Manish Thakur : स्क्रीन काला नहीं कर सकते, मुंह पर कालिख पोत विरोध तो कीजिए! पत्रकारिता के नाम पर विचारधारा की दुकान चलाने का धंधा करने वाले प्रणय राय अब अपने वफादारों को नौकरी से निकाल कर सड़क पर धकेल रहे हैं। एनडीटीवी से निकाले गए लोगों के पास जीवकोपार्जन की कोई समस्या नहीं होगी यह पत्रकारिता का हर अदना सा व्यक्ति जानता है। वह इसलिए कि बिना टीआरपी वाले इस चैनल के मालिक प्रणय राय ने हवाला और मनीलान्ड्रिंग की कमाई से अपने कर्मयोगियों को दो दशक से ज्यादा वक्त से मोटी सैलरी और तमाम साधनों से इतना संपन्न रखा कि भगवान की दया से उन्हें इस जनम कोई दिक्कत नहीं।