Girish Malviya : आज भास्कर में छपा प्रतिष्ठित पत्रकार शेखर गुप्ता जी का इंटरव्यू पढ़ रहा हूँ. उनका कहना है कि ‘मोदी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है. राफेल में भी कोई ऐसा सबूत नहीं है कि भ्रष्टाचार लगे’ आगे वो कहते हैं कि ‘कोई बड़ा करप्शन के केस नही …
Tag: shekhar gupta,
हमारे यहां सिरिल अलमिडा और आयशा सिद्दीका जैसे निर्भीक पाकिस्तानी पत्रकार नहीं हैं : शेखर गुप्ता
पाकिस्तानी पत्रकार और टिप्पणीकार प्राय: कहते हैं कि जब विदेश और सैन्य नीतियों की बात आती है तो भारतीय मीडिया उनके मीडिया की तुलना में सत्ता के सुर में अधिक सुर मिलाता है। कड़वा सच तो यह है कि कुछ पाकिस्तानी पत्रकार (ज्यादातर अंगरेज़ी के) साहसपूर्वक सत्ता प्रतिष्ठानों की नीतियों व दावों पर सवाल उठाते रहे हैं। इनमें कश्मीर नीति में खामी बताना तथा अातंकी गुटों को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके कारण कुछ को निर्वासित होना पड़ा (रज़ा रूमी, हुसैन हक्कानी) या जेल जाना पड़ा (नजम सेठी)।
शेखर गुप्ता की पीटर मुखर्जी, रवीना राज कोहली और स्टार टीवी के बारे में पढ़ने योग्य टिप्पणी
Mukesh Kumar : वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता की पीटर मुखर्जी, स्टार की सीईओ रह चुकी रवीना राज कोहली और स्टार टीवी के बारे में टिप्पणी पढ़ने योग्य है। ये अंश अख़बारों में प्रकाशित लेख से लिए गए हैं-
अपने नाम की गलत स्पेलिंग बनी पत्रकारिता में आने का जरिया : शेखर गुप्ता
वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने जब स्टूडेंट्स को अपने पत्रकार बनने की कहानी सुनाई तो सब चौंक गए। शेखर गुप्ता ने बताया कि बॉटनी का रिजल्ट आने के बाद डीएमसी देखी तो नंबर देख खुशी का ठिकाना न रहा, लेकिन जैसे ही नजर डीएमसी में लिखे नाम की shekhar की बजाए sheikhar गलत स्पेलिंग पर पड़ी तो खुशी छूमंतर हो गई। बाद में पेरेंट्स की सलाह के बाद पीयू में स्पेलिंग ठीक करवाने पहुंचा। नाम ठीक करवाने के लए बाबू चक्कर पर चक्कर लगवाए जा रहे थे। यहां वहां भेजा जा रहा था तभी नजर कैंपस में लगे पत्रकारिता के टेस्ट की जानकारी देने वाले बोर्ड पर पड़ी। सोचा नाम तो पता नहीं कब ठीक होगा टेस्ट ही दे दिया जाए।
बड़ा संपादक-पत्रकार बनने की शेखर गुप्ता और राजदीप सरदेसाई वाली स्टाइल ये है…
Abhishek Srivastava : आइए, एक उदाहरण देखें कि हमारा सभ्य समाज आज कैसे गढ़ा जा रहा है। मेरी पसंदीदा पत्रिका The Caravan Magazine में पत्रकार शेखर गुप्ता पर एक कवर स्टोरी आई है- “CAPITAL REPORTER”. गुप्ता की निजी से लेकर सार्वजनिक जिंदगी, उनकी कामयाबियों और सरमायेदारियों की तमाम कहानियां खुद उनके मुंह और दूसरों के मार्फत इसमें प्रकाशित हैं। इसके बाद scroll.in पर शिवम विज ने दो हिस्से में उनका लंबा साक्षात्कार भी लिया। बिल्कुल बेलौस, दो टूक, कनफ्यूज़न-रहित बातचीत। खुलासों के बावजूद शख्सियत का जश्न जैसा कुछ!!!
शेखर गुप्ता अब अपनी मीडिया कंपनी शुरू करेंगे, अखबार से लेकर टीवी तक लांच करेंगे
दूसरों की नौकरियां करते करते उब चुके शेखर गुप्ता अब खुद की नौकरी करेंगे. यानि अपनी मीडिया कंपनी बनाएंगे. इस कंपनी के बैनर तले वह अखबार, वेबसाइट, चैनल सब लांच करेंगे. पता चला है कि शेखर गुप्ता ने अपनी खुद की मीडिया कंपनी वर्ष 2000 में ही बना ली थी लेकिन उसे लेकर बहुत सक्रिय नहीं थे क्योंकि उनका पूरा वक्त इंडियन एक्सप्रेस समूह की सेवा में जाता था. अब जब वह इंडियन एक्सप्रेस से लगाकर इंडिया टुडे तक से हटाए जा चुके हैं तो उनके पास अपनी कंपनी को देने के लिए वक्त खूब है.
इंडिया टुडे में बस दो महीने ही रह पाए शेखर गुप्ता
बड़ी खबर इंडिया टुडे से आ रही है. शेखर गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया है. वे इंडिया टुडे के एडिटर इन चीफ थे. शेखर दो महीने पहले ही इंडियन एक्सप्रेस छोड़कर इंडिया टुडे के हिस्से बने थे. जब शेखर ने इंडिया टुडे ज्वाइन किया था तब अरुण पुरी ने लंबा चौड़ा मेल करके शेखर गुप्ता का स्वागत किया था और शेखर की तारीफ में बहुत कुछ लिखा था.
#ShekharGupta