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क्या ‘न्यूजलांड्री’ वाले अपराधी और मानसिक रोगी पत्रकार अनुराग त्रिपाठी को नौकरी से निकालेंगे?

Yashwant Singh : मधु त्रेहन और अभिनंदन सेखरी (Newslaundry के संचालक द्वय) को ट्वीट कर अपराधी पत्रकार अनुराग त्रिपाठी की हरकत के बारे में सूचित कर दिया है। इसके बाद न्यूज़ लॉन्ड्री से अभी फोन आया। मैनेजमेंट ने कल तक का वक्त मांगा है। दे देते हैं। वैसे पता चला है कि अनुराग त्रिपाठी नशे में पहले भी कई हरकतें कर चुका है जिसके कारण नौकरी गयी। लेकिन रो-धो कर, आगे से नशा न करने का वादा कर और बच्चों की दुहाई देते हुए नौकरी बहाल करवाने में कामयाब होता रहा।

Yashwant Singh : मधु त्रेहन और अभिनंदन सेखरी (Newslaundry के संचालक द्वय) को ट्वीट कर अपराधी पत्रकार अनुराग त्रिपाठी की हरकत के बारे में सूचित कर दिया है। इसके बाद न्यूज़ लॉन्ड्री से अभी फोन आया। मैनेजमेंट ने कल तक का वक्त मांगा है। दे देते हैं। वैसे पता चला है कि अनुराग त्रिपाठी नशे में पहले भी कई हरकतें कर चुका है जिसके कारण नौकरी गयी। लेकिन रो-धो कर, आगे से नशा न करने का वादा कर और बच्चों की दुहाई देते हुए नौकरी बहाल करवाने में कामयाब होता रहा।

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कुल मिला कर ये मानसिक रूप से गड़बड़ शख्स लगता है जो दारू पीकर आत्मघाती या उग्रवादी बन जाता है। ऐसे लोगों से हम सबको सावधान रहने की ज़रूरत है और इन्हें चिन्हित कर अलग थलग किए जाने की आवश्यकता है।

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हमलावर अनुराग त्रिपाठी जो Newslaundry में काम करता है, आज सुबह एक मेरे वरिष्ठ मित्र को फोन कर घंटों रोया। बख्श दिए जाने की गुहार लगा रहा था। मित्र ने उससे कहा कि सीधे यशवंत से बात करो, वो बड़े दिलवाला है, तुम्हें माफ कर देगा।

मैं अनुराग त्रिपाठी से कहना चाहता हूं कि बन्धु पहले तो अपना fb एकाउंट एक्टिवेट कर लो, समाज और दुनिया का सामना करो। गले मिलकर पीठ में खंजर भोंकने की मानसिकता वाले लोग उजाले से डरते हैं, सवालों से भागते हैं। ये अनुराग त्रिपाठी ट्विटर पर भी मुझे ब्लाक कर चुका है। इसके मन मे चोर है, तभी ये चोरों सरीखा व्यवहार कर रहा है। इसके ट्विटर एकाउंट का स्क्रीनशॉट दे रहा हूँ। इसको वहां भी घेरा जाए, पूछा जाए।

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मेरे पर हमला करने वालों में से एक ये भाई साहब भी थे। यही कह रहे थे- ‘बहुत खबरें छापता है मार लेने दो यशवंत को’। हमले के दौरान मोबाइल से वीडियो बनाने की भी कोशिश ये कर रहे थे। पूरी साजिश इन्हीं महोदय की रची हुई थी। इनका नाम अनुराग त्रिपाठी है। आजकल न्यूज़ लांड्री में काम करते हैं। इन्होंने मुझे fb पर ब्लाक कर रखा है।

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एक मित्र ने इनकी पिक्स और fb यूआरएल भेजा है। बहुत सारे कॉमन फ्रेंड इनकी फ्रेंड लिस्ट में बताए जाते हैं। इन्हें गेट वेल सून लिख कर पूछा जाना चाहिए कि क्या इनकी कलम की स्याही सूख गई है जो फिजिकल अटैक से एक कलमकार से खबरों से सम्बंधित किसी पुराने विवाद का स्कोर सेटल कर रहे हैं। इनका फेसबुक पता ये है :  https://www.facebook.com/anurag.tripathi.31

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

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