सवाल और आह्वान : जगेन्द्र तो मर गए, क्या आप जिंदा हैं !

लखनऊ : पत्रकार दोस्तों, जगेन्द्र सिंह के जिंदा जलाकर मार दिए जाने के बाद उनका परिवार अब बिखर चुका है। बीबी-बच्चे सड़क पर आ गए हैं और अचानक जिंदगी की छोटी-मोटी जरूरतों तक के लिए भी वे दूसरों पर मोहताज हो गए हैं। आप सभी जानते हैं कि इस स्थिति में आपका अपना परिवार भी कभी भी पहुंच सकता है, यदि आप ईमानदारी से अपनी पेशेगत जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो। हालांकि वो लोग जरूर सुरक्षित हैं जिनमें पेशेवाराना ईमानदारी नहीं है और जो छोटी-छोटी खबरों पर भी समझौते कर लेते हैं।

 

जागेंद्र प्रकरण : काली पट्टी बांधकर पत्रकारों का धरना-प्रदर्शन, कोतवाल लाइन हाजिर

शाहजहांपुर (उ.प्र.) : जागेंद्र सिंह आत्मदाह प्रकरण से क्षुब्ध पत्रकारों ने काली पट्टियां बांधकर ऑल प्रेस एवं राइटर्स एसोसिएशन के बैनर तले कलक्ट्रेट में प्रदर्शन और डीएम, एसपी से वार्ता न हो पाने पर दो घंटे तक धरना भी दिया। आखिरकार पत्रकारों के पांच सदस्यीय शिष्टमंडल से विकास भवन के फर्स्ट फ्लोर पर वार्ता करते हुए जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने ज्ञापन लेने के साथ ही आश्वासन दिया कि जगेंद्र का बेहतर इलाज कराया जाएगा और जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। इस बीच एसपी बबलू कुमार ने इसी मामले में कोतवाल श्रीप्रकाश राय को लाइन हाजिर कर दिया है। 

दलितों और महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ लखनऊ में विरोध प्रदर्शन

लखनऊ : राजस्थान के नागौर जिले के गांव डंगवासा में 14 मई को दबंगों  द्वारा चार  दलितों की निर्मम हत्या व कई  लोगों को गंभीर रूप से घायल करने, उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले के गांव बड़े हरेवा में 16 मई को पांच दलित महिलाओं को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने के विरोध में भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) के कार्यकर्ताओं ने गत दिनो प्रदर्शन किया।  

लखनऊ में दलित अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन मार्च करते लक्ष्य के कार्यकर्ता