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सहारा के हड़ताली मीडियाकर्मियों को पुलिस ने घेरा… किसी चैनल पर चलेगी ये खबर?

खबर है कि सात महीनों से बाकी सेलरी के लिए लड़ाई लड़ रहे सहारा के हड़ताली मीडियाकर्मियों से निपटने के लिए प्रबंधन ने पुलिस बुला ली है. सहारा मीडिया के नोएडा स्थित आफिस में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करा दी गई है. पुलिस वालों ने हड़ताली मीडियाकर्मियों को घेर लिया है. प्रबंधन की तरफ से कुछ संपादक लोगों ने मीडियाकर्मियों की धमकी दी है कि वे अगले कुछ घंटों में हड़ताल तोड़ कर काम पर वापस आएं वरना अंजाम बुरा होगा.

खबर है कि सात महीनों से बाकी सेलरी के लिए लड़ाई लड़ रहे सहारा के हड़ताली मीडियाकर्मियों से निपटने के लिए प्रबंधन ने पुलिस बुला ली है. सहारा मीडिया के नोएडा स्थित आफिस में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करा दी गई है. पुलिस वालों ने हड़ताली मीडियाकर्मियों को घेर लिया है. प्रबंधन की तरफ से कुछ संपादक लोगों ने मीडियाकर्मियों की धमकी दी है कि वे अगले कुछ घंटों में हड़ताल तोड़ कर काम पर वापस आएं वरना अंजाम बुरा होगा.

उधर, हड़ताली मीडियाकर्मी सेलरी नहीं तो काम नहीं के नारे के साथ पूरी तरह एकजुट होकर हड़ताल जारी रखे हुए हैं. हड़ताल को लेकर मीडियाकर्मियों में इस कदर एकजुटता है कि पुलिस बल बुलाने, घेराबंदी कराने व धमकाने से भी कोई डर नहीं रहा है. हड़ताल के कारण कई दिनों से अखबार का छपना बंद है और चैनल पर पुरानी खबरें व शोज के टेप चलाए जा रहे हैं. सहारा के नोएडा आफिस में हड़ताली कर्मी दिन रात डटे हुए हैं. बारिश के बावजूद सभी कर्मी सहारा मीडिया के नोएडा स्थित आफिस के कैंपस पर कब्जा जमाए हुए हैं. प्रबंधन ने पहले फूट डालो की नीति पर काम करता रहा लेकिन जब मीडियाकर्मी एकजुट रहे तो अब धमकी व पुलिस का सहारा लिया जा रहा है.

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वरिष्ठ पत्रकार Bhasha Singh ने पूरे घटनाक्रम को लेकर अपने फेसबुक वॉल पर कुछ बातें शेयर किया है, जो इस प्रकार है- ”सहारा में आंदोलन कर रहे पत्रकार साथियों पर बल प्रयोग के लिए बुलाई गई पुलिस। आठ महीने से वेतन न दे रहे बेशर्म प्रशासन और उनके सरगना सुब्रत सहारा अब सीधे-सीधे पत्रकारों को मारने पर उतारू हैं। हम मीडियाकर्मी हमेशा की तरह अब भी खामोश हैं। चुप्पी तोड़, बढ़ो सहारा के समर्थन में। पुलिस ने सहाराकर्मियों पर बढ़ाया घेरा। आंदोलनकारी पत्रकारों ने जंतर-मंतर की तरफ कूच करने की तैयारी की। किसी भी समय हो सकती है कार्यवाई। क्या बाकी पत्रकार चला पाएंगे, इस खबर को चला पाएंगे अपने-अपने न्यूज चैनल पर।”

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0 Comments

  1. mediakarmi

    July 13, 2015 at 6:16 am

    agar aage kisalarymanagmetn nahi de paraha to sabse bdhiya hai ki aab tak ka hisab clear karde..har mahine sulgne se accha hi ek bar jo aag lagni hai lag jaye…seth ji ka to aab bahar aana bada muskil lag raha hai..

  2. shekhar kumar

    July 13, 2015 at 6:52 am

    It is really sad to hear this…as the deed is going against the name…Sahara to Besahara. All media related personalities should come forward in their support. Salary is basic source for fulfilling daily need. We would like to request government to interrupt and find out suitable solution at the earliest. We are there where and when required…. shekhar Kumar

  3. abcd

    July 13, 2015 at 7:26 am

    agar kisi bhi patrkar par lathhi chali to yaad rakhna maalik ke chamcho tum lohe ke nahi bane ho. sadak par nanga karke itna peetaa jayega ki olad se bhi bologe ki sabse panga lena… patrkar se panga mat lena. patrkar chopp he to apne ghar-pariwar ki khatir, agar noubat marne-maarne ki aayi to soch lena patrkar tumhari khal me bhuss bhar denge. tukadkhor chamcho tumhe kya lagta he patrkaro ne gandhiwad hi padha hae kya, bhagat singh aur chandarshekhar aazad ki virasat nahi padhi kya hamne.

  4. Kapil

    July 13, 2015 at 7:32 am

    जो लोग मजबूरी में छोड़ गए. उनके बकाए पैसे भी नहीं दे रहे. यही नहीं किसी के PF का पैसा भी जमा नहीं होता था इसलिए छोड़ चुके लोगों का PF भी नहीं दे रहे. इसकी भी ED को जांच करनी चाहिए

  5. Dada

    July 13, 2015 at 9:01 am

    Sahara ne Mangalvar se Budhvar tak (15 July tak) vetan dene ka bharosa diya gaya hai. Majithiya bhi dene ka bharosa diya gaya hai. shesh log isi ke intjar me hain. yadi bharosa tuta to parinam bura hoga. phir 1857 ki ladayi se bhi bada yudh hoga.

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