पिछले कई दिनों से 24×7 आंदोलन कर रहे पी7 न्यूज चैनल के कर्मियों को बड़ी जीत हासिल हुई है. पी7 चैनल के आफिस पर कब्जा जमाए आंदोलनकारियों के दबावों और चौतरफा प्रयासों को नतीजा यह हुआ कि पुलिस, प्रशासन, लेबर डिपार्टमेंट के दबाव के आगे चैनल प्रबंधन ढेर हो गया और सारा बकाया चुकाने के लिए राजी हो गया, वह भी नियत समय पर. नवंबर महीने की सेलरी तुरंत मिल जाएगी सभी को. 15 जनवरी को फुल एंड फाइनल पेमेंट देने का जो पूर्व का वादा था, वह कायम रहेगा और उसी रोज सारा हिसाब कर सभी के एकाउंट में डिपोजिट करा दिया जाएगा. साथ ही फुल एंड फाइनल पेमेंट होने तक पी7 चैनल प्रबंधन चैनल से जुड़ी कोई भी संपत्ति नहीं बेच सकेगा.
इस बाबत एक लिखित लीगल एग्रीमेंट नोएडा के सिटी मजिस्ट्रेट के सामने हुआ जिस पर आंदोलनकारी कर्मियों की तरफ से चार वरिष्ठ पत्रकारों ने और पी7 प्रबंधन की तरफ से चार लोगों ने हस्ताक्षर किए. इस नए एग्रीमेंट के बाद चैनल के आंदोलनकारी पत्रकारों ने ऐलान किया फिलहाल धरना स्थगित किया जा रहा है. अगर 15 जनवरी तक फुल एंड फाइनल पेमेंट नहीं हुआ तो चैनल के आफिस को तिबारा कब्जाने के साथ-साथ प्रबंधन के जिन चार लोगों ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं, उनके घरों के ठीक सामने तंबू लगेगा और धरना चलेगा. साथ ही पूरे आंदोलन को अखिल भारतीय स्तर का बनाया जाएगा ताकि मीडिया में चीटरों, चिटफंडियों और बिल्डरों के बेइमान मंसूबों पर लगाम लग सके.
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पी7 न्यूज प्रबंधन अपने कर्मियों को 15 जनवरी तक फुल एंड फाइनल पेमेंट दे देगा, बवाल खत्म
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पी7 चैनल के आफिस में रात गुजारी आंदोलनकारी पत्रकारों ने (देखें तस्वीरें) : पार्ट 4
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मुकर गए चिटफंडिये भंगू के चेले, नाराज पत्रकारों का सेलरी के लिए पी7 आफिस में फिर अनशन शुरू
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पी7 के आंदोलनकारी पत्रकारों की इस छिपी प्रतिभा को देखिए
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और मीडियाकर्मियों ने अपने हिस्से की स्क्रीन पर कब्जा जमा लिया….
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namrta narayan
December 30, 2014 at 6:41 pm
p7 तो धोेखेबाज है ही, चीटरों, चिटफंडियों और बिल्डरों की तरफ से चलाया भी जा रहा था, लेकिन, धरने और आंदोलन के नाम पर बाजार गर्म करने वाले लोगों के बारे में भाी जानकारी होनी चाहिए, सेटलमेंट और बकाया सैलरी दिलाने और सभी के लिए लड़ाई लड़ने का ढिंढोरा पिटने वाले इन दल्लों से पूछिए आखिर इनकी मंशा साफ थी तो आखिर क्यों सिरफ 156 लोगों के नाम पर सहमत हो गए, चैनल में तो 400 से जियादा लोग काम कर रहे थे, बाकी सभी लोग तो मैनेजमेंट के साथ नहीं थे, वो भी इन कमीनों का समर्थन कर ही रहे थे, पहले से ही तय था इनका ये ड्रामा, आखिर उसी तारीख पर राजी होना था तो, ये सब किया ही क्यों, 15 जनवरी की तारीख तो पहले ही तय थी, ये कामचोर, दल्ले ,कमीने इन्होंने अपनी नौकरी तो गंवाई ही साथ ही सभी को दर-दर की ठोकरे खाने के लिए छोड़ दिया, ये मुकुद साही,हर्शवर्धन,अगस्त,मनीष ठाकुर, अश्विनी त्रिपाठी,चंदन कुमार, सत्रुघन सैनी, संदीप रमन इनको कीड़े पड़ेंगे देखना , एसे ही ये लोग जहां भी नोकरी करेंगे वहां भी काम बंद करा देंगे, इनका यही काम है, और इनके दोस्त चाहनेवाले भी इसी तरह के लोग है, इन सब से साबधान रहना,
P. Tripathi
December 31, 2014 at 6:06 am
P7 Management is also guilty of denying full and final payments of those employees who had resigned 1-2 years back from the channel. Labour commissioner should also compel management to settle their cases this week. The number of such ex-employees waiting for their dues are more than 10.
Sweta
January 2, 2015 at 11:50 am
पता नहीं कब तक पत्रकार वर्ग इस तरह के भेंड़ चाल में पीसते रहेंगे 😐
piyush
January 9, 2015 at 8:59 am
p7 is also cheater ye uska purana dhandha employee se chit karne ka suruaat sayad mere se huyee thi ……