चंद्रकांता के तिलिस्म से कम नहीं है सहारा का मायाजाल!

सहारा का तिलिस्म चंद्रकांता उपन्यास से कहीं कम नहीं है। ज्यों ज्यों इसकी परतें खुल रही हैं त्यों-त्यों रहस्य गहराता जा रहा है। देश में कानून को लेकर बड़ी बड़ी मिसाल दी जाती है पर बिहार में नटवरलाल के नाम से प्रसिद्ध सुब्रत राय ने देश के कानून को भी ठेंगा दिखा रखा है। न …

सहारा के एजेंट-निवेशक पैसा न लौटाए जाने से हुए आक्रामक, देखें वीडियो

सहारा समूह दिन ब दिन मुश्किल हालात की ओर बढ़ रहा है. एजेंटों और निवेशकों का दबाव बढ़ता जा रहा है. ये अपना पैसा मांग रहे हैं. सहारा वाले उन्हें उनके पैसे को री-इनवेस्ट किए जाने का लालीपाप देकर भगा दे रहे हैं.

पालिसी मेच्योर होने के बाद भी निवेशकों का पैसा दाबे बैठा है सहारा समूह, एजेंट ने की आत्महत्या

एजेंट ने सुसाइड नोट में सुब्रत राय, ओपी श्रीवास्तव, अभिजीत सरकार समेत दस लोगों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया… सुब्रत राय समेत दसों के खिलाफ एफआईआर दर्ज… देश भर के लाखों निवेशक परेशान, सहारा के कर्ताधर्ता ऐश कर रहे हैं निवेशकों के धन को हड़प कर, कई राज्यों में निवेशकों ने सहारा के मैनेजरों …

सहारा समय न्यूज चैनल में सेलरी संकट, बंदी के हालात

सहारा समय न्यूज चैनल की हालत बहुत खराब हो चुकी है… सैलरी दो महीने से नहीं आई… बताया जा रहा है कि इसरो का करीब 7 करोड़ से ज्यादा बकाया होने के चलते ब्यूरो और ओबी व्हीसेट बंद हो गए हैं… पहले ही टाटा स्काई सहित दूसरे केबिल ऑपरेटरों ने पैसा न मिलने पर डिस्टीब्यूशन …

सहारा इंडिया अपने एजेंटों, फील्ड वर्करों और मोटीवेटरों को अपना कर्मचारी नहीं मानता!

सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत रॉय एक बड़ी खबर सहारा इंडिया कंपनी से आ रही है. कंपने कोर्ट में यह लिखकर दे दिया है कि उसका अपने कमीशन एजेंटों, फील्ड वर्करों और मोटीवेटरों से कोई संबंध नहीं है.

सहारा इंडिया के आफिस में जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगे, सेलरी के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम

: मांगें नहीं मानी तो मुंबई सहारा के सभी प्रतिष्ठानों के बाहर आंदोलन होगा : जो सहारा इण्डिया अपने आपको विश्व का विशालतम परिवार का दावा करता है और जिसके अनुशासन में सहारा प्रणाम जैसी प्रामाणिकता हैं उस संस्थान के गोरेगांव कार्यालय में ज़िदाबाद मुर्दाबाद के नारे बुधवार को दिन भर खूब गूंजे. सहारा कर्मचारी यूनियन के करीब तीन सौ कार्यकर्ताओं ने ऑल इण्डिया एचआरहेड अली अहमर ज़ैदी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों का घेराव कर लिया था और करीब सात घंटों के प्रबंधन के जद्दोजहद के बाद आंदोलन इस बात पर खत्म हुआ कि अड़तालिस घंटों में पिछले महीने की तनख्वाह और ६ महीनों की बकाया तनख्वाह का भुगतान करें.