मजीठिया वेज बोर्ड का खौफ अखबार मालिकों पर इस कदर है कि वह सारे नियम कानून इमान धर्म भूल चुके हैं और पैसा बचाने की खातिर अपने ही कर्मचारियों को खून के आंसू रुलाने के लिए तत्पर हो चुके हैं. इस काम में भरपूर मदद कर रहे हैं इनके चमचे मैनेजर और संपादक लोग. खबर है कि अमर उजाला प्रबंधन ने मजीठिया वेज बोर्ड से बचने की खातिर कर्मचारियों का तबादला करना शुरू कर दिया है. साथ ही इंप्लाइज की पोस्ट खत्म की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक अमर उजाला प्रबंधन अपना रजिस्टर्ड आफिस का एड्रेस नोएडा से हटाकर दिल्ली कनाट प्लेस दिखा रहा है. कर्मचारियों की सेलरी स्लिप भी चेंज कर दी गई है. वैसे तो अमर उजाला वाले खुद को भारत का तीसरे नंबर का अखबार बताते फिरते हैं लेकिन जब मजीठिया वेज बोर्ड देने की बारी आती है तो वो अपने को पांचवें ग्रेड का अखबार दिखाने लगते हैं. कहा जा रहा है कि आगे आने वाले दिनों में कई लोगों को नौकरी से निकाला भी जा सकता है.
अमर उजाला के एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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