बन गया चोर
पत्रकार शिवकुमार पाण्डेय का यूं ही चले जाना…
सुधीर चौधरी के खाने के दांत और दिखाने के और
तरुण तेजपाल का ताज लिटरेचर फेस्टिवल से बहिष्कार
भाजपा प्रत्याशी का विवरण ही नहीं आयोग की वेबसाइट पर
‘चापलूस’ पत्रकारों को यूपी सरकार का झटका
लखनऊ। अखिलेश यादव सरकार से सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में मुलायमपंथी कई दिग्गज पत्रकारों को काफी निराशा हाथ लगी है। अभी किसी के नाम की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन जिन लोगों के नाम पर सहमति बनी है उनमें एक सपा मुखिया के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। जिन लोगों को मौका नहीं मिला है उनमें काफी संख्या ऐसे पत्रकारों की है जो मुलायमपंथ के अनुयायी रहे हैं।
DUJ demands Internal Complaints Committees in Media Organisations
कांग्रेसी मालिक ने अपने पालतू पत्रकार दीपक चौरसिया को ‘आप’ को बदनाम करने के मिशन पर लगाया!
Dr. Kumar Vishwas : एक थी जेसिका लाल। एक था 'बार'। एक अहंकारी कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा का बिगड़ैल शराबी बेटा मनु शर्मा आधी रात उस 'बार' में आता है, और शराब मांगता है। बारटेंडर जेसिका कहती हैं, कि बार बंद हो चुका है, और शराब नहीं दी जा सकती। अमीरी के नशे और पिता के सत्ता की सनक से लैस, शराब में धुत्त मनु शर्मा जेसिका पर गोली चला देता है। जेसिका की मृत्यु हो जाती है। मामला दर्ज़ होता है, लेकिन पिता के मज़बूत सियासी बाज़ू के आगे कानून कि पकड़ ढीली पड़ने लगती है। फिर आप और हम जैसे लाखों लोग, बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, युवा, सब मोमबत्तियां ले कर 'Justice for Jessica' का नारा बुलंद करते हैं। सुप्रीम कोर्ट दखल देता है, जिसके फलस्वरूप मनु शर्मा को आजीवन क़ैद की सजा मिलती है।
कापड़ी की फिल्म में ‘मिस टनकपुर’ एक भैंस है
Yashwant Singh : पता चल गया 'मिस टनकपुर' कौन है. अरे वही, मेरे दुश्मन टाइप के दोस्त विनोद कापड़ी (पूर्व संपादक इंडिया टीवी) एक फिलिम बना रहे हैं ना, 'मिस टनकपुर हाजिर हों' नाम से, इसी फिलिम का मुख्य चरित्र यानि 'मिस टनकपुर'. ये एक भैंस है. सच्ची में. ऐसा पता भड़ास के जासूसों ने लगाया है. कहानी भी बता ही देते हैं… फिलिम का पूरा ताना-बाना एक भैंस के साथ बलात्कार को लेकर बुना गया है… अब आप कहेंगे कि भैंस से बलात्कार? जी हां, भैंस से बलात्कार. मुझे मालूम है अब आपका मूड उखड़ गया होगा और इस विकृत किस्म के सब्जेक्ट पर बनी फिल्म को देखने से तौबा कर लेंगे.
तरुण तेजपाल अब माफी के लायक हैं (2)
Yashwant Singh : मैंने तरुण तेजपाल को लेकर अपने कुछ विचार फेसबुक पर प्रकाशित किए तो उस पर ढेर सारी गालियां आई हैं.. सही भी है.. हर मसले पर भीड़, जनता का एक मूड, मिजाज, संवेदना, जिद होती है… तरुण तेजपाल प्रकरण को जिस तरह मीडिया ने टीआरपी के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, इससे धीरे धीरे यह हो जाएगा कि जो भी इस प्रकरण पर तटस्थ, उदात्त, मौलिक तरीके से सोचने का प्रयास करेगा, वह भीड़ की गालियों, भीड़ के कंकड़-पत्थरों का शिकार होगा.. इस खतरे के बावजूद मैं अपनी बात आगे बढ़ाने जा रहा हूं..
आसाराम हों या तरुण तेजपाल, दोनों की खेती चार सौ बीसी पर टिकी है
तरुण तेजपाल या आशाराम जैसे लोग समाज और कानून को इतना कमजोर और गधा क्यों समझते हैं? आशाराम कहते थे कि मैडम और उन के सुपुत्र के इशारे पर मुझे फंसाया जा रहा है। अब यही राग तरुण तेजपाल भी आलाप रहे हैं कि राजनीतिक कारणों से मुझे फंसाया जा रहा है। तो क्या जो पश्चाताप के वह माफ़ी के स्वर थे, एडीटरी छह महीने के लिए छोड़ने का जो शहीदाना ज़ज़्बा था, वह फ़र्ज़ी था? कि कानून की एक नज़र पड़ते ही सब धूल चाट गया? सच तो यह है कि वह चाहे आशाराम हों चाहे तरुण तेजपाल दोनों की ही खेती चार सौ बीसी पर टिकी है। दोनों ही का उद्योग झांसेबाज़ी का है। आशाराम का सारा सच प्याज की परत दर परत सब के सामने है।
वरिष्ठ पत्रकार व कवि डॉ महेन्द्र पाल कांबोज का निधन
तेजपाल दोतरफा मारे गए… बेचारे तेजपाल
Sanjay Tiwari : तहलका वाले तेजपाल दोतरफा मारे गये बेचारे। अगर पीड़िता ने सीधे पुलिस में शिकायत की होती तो तरुण तेजपाल कानूनी दांव पेंच से अपने आपको बचाने की कोशिश करते। कम से कम कन्फेशन वाला ईमेल तो न लिखते। लेकिन यहां तो नैतिकता के नाम पर वे पहले ही गुनाह कबूल कर चुके हैं। अब जिस तरह से पीड़ित लड़की ने तेजपाल के परिवार द्वारा उसकी मां को प्रभावित करने की बात कही है उससे संकेत मिलता है कि वह 'जांच' में गोवा पुलिस को सोमा चौधरी से ज्यादा सहयोग करेगी। बेचारे तेजपाल।
सीता को विदेशी कहने वाले हरीश रावत के खिलाफ कल प्रदर्शन
यह एक्सीडेंट नहीं, जानबूझ कर मारी गई टक्कर है, इसलिए तरुण तेजपाल को माफ नहीं किया जाना चाहिए
Sanjaya Kumar Singh : मित्र Yashwant Singh ने लिखा है कि तरुण तेजपाल को माफ कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने पश्चाताप कर लिया है, उनकी थू-थू हो चुकी है और अब इस मामले में राजनीति हो रही है। पर मेरा मानना है कि तेजपाल अदालत से भले बच जाएं, माफ किए जाने लायक नहीं हैं। लीक से हटकर कुछ अलग करने के क्रम में इस बार Yashwant Singh गल्ती कर रहे हैं। यहां मामला वैसा नहीं है जैसा आपने पेश किया है।
आज के दौर में सवाल उठाने वाला शिवानंद हो जाता है
चैनलों के चुनावी कार्यक्रमों में किसी दिन होगा उग्र हमला
गाजीपुर से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र ”जनबिन्दु” का लोकार्पण
वर्तमान परिवेश में समाचार पत्रों का प्रकाशन किया जाना अत्यन्त ही कठिन कार्य है। कारण, आज के व्यवसायिक युग में समाचार पत्रों का प्रकाशन भी आद्यौगिक घरानो अथवा पूंजीपतियों के पास है, जिसमें पत्रकार के रूप में कार्य करने वाले लोगो के सामने अनेक तरह की चुनौतियां आए दिन खड़ी होती है, जिससे पत्रकार प्रायः संघर्ष करता हुआ दिखता है। ऐसे ही संघर्षों से दो चार होते हुए गाजीपुर से साप्ताहिक समाचार पत्र ''जनबिन्दु'' का प्रकाशन शुरू किया गया है।
गरीब की देह पर मौत का ट्रायल: दवा परीक्षण का दंश
पीड़िता ने तेजपाल पर दबाव बनाने का आरोप लगाया
मुंगेर में सम्पन्न हुआ कवि मथुरा प्रसाद गुंजन स्मृति सम्मान समारोह
मंजुल भारद्वाज के नाटक ‘ड्राप बाइ ड्राप’ का यूरोप में मंचन
देश में लापता हैं साढ़े तीन करोड़ शौचालय
पुलिस ने की शोमा से पूछताछ, तेजपाल बयान से पलटे
साहेब हसीना और जासूस
निजी चैनल के बहस कार्यक्रम में पार्टियों की नौटंकी
‘तहलका’ में कार्यरत दो मीडियाकर्मियों के कुछ बयान…
'तहलका' ने मीडिया में नए मानक कायम किए. साहस व सरोकार की पत्रकारिता को नई उंचाई दी. पर अपने संस्थापक के एक गलत आचरण के कारण कई कारपोरेट मीडिया हाउसेज और 'तहलका' की पत्रकारिता से आहत कुछ घटिया राजनीतिक ताकतें मिल कर 'तहलका' नामक संस्थान को ही नष्ट, बदनाम और बर्बाद करने पर तुली हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि 'तहलका' में कार्यरत कुछ मीडियाकर्मियों के बयानों को सामने लाया जाए कि वो पूरे मामले को कैसे देखते व किस तरह सोचते हैं. विकास कुमार तहलका के शानदार फोटो जर्नलिस्ट हैं. प्रियंका दुबे तहलका की तेजतर्रार रिपोर्टर हैं. दोनों के फेसबुक वॉल से कुछ बयान यहां प्रकाशित किए जा रहे हैं…
तरूण तेजपाल, सेक्स, चारा घोटाला और नैतिकता
‘तहलका’ ने जिनका पर्दाफाश किया, वे तरुण तेजपाल कांड में खूब सक्रिय हैं : मंगलेश डबराल
Mangalesh Dabral : गोवा में तरुण तेजपाल द्वारा एक अधीनस्थ पत्रकार का शारीरिक-मानसिक उत्पीडन करने की भीषण घटना और उसके साथ जुड़े हुए ताक़त के कुत्सित विमर्श की जितनी निंदा की जाए, सही है. और वह हो ही रही रही है. लेकिन इसके दो पहलू और हैं: एक यह कि मीडिया की मुख्यधारा के भीतर वैकल्पिक, दक्षिणपंथ विरोधी और नैतिक पत्रकारिता के प्रतीक बन चुके 'तहलका' के मुखिया का यह आचरण अपने समय की सचाई जानने की इच्छा रखने वाले लोगों के गहरे विश्वास के हनन का दुखद उदाहरण है.
महिला और लड़का बाथरूम में पकड़े जाते हैं पर कार्यवाही होती है पकड़ने वाले गरीब गार्ड पर!
Rajat Amarnath : एक न्यूज़ चैनल पर चैनल हैड तरूण तेजपाल पर बहस करते हुए अपनी ही तारीफ़ के कसीदे पढ़ते हुए कह रहे थे कि तरूण तेजपाल की तरह मैं नहीं हुँ अपनी हर महिला कर्मचारी का ध्यान रखता हुँ और अंधेरा होने से पहले ही उनको छुट्टी दे देता हुँ और अगर अंधेरा हो जाता है तो गार्ड को साथ भेजता हुँ किसी महिला की नाईट शिफ्ट नहीं लगाता हुँ …..वगैरा वगैरा… आईये अब इन चैनल हैड साहब का भी नक़ाब हटाते हैं इनका नाम चैनल का नाम आखिर में बता दूंगा….
पढ़िए, महेश्वर पेरी क्या कहते हैं तरुण तेजपाल कांड के बारे में….
Peri Maheshwer : Again, a longish piece on Tarun. Bear with me. Comment only after you read it fully. The stupidity of our nation gets greatly exposed with two extreme reactions to Tarun Tejpal – the cult following at its best and now the rabid calls on his sexual escapades at its worst. For me personally, it is all the more disturbing as i know most of the parties involved. Tarun comes across as a sexual predator, on the prowl, in search for his next victim. He used his power and influence over young women half his age. The girl is his daughters' friend and his friends' daughter!!! This should not take away some of the most seminal work that the journalists of tehelka have done over the years.
कपिल श्रीमाली ने इंडिया न्यूज़ छोड़ा, इंडिया फर्स्ट से जुड़े
NUJ(I) demands justice for woman journalist
बहुत घटिया पत्रकार निकला अनुरंजन झा, देखिए स्टिंग की सच्चाई…
अनुरंजन झा काफी समय से मुख्य धारा की पत्रकारिता से बाहर हैं. उन्हें अब कोई न्यूज चैनल काम नहीं देता क्योंकि सबने जान लिया है कि ये बेहद विश्वासघाती और स्वार्थी व्यक्ति हैं, जहां काम करते हैं उसी की बैंड बजाने में यकीन रखते हैं. कई न्यूज चैनलों से होते हुए आखिर जब उन्हें कहीं ठिकाना न मिला तो एक धनपशु को भरोसे में लेकर शादी-बियाह का एक चैनल खोल दिया, 'शगुन टीवी' नाम से. खुद और खुद के चेल, पत्नी, परिजनों आदि को इस चैनल का हिस्सा बना दिया. पर जिसे एक बार अति-महत्वाकांक्षा, पैसे और प्रसिद्धि का रोग लग जाए तो वह अच्छा और गलत रास्ता नहीं देखता, वह नैतिकता और अनैतिकता में भेद नहीं करता. वह केवल अपना निजी फायदा देखता है.
अनुरंजन झा, आप, स्टिंग और असलियत
दो दिन से तरुण को बेच रहे हैं अर्नव… पर तेजपाल जैसी पत्रकारिता कब करेंगे गोस्वामी?
Nadim S. Akhter : टाइम्स नाऊ वाले अर्नव गोस्वामी की बहस में दो दिनों से तरुण तेजपाल बिक रहे हैं…उम्मीद करता हूं कि अर्नव का चैनल बहस से इतर तरुण तेजपाल जैसी पत्रकारिता-स्टिंग को भी तवज्जो देगा, ताकि देश का कुछ भला हो सके. पके-पकाए मुद्दे को लपक कर बहस करना आसान है, खोजी-स्टिंग पत्रकारिता करना मुश्किल. खास कर वो पत्रकारिता जो सरकार हिलाकर रख दे. टीवी के स्टूडियो से बाहर निकलिए और खबर ढूंढकर दिखाइए. फिर उस खबर को सामने लाने का माद्दा भी दिखाइए. तरुण तेजपाल पत्रकारिता में उत्थान से पतन की एक गाथा बन चुके हैं. कम से कम आप उनके उत्थान गाथा को ही अपना लें. भगवान राम ने भी मरने से पहले रावण के पास लक्ष्मण को भेजा था, ज्ञान लेने. यह जानते हुए कि रावण का पाप क्या था.
एक पत्रकार का प्रायश्चित
तहलका ने इस बार गजब का तहलका मचा दिया। तरूण तेजपाल अपने किए का प्रायश्चित करना चाहते हैं। उन्होंने अपने पहले खत में लिखा उनसे फैसला करने और स्थिति का सही आकलन करने में भूल हुई। ये बहुत अर्थपूर्ण लाइन है। इसका मतलब यह है कि वह समझ नहीं पाए कि नशे में गर्क वह कन्या उनसे क्या चाहती है। वह गफलत के शिकार हो गए। जैसा कि लड़की ने अपने खत में जाहिर किया है उन्हें लगा कि उनकी बेटी की सहेली सिर्फ उन्हें प्रेम करती है। तभी उन्होंने अपनी असभ्य हरकतों को जस्टिफाई करते हुए कहा-"क्या एक से ज्यादा लोगों से प्यार करना सही है?" वह लड़की भी बिहार के किसी गांव की नहीं थी। वह मुम्बई-दिल्ली में काम करने वाली तहलका की एक तेजतर्रार पत्रकार है। उसके ब्लाग में मैंने बहुत बोल्ड और विचारोत्तेजक लेख पढ़े हैं। लेकिन स्थिति का आकलन करने में उससे भी चूक हो हुई। वर्ना एक ही तरह के हादसे का वह दो बार शिकार न होती।
तरुण तेजपाल अब माफी के लायक हैं (1)
सबमें एक राक्षस होता है और जब वह जागता है तो आंखों पर पट्टी पड़ जाती है… अच्छे-बुरे का भेद खत्म हो जाता है.. समाज, सरोकार और सम्मान आदि की बातें जेहन से गायब हो चुकी होती हैं… पर जब पागलपन, उन्माद, आवेग, तामसिकता का वह वक्त गुजरता है तो पश्चाताप व अवसाद का अंतहीन सिलसिला शुरू होता है… तरुण तेजपाल के मामले में मुझे लगता है कि पीड़ित लड़की को अब तरुण को माफ कर देना चाहिए… उनकी जितनी जलालत हो सकती है, हो चुकी है… अब केवल इस पर राजनीति हो रही है और आगे भी होगी… करप्ट न्यूज चैनल्स और करप्ट मीडिया हाउसेज को मौका मिल गया है तेजपाल व तहलका को डाउन डाउन करने का… भाजपा जैसी फासिस्ट, करप्ट व बेसिरपैर की पार्टी बंगारु लक्ष्मण घूस कांड उजागर करने वाले तहलका के तरुण तेजपाल से बहुत ठीक से हिसाब-किताब चुकता करने व बदला लेने में जुट गई है और इस पार्टी की गोवा सरकार ने पुलिस वाले भेज दिए हैं दिल्ली, तेजपाल को बेइज्जत व प्रताड़ित करने के लिए…
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वेबसाइट के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे, फर्जी सीडी के आधार पर कार्रवाई नहीं: ‘आप’
तहलका की पत्रकार की निजता की रक्षा के लिए आनलाइन अपील
नीचे एक आनलाइन अपील का पूरा पाठ दिया गया है जो तरुण तेजपाल प्रकरण में मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही रिपोर्टिंग में महिला पत्रकार की निजता के हनन को रोकने के लिए जारी की गई है. ये अपील पत्रकारों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा जारी की गई है.
भाजपा की आगरा रैली में भी हुई पत्रकारों की ऐसी की तैसी
नरेंद्र मोदी की आगरा रैली में भी मीडिया प्रभारियों की आपसी अदावत पत्रकारों पर भारी पड़ी. एक पत्रकार तो इतना नाराज हुआ कि मीडिया प्रभारियों के मिसमैनेजमेंट के लिए भाजपा के कई पदाधिकारियों को एसएमएस भेज दिया. कई पत्रकारों ने तय किया है कि अब भाजपा की रैलियों को कवर करने के लिए नहीं जाएंगे. साथ ही पत्रकारों की नाराजगी का आलम यह है कि अखबारों में भाजपा के खिलाफ उसकी असलियत वाली खबरें प्रकाशित होने लगी हैं.
तेजपाल ने चुप्पी तोड़ी, शोमा के भी सुर बदले
भास्कर को फर्जी खबर और खंडन छापने की आदत हो गई है
साहेब के इस जासूसी कांड में कहीं युवती की जान ना चली जाये
चरित्र: कितना सामाजिक, कितना भ्रामक
तेजपाल के घर पहुंची पुलिस, गिरफ्तारी लगभग तय
मनोरंजना ने मतंग सिंह की बैंड बजा दी, जिंदल का भी सपना टूटा (पढ़ें कंपनी लॉ बोर्ड का आदेश)
इसी को कहते हैं बदला. वो जब पत्नी बदला लेने पर उतारू हो जाए तो पति को हर तरह से तबाह कर डालती है. कांग्रेस नेता रहे और 'पाजिटिव मीडिया' नाम से एक मीडिया हाउस चलाने का प्रयास करने वाले विवादित शख्सियत मतंग सिंह हर मोर्चे पर अपनी पत्नी से हारते जा रहे हैं. मनोरंजना और मतंग के बीच पाजिटिव मीडिया हाउस की हिस्सेदारी को लेकर कंपनी लॉ बोर्ड में मुकदमा चल रहा है.
वह संपादक ‘आई मिस यू’ के मैसेज के लिए कुख्यात रहा है
Mansi Manish आई मिस यू के मैसेज के लिए एक संपादक बहुत कुख्यात रहा है, वो नई आई महिला सहकर्मियों को दूसरे ही दिन यह मैसेज भेज देता था… ऐसे बौद्धिक भेड़िए अपना पूरा ग्यान तरुण तेजपाल के महिमामंडन में लगा देंगे पर लड़कियों को इन सपोलों से डरने का नहीं, उनके पास छिछले तर्क हैं, भारी भरकम शब्द हैं और तुम्हारे पास इकलौता सच जो सब पर भारी पड़ेगा… आसारामो, जजों, समाजसेवियों और तमाम तरुण तेजपालों की लुटिया डूबने का वक़्त आ गया है..
रजत शर्मा के स्क्रीन पर आने से इंडिया टीवी की टीआरपी में उछाल
रजत शर्मा का जादू दिख रहा है. इंडिया टीवी को भूत प्रेत और गासिप स्टोरी वाले चैनल की छवि से निकालने की उनकी मुहिम रंग ला रही है. पोलिटिकल व हार्ड न्यूज पर चैनल को शिफ्ट करने की प्रक्रिया का बाजार ने भी वेलकम किया है. 46वें हफ्ते की टीआरपी से पता चलता है कि सबसे ज्यादा इंडिया टीवी को फायदा मिला है. इसके ठीक पहले वाले हफ्ते से दो प्वाइंट ज्यादा की वृद्धि टीआरपी में हुई है. आजतक के लिए इंडिया टीवी गंभीर खतरा बनता दिख रहा है. बाकी चैनलों में इंडिया न्यूज का डाउनफाल दिख रहा है. न्यूज नेशन की जोरदार उछाल कायम है और वह एनडीटीवी, आईबीएन7 आदि चैनलों से उपर है. टीआरपी चार्ट ये है….
आम आदमी पार्टी ने एक बार रिलायंस का जिक्र किया और पार्टी टांय-टांय फिस्स : अरुंधति राय
अण्णा हजारे तो दफ्तर बंद करके चले गए। जब ये लोग बिना कोई काम किए हुए टेलीविजन चैनलों के स्टूडियो में अपने मूवमेंट का निर्माण करते हैं तो उनका क्या भविष्य हो सकता है? जब टेलीविजन चैनल चाहेंगे तो उन्हें आगे बढ़ाएंगे! जब उन्हें कोई खतरा नजर आएगा तो इन आंदोलनों को बंद कर देंगे। उसमें क्या है? मसलन आम आदमी पार्टी को देखिए! जिसने एक बार रिलायंस का जिक्र किया और टांय-टांय फिस्स। जब मीडिया उनका (कॉरपोरेट) है तो आखिर आप वहां कैसे हो सकते हैं? मतलब थोड़ा तो आगे सोचना चाहिए ना! ऐसे तो होगा नहीं। यह जो बचपना है, यह कैसे चलेगा?
मैं सीपीआई-एमएल, आइसा से कभी-कभी सहमत होती हूं : अरुंधति राय
जब पार्टियां बहुत छोटी होती हैं, जैसे कि सीपीआई (एमएल) और सीपीआई, तो आपके पास इंटिग्रिटी होती है। आप अच्छी पॉजिशंस और हाई मॉरल ग्राउंड (उच्च नैतिक आधार) ले सकते हैं। क्योंकि आप इतने छोटे होते हैं कि इससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अगर आप सीपीएम जैसी बड़ी पार्टी हैं तो स्थिति दूसरी होती है। अगर हम केरल और बंगाल के संदर्भ में सीपीएम की बात करें तो दोनों जगह इसके अलग-अलग इतिहास रहे हैं।
पुलिस प्रशासन डाल डाल तो महाठग कमल पात पात
तरुण तेजपाल ने पीड़ित महिला पत्रकार को एसएमएस भेजा- ”एक नशेबाज की दिल्लगी का उलटा ही अर्थ निकाल लिया”
मेरे लिए आपको यह ई-मेल लिखना बेहद तकलीफदेह है। जो बात मैं कहने जा रही हूं उसे कैसे सरल ढंग से कहा जाए, यह सोचने में लगी हुई थी, लेकिन अब मुझे यही एक रास्ता समझ आ रहा है। पिछले सप्ताह तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल ने 'थिंक फेस्ट' के दौरान दो बार मेरा यौन उत्पीड़न किया। जब उन्होंने पहली बार यह हरकत की तो मैं आपको फौरन फोन कर बताना चाहती थी, लेकिन आप बुरी तरह व्यस्त थीं।
एनबीटी आनलाइन को एक कापी एडिटर चाहिए, लेकिन बहुत ज्ञानी, देखिए शर्तें
एनबीटी आनलाइन में उपसंपादक (कॉपी एडिटर) की एक पोस्ट खाली है। इसके लिए ऐसा शख्स चाहिए जिसने एक या दो साल तक कहीं काम किया हो। वैसे फ्रेशर से भी कोई परहेज नहीं है, बस मानकों पर खरा उतरे। जर्नलिज्म में डिप्लोमा या डिग्री जरूरी नहीं, लेकिन आज की पत्रकारिता क्या है, इसकी जानकारी उसे होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में उसकी पत्रकारिता की दुनिया सिर्फ मोदी-राहुल-कांग्रेस-बीजेपी तक सीमित न हो बल्कि आसपास की हर खबर की भी उसको समझ हो।
इ कइसन खोजी पत्रकारिता किये कि खुद ही खोजा रहे हैं : रवीश कुमार
Ravish Kumar : इ कइसन खोजी पत्रकारिता किये कि खुद ही खोजा रहे हैं। वैसे प्रायश्चित्त करने हिमालय गए हैं या दक्षिणे दिल्ली में कंदरा बना लिये हैं। सत्य पर जब संदेह नहीं है तो संदिग्ध पर इतना स्नेह क्यों। या तो सत्य को संदिग्ध करो या संदिग्ध को सत्य घोषित।
द सी एक्सप्रेस में विज्ञापन के बोझ से दबे पत्रकार
आगरा से प्रकाशित हो रहे द सी एक्सप्रेस में पत्रकार विज्ञापन के बोझ से दब गए हैं। चेतावनी दी गई है कि नौकरी करनी है तो विज्ञापन लाओ। कई ब्यूरोचीफ की इस महीने के अंत तक छुट्टी दो सकती है। उनसे लिखवा लिया गया है कि विज्ञापन का टारगेट पूरा नहीं किया तो इस्तीफा दे देंगे। अखबार का प्रसार लगातार गिर रहा है। इसे बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इसके बाद भी विज्ञापन का दबाव है। बार-बार अखबार बन्द करने की धमकी दी जा रही है।
अनुरंजन, दीपक, स्टिंग : खोदा पहाड़ और निकली चुहिया…
Manish Sisodia : इस तथाकथित स्टिंग ओपरेशन से क्या सिर्फ आम आदमी पार्टी की साख दाव पर है? मीडिया की नहीं? कल कोई आदमी आया और उसने एक ऎडिटिड सीडी दिखाई. मीडिया ने बिना पूरी रिकार्डिंग देखे, सिर्फ एडिटिड फुटेज और वायस ओवर में लगाए आरोपों के आधार पर आम आदमी पार्टी के लोगों को बदनाम कर दिया? क्या आज हमारा मीडिया इतना कमजोर है कि कोई उसे, कुछ भी दिखाकर मूर्ख बनाकर जा सकता है?
प्रतिष्ठित अमेरिकी मैगजीन फोर्ब्स बिकने को तैयार
अमेरिकी मैगजीन ‘फोर्ब्स’ की प्रकाशक कम्पनी 'फोर्ब्स मीडिया' अब जल्द ही बिक सकती है। दरअसल उम्मीद की जा रही है कि इससे उसे 40 करोड़ डॉलर प्राप्त होंगे। फोर्ब्स पत्रिका सालाना अरबपतियों की सूची के प्रकाशन के लिए जानी जाती है।
टैम को टक्कर देने के लिए ईशा मीडिया रिसर्च लिमिटेड मैदान में
मुंबई : भारत में टेलीवीजन और रेडियो की टीआरपी मुहैया करानेवाली एकमात्र और बहुराष्ट्रीय कंपनी टेलीवीजन ऑडिएंस मेजरमेंट (टैम) का एकाधिकार में जल्द ही सेंध लग सकती है। खबर है कि इस सेक्टर में एक घरेलू कंपनी ईशा मीडिया रिसर्च लिमिटेड उतर रही है। जिसकी वजह से टैम को पहली बार कोई प्रतियोगी मिल सकेगा। यह कंपनी पहले चरण में 50,000 और दूसरे चरण में 50,000 मीटर लगाएगी। इस तरह टैम की तुलना में इसके मीटर की क्षमता करीबन 12 गुना अधिक होगी।
तरुण तेजपाल, शोमा चौधरी और देश की न्यायिक व्यवस्था के नाम खुला पत्र
कोयला मंत्रालय ने ग्यारह खदानों का आवंटन रद्द किया
नई दिल्ली : कोयला मंत्रालय ने जिंदल स्टील एंड पावर लि. (जेएसपीएल) तथा राठी उद्योग लि. को आंवटित 11 कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने का निर्णय किया है। कोयला मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कोयला मंत्रालय कल 11 कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने का निर्णय किया है। ये कोयला खदानें जेएसपीएल तथा राठी उद्योग लि. जैसी कंपनियों को आवंटित किए गए थे। कोयला खदानों पर अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने 30 कोयला खदानों के कामकाज की समीक्षा के बाद 11 खदानों का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की थी।
तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
अभी अभी सूचना आई है कि गोवा पुलिस ने तहलका फेम तरुण तेजपाल के खिलाफ यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कर लिया है. तहलका में कार्यरत लड़की ने तहलका के एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. हालांकि लड़की ने पुलिस में कंप्लेन नहीं की है पर पुलिस ने खुद संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है. मामला गोवा में घटित हुआ था, इसलिए गोवा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.
रॉ फुटेज के छेड़छाड़ की गई है : आप
नई दिल्ली : स्टिंग ऑपरेशन के आरोपों से घिरी आम आदमी पार्टी ने अनुरंजन झा से रॉ फुटेज की मांग की है. अनुरंजन ने रॉ फुटेज देने से इनकार किया है. उनका कहना है कि वे आम आदमी पार्टी को रॉ फुटेज क्यों दें? आरोप 'आप' पर हैं और उन्हें कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. अनुरंजन झा का कहना है कि यह कैसे हो सकता है कि मुजरिम को ही सबूत दे दिए जाएं और वे खुद ही फैसला करेंगे. झा ने कहा, "हम सभी मीडिया संस्थानों का स्वागत करते हैं कि वह मेरे दफ्तर में आएं और रॉ फुटेज देखें."
कुछ लोगों का धर्मान्तरण होता है, मेरा जातांतरण हो गया
मीडिया में जाति का दंश-पार्ट 1: जाति पर बात करना मुझे भी खराब लगता है. जाति व्यक्ति की नहीं जमात की होनी चाहिए. मैं आज नहीं अभी से ही जाति से सम्बंधित कोई बात नहीं लिखूंगा ना ही कहूंगा लेकिन मुझे आश्वासन चाहिए कि जो मेरे और मेरे जैसे सैकड़ों के साथ जो 'जाति का नंगा …
कैंसर पीड़ित वरिष्ठ महिला पत्रकार अग्निमा का निधन
एक बुरी खबर है. दिल्ली की वरिष्ठ महिला पत्रकार अग्निमा का निधन हो गया है. वे कैंसर से पीड़ित थीं. उन्होंने आखिरी सांस आज सुबह 11 बजे अपोलो अस्पताल में ली. इस बाबत जानकारी पत्रकार शिशिर सोनी ने अपने फेसबुक वॉल पर शेयर किया है. Shishir Soni लिखते हैं:
पीड़िता सायमा सहर से केस वापस लेने के लिए दीपक चौरसिया दबाव बनाते रहे!
Vineet Kumar : तब बतौर एडीटर, (नेशनल, स्टार न्यूज) दीपक चौरसिया सायमा सहर के मामले को रफा-दफा करवाने चैनल के सीइओ वेंकट रमाणी के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग के दफ्तर पहुंचे. समय-समय पर ये सायमा सहर से केस वापस लेने के लिए दबाव भी बनाते रहे. लाइव इंडिया के तत्कालीन एडीटर इन चीफ और मौजूदा जी न्यूज के एडीटर इन चीफ सुधीर चौधरी की केबिन से साल 2007 में एक मीडियाकर्मी निकलती है.. बाहर खबर ये थी कि सुधीर चौधरी उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी देता रहा कि इधर मीडियाकर्मी पहले ही नौकरी को लात मारकर जाने का मन बना चुकी थी.
कौन बचा रहा है तेजपाल को: तहलका या कोई और
मैं आप की सपोर्टर नहीं, लेकिन आज बहुत आहत हूं…
Pashyanti Shukla : मैं आप की सपोर्टर नहीं…लेकिन आज बहुत आहत हूं… वाकई में offence is the best defense… दो हफ्ते बाकी है चुनाव में..ये तो होना ही था..लेकिन गलती किसकी है..कांग्रेस बीजेपी की या फिर इंडिया न्यूज़ की शायद किसी की नहीं ..सब अपना अपना काम कर रहे थे तुम्हारी गलती है कि तुम अपना नहीं दूसरों का काम कर रहे थे…दूसरों के काम में दखलअंदाज़ी कर रहे थे…लो बेटा अब भुगतो.