बीते 6 माह से जेल में बंद न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली स्थित सुरजीत भवन में पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और एक्टिविस्ट लामबंद हुए. सभा में मौजूद हुए लोगों ने रुलिंग पार्टी भाजपा पर असहमति की आवाज कुचलने और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया. साथ ही प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की.
बता दें कि पुरकायस्थ को दिल्ली की स्पेशल सेल ने पिछले साल 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था. पोर्टल से जुड़े पत्रकारों और कर्मचारियों को मिलाकर 100 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों तक की जब्ती कर ली गई थी.
न्यूज़क्लिक पर कथित चीनी फंडिंग का आरोप था. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अगस्त 2023 में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए संसद में बयान दिया था. इसी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा कार्रवाई देखने को मिली थी. हालांकि, न्यूज़क्लिक लगातार इन आरोपों का खंडन करता रहा है.
विरोध में, वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने प्रबीर के तार्किक योगदान को याद कर उन्हें एक व्यक्ति नहीं बल्कि तर्कशील विचारधारा बताया. उन्होंने कहा कि, “प्रबीर हमेशा अपने काम को लेकर गंभीर और ईमानदार रहे हैं. न्यूज़क्लिक की स्थापना के पीछे प्रबीर का यही मकसद था.”
न्यूज़क्लिक हिंदी के संपादक मुकुल सरल ने भी संस्थान और इसकी स्थापना के पीछे के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि, “प्रबीर हमेशा जनता और उसके हक़ की आवाज़ उठाना चाहते थे.. फिर किसान आंदोलन हो या नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ संघर्ष या मज़दूरों-कामगारों और महिलाओं का प्रदर्शन. वह जनवादी पत्रकारिता के पक्षधर रहे हैं.”
कार्यक्रम में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, पार्टी नेता बृंदा करात, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता गोपाल राय भी शामिल हुए. सभी ने एक सुर में प्रबीर सहित सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग करते हुए सरकार द्वारा असहमति की आवाज़ दबाने की निंदा की.
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