अतीक अहमद पर भड़ास4मीडिया ने 5 लेखों की सीरीज चलाई है, पढ़ डालिए

सत्येंद्र पी एस- अतीक अहमद पर भड़ास4मीडिया ने 5 लेखों की सीरीज चलाई है। उससे आप कई निष्कर्ष पर पहुँच सकेंगे। जैसे कि अतीक अहमद के सभी खास सिपहसालार ब्राह्मण थे/हैं।

अतीक की असली कहानी (5) : बदलते समय के साथ बदल रहे समाज को भांप न पाए, अशिक्षित होने के कारण अपनी अकड़ में लगातार गलती करते गए!

मोहम्मद ज़ाहिद- ऐसा भी कहा जाता है कि मदरसा कांड इसलिए अंजाम दिया गया क्योंकि अतीक अहमद के ड्रीम प्रोजेक्ट अलीना सिटी और अहमद सिटी को जोड़ने के लिए जो रास्ता था मदरसा उसके बीच में आ रहा था।

अतीक की असली कहानी (4) : अशरफ़ की लौंडियाबाजी और मदरसा रेप कांड के कारण अपनों ने ‘भाई’ से फेर लिया मुँह!

मोहम्मद ज़ाहिद- लगातार 4 बार इलाहाबाद शहर पश्चिमी से विधायक चुने जाने के बाद समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद के हनक और प्रभाव का इस्तेमाल अपने पक्ष में मुसलमानों की गोलबंदी के लिए करना शुरू कर दिया क्योंकि मुसलमानों के वोट की दावेदारी बसपा की भी थी , इसीलिए प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, कानपुर, फतेहपुर में अतीक …

अतीक की असली कहानी (3) : बीजेपी वाले ‘चाचा’ त्रिपाठी जी का वरदहस्त!

मोहम्मद ज़ाहिद- नवंबर 1989 में अतीक अहमद पहली बार इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर विधायक बने तो उनके दामन में चांद बाबा की खौफनाक हत्या के ऐसे आरोप थे जो जनता के मनमस्तिष्क में घर गये मगर प्रशासन ने कभी उन्हें इसके लिए आरोपित नहीं किया।

अतीक की असली कहानी (2) : जब पिता की दाढ़ी नोच कर थूक दिया!

मोहम्मद ज़ाहिद- अतीक अहमद पर आने से पहले समझिए कि “चांद बाबा” क्या था ? तब कहानी सही से समझ में आएगी। दरअसल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या से उथल पुथल शहर के हम्माम गली में रहने वाला “शौक ए इलाही उर्फ चांद हड्डी” हार्डकोर क्रिमिनल था , उसके जुर्म का इतिहास सराए गढ़ी …

अतीक की असली कहानी (1) : भुक्खल को चेतावनी- काफिला गुज़रे तो असलहा गाड़ी के बाहर दिखाई ना‌ दे‌ वर्ना…

मोहम्मद ज़ाहिद- इलाहाबाद जंक्शन से हर सुबह एक तांगा सवारी बैठाती और खुल्दाबाद, हिम्मतगंज, चकिया पर सवारी उतारती चढ़ाती जंक्शन से 5 किमी दूर स्थित “कसरिया” जाती और फिर वहां से इसी तरह इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन आती। सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक सवारी ढोने का काम चलता रहता।