मौकापरस्त शायर मुनव्वर राणा मिल आए प्रधानमंत्री मोदी से!

Nadeem : तो हारो न खुद को तुम… आज एक नामचीन शायर ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। प्रधानमंत्री से मुलाक़ात में कोई बुराई नहीं, बस उनकी मुलाकात इस लिये थोड़ा खटकी कि बिहार चुनाव के मौके पर उन्हें सबने टीवी के पर्दे पर देश में बढ़ती अहिष्णुता पर फूट फूट कर रोते देखा था। वह जेब में अपना पुरस्कार और पुरस्कार की राशि लेकर आये थे और उसे टीवी चैनल के जरिये वापस कर गए थे। सुना आज जब वो मोदी जी से मिले तो उनके कंधे पर सर रख कर खूब फफक फफक के रोये गोया बचपन के बिछड़े भाई मिले हों।

साथियों, मुनव्वर राना से बच कर रहिए!

Mohammad Anas : मशहूर क्रांतिकारी शायर और गजब की अदा से अशआर पढ़ने वाले मुनव्वर राना साहब ने कहा है कि अगर नरेंद्र भाई मोदी कहेंगे तो वे उनका जूता भी उठाने को तैयार हैं। ये लीजिए, एक और जीतनराम मांझी आपके सामने आ गए। इट्स ओके राना साहब, चिल कीजिए। हो जाता है। लेकिन हम लोगों से यह नहीं हो पाता है इसलिए आप पर हम लोग तो बात करेंगे। तो साथियों, मुनव्वर राना से बच कर रहिए। टीवी ने उन्हें अब तक के साहित्यिक प्रतिरोध का हीरो बना दिया है। यह जानबूझ कर किया गया है क्योंकि हममें से ज्यादातर लोग जानते हैं कि भाजपा से उनके बहुत करीबी रिश्ते रहे हैं। इस बार उन्हें साहित्य अकादमी अवार्ड मोदी सरकार के कहने पर मिला था।

पुण्य प्रसून बाजपेयी का विश्लेषण- आखिर मुनव्वर राणा को लेकर संघ परेशान क्यों है?

: मुनव्वर राणा का दर्द और संघ परिवार की मुश्किल : ”आप सम्मान वापस लौटाने के अपने एलान को वापस तो लीजिये। एक संवाद तो बनाइये। सरकार की तरफ से मैं आपसे कह रहा हूं कि आप सम्मान लौटाने को वापस लीजिये, देश में एक अच्छे माहौल की दिशा में यह बड़ा कदम होगा। आप पहले सम्मान लौटाने को वापस तो लीजिये। यहीं न्यूज चैनल की बहस के बीच में आप कह दीजिये। देश में बहुत सारे लोग देख रहे हैं। आप कहिए इससे देश में अच्छा माहौल बनेगा।” 19 अक्टूबर को आजतक पर हो रही बहस के बीच में जब संघ विचारक राकेश सिन्हा ने उर्दू के मशहू शायर मुनव्वर राणा से अकादमी सम्मान वापस लौटाने के एलान को वापस लेने की गुहार बार बार लगायी तब हो सकता है जो भी देख रहा हो उसके जहन में मेरी तरह ही यह सवाल जरूर उठा होगा कि चौबीस घंटे पहले ही तो मुनव्वर राणा ने एक दूसरे न्यूज चैनल एबीपी न्यूज पर बीच बहस में अकादमी सम्मान लौटाने का एलान किया था तो यही संघ विचारक बाकायदा पिल पड़े थे। ना जाने कैसे कैसे आरोप किस किस तरह जड़ दिये।

एबीपी न्यूज के तमाशेबाजों ने डरा कर रख दिया…

आलोक कुमार : एबीपी न्यूज के तमाशेबाजों ने डरा कर रख दिया। शो हिट कराने के लिए मेरे प्रिय शायर मुनव्वर राना को निशाने पर ले लिया। हमारे दौर के सबसे संवेदनशील रचनाकार मुनव्वर को एवीपी वालों ने “निशान ए साहित्य अकादमी” और सम्मान की एक लाख रूपए की राशि के साथ आने को राजी कर लिया था। लाइव शो में गजब का डायलॉग बोलकर मुनव्वर साब ने सम्मान वापसी का एलान कर दिया। यह हमारे इर्द गिर्द बढती असहिष्णुता पर जबरदस्त तमाचा है। मैं अंदर से हिल गया हूं और सचमुच लगा रहा है कि अब अति हो गई है। सरकार को सम्मान लौटाने वालों के साथ तत्काल संवाद कायम करना चाहिए। इसके लिए साहित्यकारों की संवेदना की इज्जत करने वाले व्यक्ति को सामने करना चाहिए। वरना हमारी शानदार पहचान को घातक चोट लगने का सिलसिला जारी रहेगा।