जानी-मानी कथक नृत्यांगना सितारा देवी का मुंबई में निधन

वाराणसी। आज घुंघरू उदास है। अपनी विषिश्ट शैली में उन्हें खनक देती कथक नृत्य का सितारा अस्त हो गया। मुबंई के अस्पताल में पिछले कई दिनों से कोमा में चल रही सितारा देवी की सांस 94 साल की उम्र में थम गयी। भले ही गुरूदेव रविन्द्र नाथ टैगोर ने 16 साल की उम्र में उनका नृत्य देख उन्हें नृत्य साम्राज्ञिनी की उपाधि दी हो पर जिस शहर में वो लम्बे समय तक रहीं हों उसी शहर ने उन्हें भुला दिया था।

बनारसी कुल थूकिहन सगरो घुला के मुंह में पान, का ई सुनत बानी अब काशी बन जाई जापान?

आजकल बनारस सुर्खियों में है… बनारस को लेकर रोज कोई न कोई घोषणा सुनने को मिल रही है…. ऐसा होगा बनारस… वैसा होगा बनारस… पर न जाने कैसा होगा बनारस…. सब कुछ भविष्य के गर्भ में है…. पर दीपंकर की कविता में आज के बनारस की तस्वीर है…. दीपंकर भट्टाचार्य कविता लिखते हैं… दीपांकर कविता फैंटसी नहीं रचतीं बल्कि बड़े सीधे और सरल शब्दों में समय के सच को हमारे सामने खड़ा कर देतीं हैं…. दीपांकर के शब्दों का बनारस हमारा-आपका आज का बनारस है जिसे हम जी रहे है… आप भी सुनिए उनकी कविता…

योगेश गुप्ता दलाल नहीं हैं इसीलिए परिवार चलाने के वास्ते सतना में नौकरी कर रहे हैं

साथी, तकलीफजदा हूं योगेश गुप्ता के बारे में यह सुन कर पढ़ कर। बनारस में योगेश ने पत्रकारों की लड़ाई के चलते नौकरी गंवाई। मैंने खुद एक बार एचटी प्रबंधन के अपने एक साथी से पूछा तो उनका जवाब था कि नेतागिरी छोड़ दें, सब बढ़िया हो जाएगा। योगेश ने नुकसान उठाया। सड़क पर रहे। स्ट्रिंगर के तौर पर भी काम किया पर समझौता नहीं किया।