सहारा प्रबंधन द्वारा तनख्वाह न दिये जाने जाने से भूखे पेट काम करने वाले कर्मचारी यूनियन के सदस्यों ने रालेगण सिद्धी गांव में अण्णा हजारे से आशिर्वाद लिया. इसके साथ ही कर्मचारियों ने एक स्वर में यह निर्णय लिया की अब भूखे पेट की लड़ाई को मात्र विनंती पत्रों के दायरे से निकालकर आंदोलन का रूप दिया जाएगा. इस महीने की शुरूआत का पहला हफ्ता बीत गया है और महाराष्ट्र के कुलदेवता कहे जाने वाले भगवान गणपति के आगमन की तैयारी शुरू हो गई है लेकिन सहारा इण्डिया के कर्मचारियों का घर सूना है. इन पीड़ित कर्मचारियों को उम्मीद थी कि, भूखे पेट और परेशान परिवारों के आंसू को अनेदखा कर रहे प्रबंधन को शायद विघ्न विनाशक गणपति की सुध होगी जिसके बाद यह तनख्वाह दे देंगे, लेकिन उसका रूख अड़ियल है.
वह लोगों की भूख का दर्द समझने के बजाय ठण्डा बैठा है उसके चमचे अधिकारी अब सहारा श्री के छोटे भाई जयब्रत राय की धमकी दे रहे हैं. यह चमचे दबी आवाज़ में सहारा कर्मचारी संगठन से जुड़े लोगों को यह धमकी दे रहे हैं कि, संगठन बना कर आप लोगों ने सबसे बड़ी गलती की है और इसका अंजाम बुरा होगा. बहरहाल परिवार की परेशानियों से लाचार कर्मचारी करो या मरो की स्थिति में हैं. अब सोमवार से मुंबई के कर्मचारी आंदोलन शुरू करेंगे. कर्मचारियो के भीतर कुछ स्थानीय अधिकारियों को लेकर तिव्र नाराज़गी है, मसलन मुंबई का सर्विस डिवीज़न देखने वाले अनिल मकवाना कैमरामैनों के साथ तानाशाही पूर्ण व्यवहार कर रहे हैं.
कंपनी की आर्थिक परिस्थितियां डगमगाने के बाद जब वेतन का भुगतान अनियमित हुआ तो प्रबंधन ने कर्मचारियों के नियमित ड्यूटी पर आने में छूट दी थी. लेकिन पिछले आठ महीनों में कैमरामैनों को अपने पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए भी छुट्टी लेने में खून के आंसू रोने पड़े हैं. वर्तमान एडमिन श्री नवनीत सिन्हाजी का व्यवहार भी ईस्ट इण्डिया कंपनी के एजेंट की तरह है. इसके अलावा संजय मिश्रा जी अपनी अभिनय कला का प्रयोग कर्मचारियों पर कर रहे हैं, वह खुले में कर्मचारियों को भैया-बाबू कहते हैं लेकिन, छुपे में लोगों पर दबाव डालकर इस्तिफा देने को कहते घूम रहे हैं.
एचआर हेड काशिनाथ झा, मुंबई कॉर्पोरेट ऑफिस के मुखिया सोमेश बोस और संजय मिश्रा की हालत तृतीय पंथियों तरह हो गई है. प्राप्त सूचनाओं के अनुसार इन्हें एक तरफ यूनियन के गठन के कारण प्रबंधन से खरी खोटी सुननी पड़ रही है तो दूसरी तरफ भूखे लाचार कर्मचारियों से नज़रें चुराते घूम रहे हैं. संगठन के अध्यक्ष विशाल मोरे और सचिव वेद प्रकाश मिश्रा और कोषाध्यक्ष हरिकांत शर्मा के अनुसार कर्मचारी यूनियन अभी भी प्रबंधन से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता है कि वह कर्मचारियों के धैर्य की परिक्षा ना लें, कंपनी के नियम कायदों के अनुसार कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का तुरंत भुगतान करके कार्यालय में काम का माहौल बनाया जाए. यदि ऐसा न हुआ तो “अब याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा” की नीति अपनाने के सिवाय परेशान कर्मचारियों के आगे कोई चारा नहीं होगा.
अन्ना हजारे से मुलाकत की तस्वीर देखने के लिए नीचे लिखे Next पर क्लिक करें>>
Salim Sayyad
September 5, 2015 at 1:17 pm
Weldone, Good Job, bahot khub…..
Harikant
September 5, 2015 at 1:37 pm
एक दम सही है
Amar Rajoli
September 5, 2015 at 1:52 pm
Pic is awesome and good job as done ours leadership sir there with u
pramod
September 5, 2015 at 2:11 pm
Well done
Neil
September 5, 2015 at 2:28 pm
Good job bahut emotions ke saath khele hai aar ya paar
balkrishna karambele
September 5, 2015 at 2:44 pm
Weldone bahut khub.
Riya
September 5, 2015 at 4:13 pm
Nice step
prashant ghadage
September 6, 2015 at 4:45 am
Well done
Dasharath Matkar
September 6, 2015 at 12:14 pm
weldone sirji good, hum aapke sath hai…..
Yogesh Mahadik
September 6, 2015 at 12:17 pm
Weldon sirji, nice
ajay
September 8, 2015 at 6:21 am
lade bina kaam nahi chalegaa
ajay
September 8, 2015 at 6:21 am
lade bina kaam nahi chalegaa