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टाइम्स समूह ने नहीं सौपा श्रम अधिकारी को कर्मचारियों की सूची और एरियर का डिटेल

शशिकांत सिंह

हो सकती है कानूनी कार्यवाई, आरटीआई से हुआ खुलासा…

मुंबई : देश के नंबर वन समाचार पत्र समूह बेनेट कोलमैन एन्ड कंपनी लिमिटेड अपने कर्मचारियों का ना सिर्फ जमकर शोसण कर रहा है बल्कि मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीमकोर्ट के आदेश को भी ठेंगे पर रखता है। इस समूह के समाचार पत्रों टाइम्स आफ इंडिया, मुम्बई मिरर, नवभारत टाइम्स और महाराष्ट्र टाइम्स में काम करने वाले हजारों लोग भले गर्व से कहते हों मैं टाइम्स समूह का कर्मचारी हूँ मगर इन्हें शायद ये जानकार काफी दुःख पहुंचेगा कि इस कंपनी ने श्रम अधिकारी को अपने कर्मचारियों की लिस्ट ही नहीं सौंपी है।

शशिकांत सिंह

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हो सकती है कानूनी कार्यवाई, आरटीआई से हुआ खुलासा…

मुंबई : देश के नंबर वन समाचार पत्र समूह बेनेट कोलमैन एन्ड कंपनी लिमिटेड अपने कर्मचारियों का ना सिर्फ जमकर शोसण कर रहा है बल्कि मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीमकोर्ट के आदेश को भी ठेंगे पर रखता है। इस समूह के समाचार पत्रों टाइम्स आफ इंडिया, मुम्बई मिरर, नवभारत टाइम्स और महाराष्ट्र टाइम्स में काम करने वाले हजारों लोग भले गर्व से कहते हों मैं टाइम्स समूह का कर्मचारी हूँ मगर इन्हें शायद ये जानकार काफी दुःख पहुंचेगा कि इस कंपनी ने श्रम अधिकारी को अपने कर्मचारियों की लिस्ट ही नहीं सौंपी है।

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श्रम अधिकारियो को ये कंपनी ये भी नहीं बता पाई कि उसकी कंपनी में कितने लोग काम करते हैं और कितने को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार एरियर मिला है। साफ़ कहें तो इन कर्मचारियों के लिए मजीठिया वेज बोर्ड का रास्ता खुद इस कंपनी की तरफ से बंद कर दिया गया है। मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह ने मुंबई के श्रम आयुक्त कार्यालय से आरटीआई के जरिये ये जानकारी निकाली है।

श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा जो जानकारी उपलब्ध कराई गयी है उसमे बताया गया है कि 28 जून  2016 को श्रम अधिकारी इस समाचार पत्र प्रतिष्ठान में पहुंचे तो मैनेजमेंट ने उन्हें बताया कि मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक़ उन्होंने अपने कर्मचारियो को उनका पूरा एरियर दे दिया है मगर उनके कुछ कर्मचारी इस एरियर से संतुष्ट नहीं हैं जिसके कारण मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस समूह ने अपने कर्मचारियों की अनुमानित संख्या सिर्फ 159 बताया मगर जब श्रम अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों की पूरी सूची मांगी तो मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों की पूरी सूची श्रम अधिकारियों को नहीं दे पाया।

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इस कंपनी के कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि उन्हें सही तरीके से एरियर नहीं मिला है। निरीक्षण के दौरान प्रबंधन कर्मचारियों के एरियर का डिटेल भी नहीं दे पाया जबकि उसने क्लेम किया कि स्थाई कर्मचारियों को उसने मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार एरियर दे दिया है। श्रम अधिकारियों ने ये भी पाया कि ठेका कर्मचारियों और कैजुअल कर्मचारियो की सूची भी उन्हें नहीं उपलब्ध कराई गयी है और ना ही इन कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड की सुविधा ही दी गयी है। इस जानकारी में बताया गया है कि प्राम्भिक जाँच में साफ़ हो रहा है कि ये कंपनी मजीठिया वेज बोर्ड को लागू करने में पूरी तरह असफल हुयी है तथा इसके खिलाफ जरूरी कानूनी कार्यवाई की अनुशंसा की जायेगी।

मुंबई के पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह से संपर्क 9322411335 के जरिए किया जा सकता है.

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