Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

चार महीने पहले रेल टिकट कटाने वाले इंजीनियर का दिवाली पर घर जाने का सपना ‘वेटिंग’ ही रह गया!

Yashwant Singh : हरिद्वार में कार्यरत इंजीनियर गौरव जून महीने में तीन टिकट कटाए थे, दिल्ली से सहरसा जाने के लिए, अपनी बहनों के साथ। ट्रेन आज है लेकिन टिकट वेटिंग ही रह गया। चार्ट प्रीपेयर्ड। लास्ट मोमेंट में मुझे इत्तिला किया, सो हाथ पांव मारने के बावजूद कुछ कर न पाया। दिवाली अपने होम टाउन में मनाने की उनकी ख्वाहिश धरी रह गई। दिवाली के दिन अपने जिला-जवार में होने की चार महीने पहले से की गई तैयारी काम न आई।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>Yashwant Singh : हरिद्वार में कार्यरत इंजीनियर गौरव जून महीने में तीन टिकट कटाए थे, दिल्ली से सहरसा जाने के लिए, अपनी बहनों के साथ। ट्रेन आज है लेकिन टिकट वेटिंग ही रह गया। चार्ट प्रीपेयर्ड। लास्ट मोमेंट में मुझे इत्तिला किया, सो हाथ पांव मारने के बावजूद कुछ कर न पाया। दिवाली अपने होम टाउन में मनाने की उनकी ख्वाहिश धरी रह गई। दिवाली के दिन अपने जिला-जवार में होने की चार महीने पहले से की गई तैयारी काम न आई।</p>

Yashwant Singh : हरिद्वार में कार्यरत इंजीनियर गौरव जून महीने में तीन टिकट कटाए थे, दिल्ली से सहरसा जाने के लिए, अपनी बहनों के साथ। ट्रेन आज है लेकिन टिकट वेटिंग ही रह गया। चार्ट प्रीपेयर्ड। लास्ट मोमेंट में मुझे इत्तिला किया, सो हाथ पांव मारने के बावजूद कुछ कर न पाया। दिवाली अपने होम टाउन में मनाने की उनकी ख्वाहिश धरी रह गई। दिवाली के दिन अपने जिला-जवार में होने की चार महीने पहले से की गई तैयारी काम न आई।

Advertisement. Scroll to continue reading.

धन्य है अपना देश। धन्य है भारतीय रेल। हां, सत्ता के नजदीकियों के चिंटू पिंटू मिंटू जब चाहें टिकट कटा कर सीधे रेल मंत्रालय से कन्फर्म करा सकते हैं। सरकार चाहें कांग्रेसियों की हो या संघियों की, इस देश में दो देस होने का एहसास बना रहेगा।

भड़ास एडिटर यशवंत की उपरोक्त एफबी पोस्ट पर आए कमेंट्स में से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं…

Advertisement. Scroll to continue reading.

Dushyant Rai प्रभु ने जुलाई में वेटिंग खत्म करने की बात कभी नहीं की थी।वाजपेयी सरकार के मालगाड़ियों के लिए अलग लाइनों (DFC)को अगर यूपीए सरकार ने पूरा किया होता तो आज किसी को टिकट के लिए रोना नहीं पड़ता। इस सरकार को एक साथ कई मोर्चों पर काम करना पड़ रहा है।मालगाड़ी में अधिकतम लोडिंग करने से पुरानी पटरियों की भी हालत गंभीर हो गई थी।हजारों किलोमीटर के ट्रैक पर 2 करोड़ यात्रियों को ढोते हुए भी यह सरकार अगले साल से कई रूटों पर DFC शुरू कर देगी। लगभग 3 साल में सबको बर्थ मिलने लगेगी और यात्रा का समय भी काफी कम हो जाएगा।

Rajiv Tiwari दूर तक साफ दिखाने वाला चश्मा लगाइए, मोदी लेंस को बदलकर।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Dushyant Rai अलीगढ़ से कानपुर की यात्रा ट्रेन यात्रा आम आदमी बन कर कीजिए, काम की गति और क्वालिटी देखकर आप को अपने कमेंट के लिए बड़ी शर्म आएगी।

Rajiv Tiwari शर्म आती है दुष्यंत जी, आप जैसे अंध समर्थकों पर, जो यह मानते है भारत निर्माण केवल 3 वर्षों में हुआ है। वरना पहले तो विशाल बियाबान जंगल था यहां। ट्रेन तो लोगों ने देखी ही नहीं थी…हैं ना सही बात।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Yashwant Singh भाई Rajiv Tiwari, दुष्यंत जी अपने पुराने मित्र और खरे आदमी हैं। रेल मंत्रालय से जुड़े हैं। हम लोगों को इनकी बात को गंभीरता से सुनना चाहिए। दूसरा पक्ष हमेशा महत्वपूर्ण होता है। मालगाड़ी और यात्री रेल की लाइन अलग किए जाने की व्यवस्था से निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा।

Rajiv Tiwari सहमत हूँ यशवंत भाई, लेकिन पक्ष को संतुलित तरीके से रखना भी एक कला होती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Sanjaya Kumar Singh दुष्यंत राय जी, दो नहीं तीन मोर्चों पर कहिए। यूपीए सरकार ने बुलेट ट्रेन भी चला दी होती तो मोदी जी को उसपर भी मेहनत नहीं करनी पड़ती। और मेट्रो चलाया था तो उसका किराया बढ़ाकर खुश होने का मौका भी नहीं मिलता।

Yashwant Singh और ये भी सच है कि 60 साल में कांग्रेस अगर सबको यात्रा सुविधा प्रदान नहीं कर पाई तो प्राइमरी अपराधी हाथ का पंजा ही है। हां, bjp चीजों को ठीक करने के नारे के साथ आई थी तो इससे उम्मीद ज्यादा है और फिलहाल उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकी है। हो सकता है सही नीति पर अमल करके आगे चीजें ठीक कर दी जाएं, जिसका हम सबको इंतज़ार है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Rajiv Tiwari संजय जी, बुलेट ट्रेन आने से देश का चहुँमुखी विकास हो जाने वाला है, जैसा पहले की सरकारों ने मेट्रो लाकर किया। चारों ओर सुख शांति, कहीं कोई परेशान नहीं, सर्व सुविधाओं की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है और हर देशवासी उसमें गोते लगाकर पुण्य बटोर रहा है।

Rajiv Tiwari ठीक कहा आपने यशवंत भाई, कांग्रेस ने 60 साल में जो कुछ किया उसका परिणाम उसके सामने है। लेकिन 3 साल में 6 दशकों पुरानी मैली गंगा साफ करने का दावा करने वाले ये बातों के शेर खुद कहाँ खड़े हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Sanjaya Kumar Singh मूल मुद्दा ये है Yashwant Singh जी कि वेटिंग लिस्ट लेने की भी तमीज नहीं है। जब तीन या चार महीने पहले बुकिंग शुरू होती है और छठ के लिए महीने भर बाद ही वेटिंग शुरू हो जाता है तो ये तय होना चाहिए कि वेटिंग कितना बुक करना है, कब तक और जो बुक हो जाए उसे कंफर्म मिलना ही चाहिए। वैसे भी अब जब अंतिम समय पर कैंसल कराने वालों को नहीं के बराबर पैसे मिलते हैं तो कुछ सीटें खाली रह जाएं पर तीन महीने पहले बुक कराने वालों को अंतिम दिन पता चले कि कंफर्म नहीं हुआ और उसे डिफेंड किया जाए कि फलाने ने वो नहीं किया और ढिमाके ने वो नहीं किया – खरा आदमी होना तो नहीं हो सकता। नौकरी हो रही है – उससे मुझे कोई एतराज नहीं है।

Dushyant Rai भाई साहब रेल का नेटवर्क इतना विशाल और इतने बोझ से दबा है कि नई सरकार रेल लाइन बिछाने, विद्युतीकरण और पुरानी लाइन सुधार में लगभग तीन गुना गति से काम कर रही है फिर भी अभी तीन साल लगेगा जनता को अपेक्षित सुविधा मिलने में।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Sanjaya Kumar Singh आप ठीक कह रहे हैं। फिर भी, जब अंतिम समय में कैंसल कराने वाले को टिकट नहीं मिलता है तो क्या यह सुनिश्चित नहीं किया जाना चाहिए (जैसे भी और उसमें छठ स्पेशल ट्रेन में वैकल्पिक आरक्षण मिलने पर चाहिए कि नहीं पूछ लेना शामिल है) कि तीन महीने पहले अपनी जरूरत बताने वाले को निराश नहीं किया जाए। क्या इस जरूरत से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि रेलवे की लाचारी को डिफेंड किया जाए? निश्चित रूप से यह लाचारी 130 करोड़ की आबादी के कारण है और हर कोई नरेन्द्र मोदी होता तो यह स्थिति नहीं आती। पर ये कर दूगां, वो कर दूंगा – कहने से पहले भी यही स्थिति थी।

Shyam Singh Rawat मैं ट्रेन नंबर 15035 व 15036–उत्तरांचल सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस का इसकी शुरुआत से ही नियमित यात्री हूं जो काठगोदाम-दिल्ली रूट पर चलती है। यह ट्रेन पहले ISO 9000 तथा ISO 2001-2008 द्वारा प्रमाणित एक अच्छी सेवा थी। अभी 25 सितंबर को इस ट्रेन से दिल्ली जाना हुआ (Coach No.D-9), गाड़ी की हालत बहुत बुरी है। समय-पालन, डिब्बे के भीतर सफाई, कैटरिंग, पानी आदि सब चौपट। यहाँ तक कि मोबाइल चार्जिंग सुविधा भी खत्म। 4 अक्टूबर को इसी ट्रेन नं.–15036 से वापस आने के लिए जब दिल्ली स्टेशन पहुंचा तो नैशनल ट्रेन इक्वायरी सिस्टम पर इसका आगमन-प्रस्थान निर्धारित समय-सारणी के अनुसार ही क्रमश: 15.25 और 16.00 बजे दिखाया जा रहा था। जबकि सच्चाई यह थी कि यह ट्रेन 16.05 पर प्लेट फार्म सं―5 पर पहुंची और वहां से 16.35 पर काठगोदाम के लिए चली। यह ट्रेन अपने गंतव्य पर डेढ़ घंटा विलंब से पहुंची। इसकी शिकायत नये रेल मंत्री पीयूष गोयल से उनके फेसबुक पेज पर की जिसे कुछ ही पलों में डिलीट कर दिया गया था। शायद यह मोदी सरकार की कपटपूर्ण नीति के अनुसार ‘आल इस वैल’ दिखा कर देश में भ्रम का वातावरण बनाने का एक हिस्सा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Prashant M Kumar ऐसे में बस यही लगता है कि अपना देश भी परदेस हो गया

Sarwar Kamal इस देश मे दो देश होने का अहसास बना रहेगा

Advertisement. Scroll to continue reading.

निखिलेश त्रिवेदी भारतीय रेलवे जैसी थी और है वैसी ही आगे भी रहेगी। कायाकल्प की उम्मीद नहीं है।

Pramod Patel यह सरकार भी फेल. . . जनता ने मौका दिया और जनता को ही लुट लिया. . .

Advertisement. Scroll to continue reading.

Pankaj Kumar अरे बाबा, मैने खुद कोलकाता से मोतिहारी जाने के लिये आज से तीन महीने पहले दो टिकट एसी टू टियर की ली थी। वेटिंग 1 और 2 मिला था। आज तक सीट कंफर्म नहीं हुआ हैं। परिवार को ले जाना है इस हताशे से फ्लाइट से दूसरे रूट से टिकट लिया। जो सबकुछ मिलाकर करीब करीब चौगुना बजट बढ़ गया। सभी रेलवे के मिनिस्टर , अधिकारी कहते फिरते है कि रेलवे घाटे में चल रही है, कोई आदमी बतावें कि जिस दिन उसे यात्रा करना है और उस दिन टिकट उसे आराम से मिल जाये। सभी ट्रेनें सालों भर फ़ूल रहती है। ट्रेन की सीटों से ज्यादा रेलवे के कर्मचारी है। जो दिनभर ऑफिस में गप व डींगें हाँकते और मारते है। सैलरी लेते है सबसे ज्यादा। आखिर क्यों न रेलवे घाटे में जाये।

Sushant Saurav Kya kahein iske liye bjp se jyada congg jimmedar h agar 50 salon m Cong Kam krti to bjp aati hi nhi

Advertisement. Scroll to continue reading.

Gajendra Kumar Singh प्रभु जी तो जुलाई से वेटिंग खत्म करने की घोषणा की थी । अब तो खुद ही खिसक गये ।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास तक खबर सूचनाएं जानकारियां मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group_one

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement