
संजय श्रीवास्तव उर्फ संजय कुमार श्रीवास्तव उर्फ एसके श्रीवास्तव उर्फ एसकेएस. ये एक ही नाम है. बस उन्हें बुलाने पुकारने के सबके अपने अपने तरीके-अंदाज़ हैं. एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय और देश के तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम की मिलीभगत से दुनिया भर में फैलाई गई ब्लैकमनी के संजाल का खुलासा करने वाले और इस नेक्सस में मददगार अन्य अफसरों को निशाने पर लेने वाले निर्भीक आईआरएस अफसर एसके श्रीवास्तव को जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया. इनकम टैक्स के जिन बारह अफसरों को एक साथ जबरन रिटायर किया गया, उनमें एक नाम संजय का भी है. अन्य अफसरों पर तो भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं लेकिन संजय श्रीवास्तव को रिटायर किए जाने के पीछे उनकी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लंबी लड़ाई को माना जा रहा है.
एनडीटीवी में काम कर चुके लोग संजय श्रीवास्तव की इस हार पर जश्न मना रहे हैं. खासतौर पर एनडीटीवी में काम कर चुके एंकर अभिसार शर्मा इसे संजय श्रीवास्तव से अपनी लंबी लड़ाई की आखिरी जीत मान कर चल रहे हैं. अभिसार को तमाम नामी गिरामी लोग इस जीत के लिए बधाई भी दे रहे हैं. ज्ञात रहे कि अभिसार शर्मा की पत्नी भी आईआरएस अफसर रही हैं और उन्हीं के कार्यक्षेत्र में एनडीटीवी का इलाका आता था. अभिसार की पत्नी ने संजय श्रीवास्तव पर कई किस्म के आरोप लगाए और मुकदमें सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं. संजय श्रीवास्तव को सत्ता और मीडिया के बेहद ताकतवर गठजोड़ ने पागलखाने तक भिजवा दिया पर ये शख्स हारा नहीं. लड़ता रहा. संजय श्रीवास्तव का ज्यादातर वक्त आफिस की बजाय कोर्ट के चक्कर काटने और मुकदमों को संयोजित करने, जवाब बनवाने, अपना पक्ष मजबूती से रखने में जाया होता है. पर यह सत्य की जंग है और इस जंग में अक्सर सच के साथ खड़े रहने वाले को बीच बीच में तगड़ा झटका झेलना पड़ता है.



माना जाता है कि अरुण जेटली और पी. चिदंबरम की बेहद नजदीकी के कारण संजय श्रीवास्तव को निशाने पर लिया गया. सूत्रों का कहना है कि जबरन रिटायर करने वाली लिस्ट में संजय श्रीवास्तव का नाम आखिरी क्षणों जोड़ा गया. सूत्रों का दावा है कि सब कुछ मोदी के संज्ञान में लाए बिना किया गया. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी तक संजय श्रीवास्तव को जबरन रिटायर करने का प्रकरण ले जाया जा रहा है. एसके श्रीवास्तव के नजदीकी लोगों का कहना है कि ये हार फाइनल नहीं है. ये बस एक बड़ा झटका भर है. नरेंद्र मोदी जी इस मामले में संज्ञान लेंगे और चीजों को ठीक जरूर करेंगे.
उधर, यह भी कहा जा रहा है कि नेताओं के बीच की अंदरुनी एकता ने एक ईमानदार अफसर के करियर का कत्ल कर दिया. बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों के ढेरों बड़े नेता आपस में नाभिनाल बद्ध रहते हैं. ये खुद को एक्सपोज करने वाले अफसरों से सामूहिक तौर से निपटते हैं. यही कारण है कि एनडीटीवी प्रबंधन के काले कारनामों की पूरी फाइल तैयार होने के बावजूद इसे पेंडिंग में रखा गया है. वहीं, जो अफसर बड़े लेवल का भ्रष्टाचार पकड़ता है और तत्कालीन सरकार के बड़े नेताओं, मंत्रियों, मीडिया हाउसेज के मालिकों से लड़ता है, उसे जबरन रिटायर कर यह संदेश दिया जा रहा है कि जो भी चोरी के खिलाफ मुंह खोलेगा, उसके खिलाफ नेता लोग सीनाजोरी करके उसे तबाह कर देगा.
संजय श्रीवास्तव को भ्रष्ट-चोर अफसरों की लिस्ट में साजिशनडालकर जबरन रिटायर करना उनके चाहने वालों के लिए एक बड़ा झटका, सदमा है. देखना है कि अब संजय इस पूरे मामले पर कैसे रिएक्ट करते हैं और इससे कैसे निपटते हैं.
संजय को जबरन रिटायर किए जाने से उन लोगों को भी पीड़ा हुई है जो मानते रहे हैं कि पीेएम नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी के साथ भेदभाव नहीं करते. खासकर कांग्रेस के जमाने के करप्शन के मामले में कतई ढील नहीं देंगे. लेकिन संजय के साथ मोदीराज में जो कर दिया गया है उससे अब यह संदेश जाने लगा है कि दावे चाहें जो करें, बड़े नेताओं की चोरी पर कोई आंच नहीं, चाहें वे किसी पार्टी के हों.


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One comment on “NDTV व चिदंबरम से लंबी लड़ाई लड़ने वाले IRS अफसर एसके श्रीवास्तव हरा दिए गए?”
सरकारी तन्त्र/निकाय का एक ऐसा सिपाही जो निकाय के साथ तो काम करता है लेकिन उसका हिस्सा बन कर नहीं । दुनियाँ की गाली खा कर भी वो टस से मस नहीं होता । He knows how to make a difference in this world.वो बेईमान कैसे हो सकता है?
संजय अग्निहोत्री
उपन्यासकर