वेतन न मिलने से सहारा मीडिया के कर्मचारी भुखमरी के कगार पर आ गये हैं। लगभग एक सप्ताह पहले एजेडब्लू (इनका अपना कैडर है) से लेकर जूनियर एग्जकिवटिव तक के कर्मचारियों को पे स्लिप दे दी गई लेकिन वेतन आजतक नहीं मिला…. संपादक, मैनेजर, एकाउन्ट और एचआर हेड रोज कर्मचारियों को गोली पर गोली दिये जा रहे है… हर कर्मचारी अपने खर्च में कटौती कर रहा है… हर कर्मचारी कर्ज मे गले तक डूब गया है…
हालत यह है कि अधिकारीयों के चमचे तक के स्वर बगावती हो रहे हैं… एक ही सवाल सबके जेहन में है कि आखिर वेतन क्यों नही दे रहे हैं सहारा वाले… अखबार के लिये कागज खरीदने के लिये पैसा है, स्याही खरीदने के लिये पैसा है… बिजली-पानी का बिल देने के लिये पैसा है…. अधिकारियों को ढोने के लिये गाड़ी लगाने और उसमें पेट्रोल और डीजल डलवाने के लिये पैसा है केवल कर्मचारियों को वेतन देने के लिये पैसा नहीं है…..
चर्चा है कि सहारा ने मीडिया को बेच दिया है… मार्च तक ये वेतन के मामले को टाला जा रहा है…. नया मालिक आयेगा तो वह नये वित्तीय वर्ष से पैसा देगा… इस चर्चा में दम भी है… पिछले माह प्रबंधन ने एक नोटिस लगाई थी जिसमें मार्च तक का समय मांगा था. समय मांगने का राज अब कर्मचारियों की समझ में आया..
महोदय, हर अखबार वाले मजीठीया की लड़ाई लड़ रहे हैं और सहारा वाले वेतन की.. फरवरी में तीन महीने हो जायेगा वेतन मिले हुए… यानी सहारा वालों के सामने दोहरा संकट है… सूत्रों का कहना है कि यह संकट जान-बूझकर खड़ा किया जा रहा है…. अन्य यूनिटों में वेतन दिया जा रहा है… संकट केवल मीडिया के लिये है…. प्रबंधन मीडिया वालों को सबक सिखाना चाहता है क्योकि प्रबंधन का मानना है कि मीडिया ने कोई प्रभावशाली भूमिका नहीं निभाई इसलिये इसे सबक सिखाना है….. मतलब, करें वो, भरे मीडिया…
महोदय, आपने हमारी समस्या कई बार उजागर की है…. इस बार भी करेंगे… बेहतर है की इसमे प्रबंधन का भी पक्ष लें कि वेतन क्यों नही दे रहे हैं ? समूह संपादक की राय ली जा सकती है… आखिर वे चाहते क्या हैं…..
एक सहाराकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
om praskash
February 10, 2015 at 2:52 pm
खबर सच भी हो सकती है.. धन्य है सहारा के मालिकान और प्रबंधन..कहां तो देश को खिलाने की बात करते थे।अब अपने ही कर्मियों को खाने को तरसा रहे हैं..कहां गए वो 60-70 हजार करोड़ रुपए कोई है जो जवाब दे
Gulam
February 11, 2015 at 3:43 am
Aakhir Rai bandhuwon ne sahara ki lutiya dubo dali. Jo bacha khucha hai use Rai bandhuwon ka hi kunba ghun ki tarah kha raha hai. Jahan bhi Rai hain wo sahara ko khak me milane me jute hain. ye sahara me aakhri kil thokar jayenge. ye log sansthan me apne adhikar ka istemal kar aarajakta phailete hain. yogya saharakarmi ko pareshan karte hain. pahle puchkarte hain phir use beijjat karte hain taki sansthan arajak bana rahe. jai hind. bharatmata inhe sadbuddhi de.
mini
February 11, 2015 at 5:36 am
मारा तो हर जगह छोटा कर्मचारी ही सहारा मै भी यही हो रहा है बेचारे ५००० – ५००० वालो को भी तीन तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है. सोचो उनका खर्च कैंसे चल रहा होगा. पर बड़े कर्मचारी तो आज भी मौज उड़ा रहे हैं. उनके सब खर्चे आज भी कंपनी पूरा कर रही है.
techno-savi
February 12, 2015 at 12:42 am
मुद्दई लाख बूरा चाहे,तो क्या होता है.
वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है “
कोई भी आंधी – तूफान अथवा ग्रहण सदा के लिए नहीं होता,समय अन्तराल पर सब समाप्त हो जाता है ।
शनी का ढैया लगा है,सहारा पर जो अब उतरने वाला है और जब उतरता है तब परेशानीयॉ ज्यादा होती है, ऐसा ही वक्त चल रहा है सहारा का ।
चिन्ता न करें, ” अच्छे दिन बहूत जल्द आने वाले हैं”
जाको राखे साइंया,मार सके ना कोए ।
बाल ना बांका कर सके, जो जग बैरी होए ।।
seanurada
February 12, 2015 at 12:46 am
महोदय, हर अखबार वाले मजीठीया की लड़ाई लड़ रहे हैं और सहारा वाले वेतन की.. फरवरी में तीन महीने हो जायेगा वेतन मिले हुए… यानी सहारा वालों के सामने दोहरा संकट है… सूत्रों का कहना है कि यह संकट जान-बूझकर खड़ा किया जा रहा है…. अन्य यूनिटों में वेतन दिया जा रहा है… संकट केवल मीडिया के लिये है….
ss sharma
February 13, 2015 at 8:34 pm
If they don’t want to give salary they must
Clarify so employee take decision.
Nov.ki salary abhi bhi nahi mili h…sshamsssshamsssshamsssshamsshamssssha shame on managment
j d
February 15, 2015 at 11:13 am
ye khabar bilkul galat aur bhramit karne wali khabar hai
..keval kuch department aur bahut sr. cader walo ki salary delay hai baki midle aur junior cader ki saalary arahi hai..ha kuch din late jarur hai…
ek karmchaaree
February 20, 2015 at 9:05 am
J.d. tòo jaroor maalik ka dalla hoga..too kahtaa hai khabar bilkul galat hai …saabit karega kameene??
ek karmchaaree
February 20, 2015 at 9:10 am
Jj.d saahab sailree bank khaate me aatee ..3 maah se nahee àayee ..paas book kee chaayaa prati bhejòo kyaa??
pramod
August 29, 2015 at 4:29 am
weldone
peladaloo