क्या योगी जी पत्रकार जागेंद्र हत्याकांड की सीबीआई जांच कराएंगे?

अखिलेश सरकार के प्रभावशाली मंत्री पर शाहजहांपुर के एक ईमानदार पत्रकार जागेन्द्र सिंह को खरीदने में विफल रहने पर पुलिस के हाथों उसे जिन्दा फूंकवाने का आरोप था जिसकी निष्पक्ष जाँच सीबीआई से कराने के लिए मैंने सर्वोच्च न्यायालय से अर्जी देकर माँग की थी। पर उसे न्याय नहीं मिला और जाँच के नाम पर स्थानीय पुलिस ने सिर्फ लीपापोती कर अन्तिम रिपोर्ट में सबको बरी कर दिया जबकि जागेन्द्र ने खुद अपने मृत्युपूर्व बयान में इस जघन्य कांड के लिए मंत्री और पुलिस के बीच नापाक साजिश को बेनक़ाब किया था।

यूपी के पत्रकारों, साथी पत्रकार जगेंद्र सिंह की शहादत को भूल मत जाना, सपा को जरूर हराना

आज यूपी में कई पत्रकार सपा की दलाली करने में व्यस्त हैं। ये लोग पत्रकार जगेंद्र सिंह की शहादत को भुलाकर उनका अपमान कर रहे हैं। लेकिन यूपी के ढेर सारे पत्रकार याद रखें हुए हैं वो बर्बरता जिसे सपा के लोगों ने पत्रकार जगेंद्र सिंह के साथ की थी। अगर सपाइयों की कमर न तोड़ी गई तो वो बर्बरता कल के दिन आपके साथ भी होगी। तब आपको पश्चाताप होगा कि हम उन लोगों की दलाली कर रहे थे जिन्होंने यूपी में कानून का नहीं, गुंडों एवं हत्यारों का राज चला रखा है। इसीलिए यूपी के पत्रकारों को शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या को याद रखकर इस चुनाव में पत्रकारिता करने की जरूरत है। सपा के गुंडाराज, बलात्कारराज, लूट, हत्या, भ्रष्टाचार, दबंगई, अपहरण को यूपी की जनता के सामने ना लाकर सपा की दलाली करने वाले पत्रकारों पर धिक्कार है।

पत्रकार जगेंद्र केस में आरोपी पुलिसकर्मी बरेली क्राइम ब्रांच पर कोर्ट में बयान का बना रहे हैं दबाव

बरेली : शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह मर्डर केस में आरोपी पुलिसकर्मी बरेली क्राइम ब्रांच पर जबरन दो गवाहों के कोर्ट में बयान कराने का दबाव बना रहे हैं। इन गवाहों के बयान के जरिए वह खुद को केस से बचाना चाहते हैं, लेकिन बरेली के पुलिस अधिकारियों ने आईओ को बिना किसी दवाब के सही जांच करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।

जगेंद्र हत्याकांड मामले पर प्रेस काउंसिल ने यूपी सरकार और यूपी पुलिस की कड़ी आलोचना की

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक पत्रकार की हत्या पर जारी प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की एक रिपोर्ट में यूपी पुलिस की और प्रशासन की भूमिका की निंदा की गई है। प्रेस काउंसिल ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गंभीर उपाय करने की भी मांग की है। 8 जून को शाहजहांपुर में एक स्वतंत्र पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या के बाद पीसीआई ने जांच के लिए एक टीम का गठना किया था। पीड़ित पत्रकार ने मरने से पहले दिए गए अपने बयान में कहा था कि मंत्री राम मूर्ति वर्मा के खिलाफ लिखने के कारण स्थानीय पुलिस ने उन्हें जिंदा जला दिया। रिपोर्ट में राज्य सरकार से एक निष्पक्ष एजेंसी द्वारा मुकम्मल जांच करवाने की अनुशंसा की गई है। रिपोर्ट में लिखा है-

पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भेजा यूपी सरकार को नोटिस

उत्तर प्रदेश में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जलाकर मारे जाने के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस उस याचिका पर सुनवाई के बाद जारी कि जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल पीआईएल को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर की गुहार लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार को जलाए जाने और उनकी हत्या के मामले की स्वतंत्र जांच के लिये जगेंद्र के बेटे द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने की परिस्थितियों की सीबीआई जांच हेतु दायर याचिका पर विचार करने का निश्चय किया. इससे पहले याचिका दायर कर पत्रकारों की सेफ्टी के लिए गाइडलाइंस बनाए जाने की बात कही गई है.

Scribe Jagendra Singh burning case : SC seeks response from Centre, UP on PIL

New Delhi: The Supreme Court on Friday decided to entertain a plea seeking CBI probe into the circumstances leading to the withdrawal of a petition by a journalist’s son, who had sought an independent probe into the alleged burning and murder case of his father in which a state minister and five others have been booked. An application filed by a Lucknow scribe has claimed that the son of slain journalist, Jagendra Singh, was pressurised and threatened by the alleged killers of his father, following which he had written a letter to his lawyer on July 23 wishing to withdraw the petition.