Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

पेट्रोल-डीजल को जीएसटी से बाहर रखने की मोदी की दोगली नीति पर भाजपाई चुप क्यों हैं?

Yashwant Singh : ये तो सरासर मोदी की दोगली नीती है. देश को एक कर ढांचे में लाने की वकालत करने वाले मोदी आखिर पेट्रोल डीजल को जीएसटी से क्यों बाहर रखे हुए हैं. ये तर्क बेमानी है कि राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल से भारी टैक्स से काफी पैसा पाती हैं, जिसे वह खोना नहीं चाहतीं.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>Yashwant Singh : ये तो सरासर मोदी की दोगली नीती है. देश को एक कर ढांचे में लाने की वकालत करने वाले मोदी आखिर पेट्रोल डीजल को जीएसटी से क्यों बाहर रखे हुए हैं. ये तर्क बेमानी है कि राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल से भारी टैक्स से काफी पैसा पाती हैं, जिसे वह खोना नहीं चाहतीं.</p>

Yashwant Singh : ये तो सरासर मोदी की दोगली नीती है. देश को एक कर ढांचे में लाने की वकालत करने वाले मोदी आखिर पेट्रोल डीजल को जीएसटी से क्यों बाहर रखे हुए हैं. ये तर्क बेमानी है कि राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल से भारी टैक्स से काफी पैसा पाती हैं, जिसे वह खोना नहीं चाहतीं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

भाजपा की केंद्र सरकार और भाजपा की राज्य सरकारें अगर अपना अपना हिस्सा खत्म करते हुए पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में ले आएं तो जनता को भारी राहत मिलती. पर ऐसा नहीं करेंगे ये लोग क्योंकि थोक में फायदा तो ये बड़े लोगों को देते हैं. माल्य से लेकर अडानी तक. अंबानी से लेकर टाटा-बिड़ला तक. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इनका दाम आधा हो जाता. यही कारण है कि केंद्र सरकार इसे तो जीएसटी से बाहर रखे हुए है ताकि इससे भारी मात्रा में जनता से पैसा वसूला जाता रहे और बाकी सामान को जीएसटी में लाकर महंगाई बढ़ाने की कवायद कर रहे हैं.

नारा दे रहे हैं एक देश और एक कर का. लेकिन ये नारा बेकार साबित हो जाता है पेट्रो प्रोडक्ट्स को जीएसटी से बार रखने के फैसले से. आजकल ह्वाट्सअप पर ये वाला मैसेज खूब भेजा जा रहा है, आप भी पढिए-

Advertisement. Scroll to continue reading.

Why petrol and diesel prices are not brought under GST. Now for petrol and diesel the central exise duty is 23% and state VAT is 34%. Total tax is 57%. If these essential products are brought under GST , the maximum tax will be only 28%, which means the prices of petrol and diesel can come down by almost 50%. The public at large will be benefited.

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से. इस पर आए ढेरों कमेंट्स में से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं–

Harshendra Singh Verdhan : Dada, It’s somehow difficult in Fertiliser sector too..18% for processed complex on raw materials & 12% on Imported. So; nothing for homemade indigenous Fertilisers. An easy way to Chinese poor quality fertilisers.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Care Naman : यदि जीएसटी सब पर तो पेट्रोल और दारु दोनों पर भी लागू करें… ये तो वही हुआ कड़ुआ कड़ुआ थू थू… मीठा मीठा गप गप…

Vijayshankar Chaturvedi : Larger public interest will not be bothering to them until 2019.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Divakar Singh : State governments opposed centre’s move to bring petroleum under gst. As you mentioned, state govts earn huge money from it, so they don’t want to bring it under gst. Centre wants to bring everything under gst. So we should ask respective state govts.

Yashwant Singh : जो बुरा है, वो दूसरों का है। जो अच्छा है, वो सब मेरा है। 🙂

Advertisement. Scroll to continue reading.

Divakar Singh : बुरा भी अपना हो सकता है, पर इस केस में नही है। बेचारे जेटली जी बहस करते रह गए पर कोई राज्य तैयार नही हुआ पेट्रो उत्पादों के लिए gst लागू करने के लिए। ऐसे में केंद्र सरकार को दोषी बताना तथ्यात्मक नही है। देखें इस लिंक को : Petroleum products to be under GST if states agree: Minister

Yashwant Singh सेंटर को अपना हिस्सा छोड़ देना चाहिए था ताकि मोदी जी की नीयत तो साफ सही दिखती. साथ ही जिन स्टेट्स में बीजेपी है, वहां भी हटवा सकती थी. इसके बाद बीजेपी के लोग गैर बीजेपी राज्यों की सरकारों को एक्सपोज कर सकते थे. पर ऐसा नहीं, क्योंकि पेट्रोल डीजल बहुत ज्यादा सस्ता हो जाने से गरीबों को फायदा होता, महंगाई कम होती. बड़े उद्यमी घरानों को लाभ पहुंचाने वाले मोदी भला बल्क में यानि थोक में गरीबों को राहत कैसे दे सकते थे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Rajeev Verma : पेट्रोल डीजल यदि gst के दायरे में कर देते तो input credit देने में सरकार का धुंआ निकल जाता. चीजें आश्चर्य जनक रूप से सस्ती हो जातीं.

Rajeev Pandey : Modi dhongi pakhandi hai uske maalik Ambani ki kamayi kam ho jayega jo Modiya kabhi nahi chahta.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement