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सुख-दुख

”आप ठहरे भड़ासी पत्रकार, कोई आम आदमी होता तो फर्जी मुकदमे लादे जाते और जेल काट कर ही बाहर आता”

पिछले दिनों भड़ास के संपादक यशवंत सिंह के साथ यूपी के गाजीपुर जिले की पुलिस ने बेहद शर्मनाक व्यवहार किया. यशवंत अपने मित्र प्रिंस सिंह के साथ रेलवे स्टेशन पान खाने गए और कुछ लोगों की संदिग्ध हरकत को देखकर एसपी को सूचना दी तो एसपी के आदेश पर आए कोतवाल ने यशवंत व उनके मित्र को ही पकड़ कर कोतवाली में डाल दिया. इस पूरे मामले पर यशवंत ने विस्तार से फेसबुक पर लिखकर सबको अवगत कराया. यशवंत की एफबी पोस्ट पर आए सैकड़ों कमेंट्स में से कुछ चुनिंदा इस प्रकार हैं… मूल पोस्ट नीचे कमेंट्स खत्म होने के ठीक बाद है… 

Mamta Kalia इस घटना से पुलिस का जनता के प्रति रवैया पता चलता है। मैंने एक बार अपने घर मे हुई चोरी की रपट लिखवाई थी। पुलिस ने मुझे अलग अलग तारीखों में कोर्ट बुला कर इतना परेशान किया कि मैंने लिख कर दे दिया मुझे कोई शिकायत नहीं। केस बन्द किया जाय।

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पिछले दिनों भड़ास के संपादक यशवंत सिंह के साथ यूपी के गाजीपुर जिले की पुलिस ने बेहद शर्मनाक व्यवहार किया. यशवंत अपने मित्र प्रिंस सिंह के साथ रेलवे स्टेशन पान खाने गए और कुछ लोगों की संदिग्ध हरकत को देखकर एसपी को सूचना दी तो एसपी के आदेश पर आए कोतवाल ने यशवंत व उनके मित्र को ही पकड़ कर कोतवाली में डाल दिया. इस पूरे मामले पर यशवंत ने विस्तार से फेसबुक पर लिखकर सबको अवगत कराया. यशवंत की एफबी पोस्ट पर आए सैकड़ों कमेंट्स में से कुछ चुनिंदा इस प्रकार हैं… मूल पोस्ट नीचे कमेंट्स खत्म होने के ठीक बाद है… 

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Mamta Kalia इस घटना से पुलिस का जनता के प्रति रवैया पता चलता है। मैंने एक बार अपने घर मे हुई चोरी की रपट लिखवाई थी। पुलिस ने मुझे अलग अलग तारीखों में कोर्ट बुला कर इतना परेशान किया कि मैंने लिख कर दे दिया मुझे कोई शिकायत नहीं। केस बन्द किया जाय।

सोनाली मिश्र हम लोग बाइक चोरी होने की रिपोर्ट लिखवाने पहुंचे तो वो हमें ही यह उपदेश देने लगे, चेन न पहना करें, टॉप्स न पहनें आदि आदि।

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Ramji Mishra इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि पुलिस से शिकायत करने से पहले खुद को आदरणीय यशवंत जी की तरह मजबूत बना लेना चाहिए, अन्यथा अंजाम उसके हांथ होगा……

Shyam Singh Rawat अपने साथ भी मुरादाबाद में कुछ ऐसा ही हुआ था 1991 में। एक पुलिस इंस्पेक्टर की सार्वजनिक हित में ऐसी ही क्लास लगाई थी। फर्क इतना कि हम अकेले थे। बड़ी मुश्किल से इंस्पेक्टर साहब की जान छूटी थी।

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Braj Bhushan Dubey अजीब दास्तान है। अजीबो गरीब घटना। आमजन के साथ तो ऐसे ही होता है जिसे चाहा उठा लिया और बेइज्जत कर दिया। शहर कोतवाल जो है। जोरदार लेखनी कि पढ़ने वाला एक बार शुरू करें तो अंत करके ही रुकेगा।

Pawan Singh यशवंत गुरू एक किस्सा और मिलता है तुम्हारे किस्से से….पुख्ता तौर पर वर्ष का उल्लेख न कर सकूँगा …वाकया होगा तकरीबन सन् 1988-89 का…दैनिक नवजीवन में मैं स्ट्रिंगर हुआ करता था…एक दिन पता लगा कि प्रसिद्ध कवि व पत्रकार राजेश विद्रोही और उस दौरान नवभारत टाइम्स में कार्यरत धीरेंद्र विद्यार्थी काठमांडू में धर लिए गए हैं …घटना यूँ थी कि नेपाल में कम्युनिस्ट दबदबे वाली सरकार थी..भाई लोगों ने दवा लगाई और काठमांडू के कवि सम्मेलन मंच पर ही कम्युनिस्टों के खिलाफ ही आधा दर्जन कविताओं का फाॅयर झोंक दिया….बवाल मचा…भाई लोग धर लिए गए ….अगले दिन हम लोगों ने नेपालगंज जाकर वहां के नेपाली पत्रकारों को साधा तो अगले दिन शाम ढलने के बाद छूटे….आज राजेश भाई तो दुनियां में नहीं हैं लेकिन उनकी कुछ कविताओं की दो-दो पंक्तियां आज भी याद हैं …..

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अखबार नवीस भी अजब आदमी है, खुद खबर है दूसरों की लिखता है..

..आज सारा धनी पड़ोस उस निर्धन के साथ है।
लगता है उसकी बेटी जवान है…

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..भूखे को चांद भी रोटी नजर आता है….

Vijay Prakash जय हो सर पूरा झकझोर दिए। आखिर तक हार नहीं माने…

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Anurag Singh थाने को भी बाद में पता चला कि हम तो असली थानेदार को ले आये, फिर कोतवाल साहब बोले होंगे हईला….मैनें ये क्या कर दिया

Vinod Bhaskar बोला ये क्या कर बैठे घोटाला हाय ये क्या कर बैठे घोटाला, ये तो है थानेदार का साला.

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पत्रकार यदु सुरेश यादव सर जी आप तो ठहरे भड़ासी पत्रकार, कोई आम आदमी होता तो लूट के दो चार केस दर्ज हो जाते और कुछ दिन जेल की रोटी तोड़ने के बाद ही बाहर आता, जय हो भड़ासानंद बाबा

Kuldeep Singh Gyani योगी का बदला कोतवाल से…अभी “अर्ध कुम्भ” लगने में समय है महराज, लेकिन बढ़िया तबियत दुरुस्त किये विभाग की…सारे भक्तजन एक साथ…बोलिये, स्वामी भड़ासानन्द महराज की जै

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Azmi Rizvi दादा यही होता है आम आदमी के साथ, कोई आम आदमी होता तो जेल में होता आज, और दस बीस साल लग जाते उसे बेगुनाह साबित होने में। जै हो बाबा की

Rahul Vishwakarma सही सबक सिखाया… लेकिन कोतवाल की तरह आपको भी रायता थोड़ा और फैलाना चाहिए था. जरा जल्दी मान गए…

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Surendra Trivedi यार मित्र, वाकई में बड़े ही रोमांटिक हो।

Anil Gupta पैदल चलने वाला हर आदमी सामान्य नही होता … बहुत खूब सर ..

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Ravi S Srivastava लगता है जानेमन जेल पढे नही है कोतवाल साहब

Gaurav Joshi ग़ज़ब दादागिरी दिखायी भाई आपने ।

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Riyaz Hashmi मेरठ कांड याद दिला दिया भाई। उस कहानी का एक चरित्र सौरभ भी याद आ गया जो अब इस दुनिया में नहीं है। Take Care.

Amod Kumar Singh कभी हमारी कोतवाली पधारिये, तुलसी रजनीगन्धा के साथ कन्नौज का इत्र विदाई में अलग से दिया जायेगा।

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Yashwant Singh आंय । धमका रहे हैं भाया या वाकई प्रेम भरा न्योता है?

Amod Kumar Singh पुलिस में आने से पहले पुलिस की इतनी लाठियां खायी हैं, कि किसी सभ्य व्यक्ति को धमकाने या लठियाने की कल्पना ही नहीं की जा सकती।आपका स्वागत है।

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Yashwant Singh काश आप जैसे सोच समझ के लोग पुलिस विभाग में ज्यादा होते। थैंक्यू आमोद भाई। न्योता कुबूल। जल्द मुलाकात होगीं।

Journalist Yogesh Bharadwaj यशवंत भाई आप मिलिएगा आमोद जी से अच्छे व्यक्तित्व के धनी है और अच्छी सोच समझ के साथ न्याय प्रिय भी

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Mishra Aradhendu आप तो बच गए पर आम जनता का क्या , जिसको ये पुलिस वाले बोलने ही नहीं देते….??

Shivam Bhardwaj ज़बरदस्त… लगा जैसे सब कुछ सजीव देख रहा हूँ 🙂

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Ashutosh Dwivedi यशवंत जी क्या छापी जा सकती है ये कथा।

Yashwant Singh बिल्कुल ब्रदर।

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Nishant Arya रजनीगंधा से मोह नहींऐ जाएगा। उल्टे कोतवाले से घुस लिए।।। बाह

Ajay Kumar Kosi Bihar बच गए भाई.बिहार रहता तो पोलठी भी खाते.सब पत्रकारी निकाल देता.तब फिर से आपको जाने मन जेल का भाग 2 लिखना पड़ता.

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Ghanshyam Dubey तो आगे से समझ लेना — SP और CO समझदार थे! अगर न होते तो कहानी में फिर कई ट्विस्ट होते। पुलिस तो फर्जी मुकदमे कायम करने में माहिर होती है! जवान हो, भड़ासी हो तो कहानियाँ तो होती रहेंगी…

चन्द्रहाश कुमार शर्मा …तो आप भी एक नया अफसाना बना दिये?

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Sachin Mishra मनमोहक और काफी रुचिकर कहानी थी गुरु। सच में वो जवानी जवानी नहीं जिसकी कोई कहानी न हो।

Kailash Paswan इसलिए पुलिस को आमलोग उप नाम से पुकारते है

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Devendra Verma आपने पुलिस का जो सच सुनाया है, वह बिलकुल सच है ….जैसे मैने पढना शुरू किया वैसे वैसे कहानी का रोमांच बढता गया आनन्द आ गया…..

Md Islam बेचारा कोतवाल गलत नंबर डायल कर गया

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Amit Srivastava इस पूरी घटना में मुखपात्र कोतवाल का कही नाम नहीं लिखा अगर उसका नाम भी लिख देते तो मामला समझ ने लोगो को आसानी होती।

Pandit Prakash Narayan Pandey बेशर्मी व बेहयाई की हद्द कर दी उस दारोगा ने… वे सब बहुरूपिया तो होते ही हैं… बहरहाल लताड़ना तो कत्तई नहीं छोड़ना है….
Hemant Jaiman Dabang एक वाक्य में ख़त्म करूँगा—अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे… यहां ऊंट कोतवाल (पुलिस) को कहा गया है। और पहाड़ यशवंत सिंह को। राम जी राम

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Ashutosh Chaturvedi ऊर्जा का संचार कर दिया सर आपने।

DrMandhata Singh गनीमत है एनकाउंटर नहीं किया। आजकल अपनी प्रगति के लिए अनजान लोगों को बलि का बकरा बनाते हैं पुलिस वाले और बाद में होती है लीपा-पोती। अनुरोध है कि ऐसे खेल न खेलें। हम लोगों के लिए आप बहुमूल्य हैं। यह आपको याद रखना चाहिए। सबक का खेल सावधानी से खेलें।

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Sunayan Chaturvedi भड़ासी माहौल के जनक यशवंत सिंह की भड़ासी अदा को प्रणाम।

Purnendu Singh आज तो तुम खुश बहुत होगे ठाकुर कोतवाल सीओ, sp से माफी मंगवा लिए। याद रखना अब तुम्हारे जैसे लोग अनशन की धमकी मत दे कर माफी मंगवा सकते हैं तो यह नेता बलात्कारी और अपराधी हत्यारों को भी छोड़ा लेते हैं फिर दोष मत देना पुलिस को क्यों कोतवाल निकम्मा था जो तुमको ऐसे ही आने दिया… कभी किसी के चक्कर में पड़ोगे तो बताया जाएगा पुलिस क्या होती है…

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Yashwant Singh आपकी बात कांट्राडिक्टरी हैं। बेवजह पकड़े जाने पर निर्दोष का प्रतिरोध और रेपिस्ट मर्डरर अपराधी को पुलिस से छुड़वाए जाने की नेता की गुंडई जैसी दो विरोधाभाषी चीजों को एक तराजू में रख कर कैसे तौल सकते हैं। वैसे, धमकाने के लिए धन्यवाद।

Sandeep Chandel भाई साहाब पुलिस कोई मुहनोचवा तो है नहीं कि किसी को उठा ले जाय मामले की सही जाच कर के उठाना चहीये ताकी लोगो का विश्वास बना रहे ये सही है की हम पुलिस की दिल से इज्ज़त करते हैं और करते रहेंगे , लेकीन विश्वास तब डगमगाता हैं जब ग्यात्री प्रजापती जैसे लोगों को पकडने में एक महीने लग जाता है और आम जनता को सरेआम बदनाम किया जाता है, हमे लगता है आप हमारी बातों से सहमत होंगे ,

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Syed Shahid Ali पुलिस की कार्यप्रणाली की सच्चाई सहन न कर पाने बाले भाई साहब एक पत्रकार को धमकाने के बजाय जनता में पुलिस की छवि सुधारने पर विचार कीजिए । धन्यवाद

Uvaish Choudhari पुरनेन्दू जी के रिश्तेदार तो नही थे कोतवाल साहिब?

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S.K. Misra गलती करने वालों को भी विभाग के यदि लोग ऐसे ही समर्थन देंगे तो उनमें सुधार कैसे होगा, इस पुलिस बाले की कमेंट को देख कर दुःख हो रहा है ।

Manoj Tripathi आप जहाँ काण्ड वहां!!

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Ram Murti Rai Jabardast.. Heropanthi

C S Singh Chandu जरा सोचिए भाई साहब अगर आपके जगह कोई आमजनता होती तो अब तो उसका उसके पूरे परिवार के साथ बड़ी ही दर्दनाक कहानी हो जाती और वर्षों पढ़ी जाती… सोचकर ही रुह काँप जा रही है… पता नहीं और क्या क्या बीतती उस आम आदमी के साथ…

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Rahul Gupta Badaun भैया जी, यह कोतवाल अब सपने में भी सौ सौ बार सोचेगा, इस भड़ासी बाबा से आइंदा पाला न पड़े। वरना अभी तो बच गया आगे भगवन मालिक होंगे। अब यह जहाँ भी आपको देखेगा खुद चल कर मिलने आएगा।

Ajay Mishra खेत खाए गदहा मारा जाए जुलाहा उत्तर प्रदेश पुलिस की यही दिनचर्या है यह सुधर जाएं तो पूरा प्रदेश सुधर जाए

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ChandraShekhar Hada सर, ऐसा लग रहा है जैसे आप रजनीगंधा-तुलसी की विज्ञापन फिल्म कर रहे हैं।

Nirupma Pandey ये आप ही कर सकते थे ।

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Maneesh Malik Thanks for police valo ko sabak sekhane k laya Maja aa gya. Jay hind.

Syed Mazhar Husain क्या बात है भाई… ऐसी तैसी हो गयी कप्तान से लेकर कोतवाल तक… एक सेल्फी तो बनती थी कोतवाल के साथ…

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Narendra M Chaturvedi जेल तो….जानेमन जेल…नाम से प्रख्यात हुई…और अब कोतवाली….यशवंत भईया वैसे आज आपके मुताबिक जेल दिवस भी है…?

S.K. Misra इस पोस्ट में डीजीपी को टैग करना चाहिये था… उन्हें भी पता चलता उनके रणबांकुरे कैसे जनता की सेवा में तत्पर हैं।

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Surya Prakash कुल मिला के रजनीगन्धा तुलसी की व्यवस्था हो गई गुरु …

Rajendra Joshi घटना तो जो भी रही हो कहानी में ऐसे-ऐसे मोड़ आपने डाल दिए कि लगा न जाने अगले मोड़ पर क्या नया होगा।

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Sarvesh Singh बेचारे पुलिस वालों ने इस दिन की कल्पना तक ना की होगी।

Anshuman Shukla अब सोचिये, लल्लन टाप कानून व्यवस्था है कि नहीं है उत्तर प्रदेश में।

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Ashok Kumar Singh आपका रिश्वत रजनीगन्धा तुलसी ,फिर भी सस्ता ही पड़ा कोतवाल को

Vinay Shrikar बतौर समझौते की शर्त तुलसी और रजनीगंधा के साथ ही संजीवनी सुरा की डिमांड कर देना था।

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Rajesh Mishra बहुत गलत किये थे कोतवाल महोदय

A.k. Roy कोतवाल के लिऐ, सेर को सवासेर मिला….

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Sant Sameer क्रान्तिवीरों की जै हो।

Shrinarayan Tiwari गजब की कहानी है यशवंत जी

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Anuj Sharma गुरु एक नई जानकारी मिल गई। आप ”रजनीगंधा तुलसी” मंत्र से वश में होते हो।

Umesh Srivastava Socialist संत किसी के बस में नहीं होता और सब के बस में होता है

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Anuj Sharma गुरु तो क्रांतिवीर हैं।।। पत्रकारों की रीढ़ हैं।।

Anuj Sharma अब भक्त ये मंत्र याद कर लेंगे।।।

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Kaushal Sharma उत्तर प्रदेश पुलिस संघटित अपराधियों का सरकारी गिरोह है।

Abhay Prakash Yashwant G Mai to aapko ni janta par itna jarur kahunga ki pulice wale itna sidhe sadhe kab se ho gai

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Anand Agnihotri फोन करके कोतवाल साहब का हालचाल तो पूछ लेते। बेचारा बड़ा मायूस बैठा होगा। अब कई दिन कहीं से रंगदारी नहीं मिलेगी उसे।

प्रयाग पाण्डे आपकी जै हो। माना आपकी जगह कोई दूसरा निरपराध इंसान होता ? बना दिया गया होता न अपराधी। खैर…… .

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Dinesh Dard यही जुझारूपन तो चाहिए ज़ुल्म के ख़िलाफ़। मगर हर शख़्स में इतनी ताब कहाँ होती है। बहरहाल, ज़िंदाबाद।

Vinod Bhardwaj स्वामी भड़ासानन्द जी महाराज, अब उस इंस्पेक्टर को दिल से धन्यवाद कर दो जिसने अपनी करतूत से ये रोमांचकारी भडासी मसाला लिखने – पढ़ने का मौका दे दिया ।

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Madan Tiwary यह हुई मेरे मन मुताबिक़ बात। अब आंदोलन शुरू करो गुरु।

Amar Chaubey ध्यान रखा करिये आप योगी सरकार में है

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Madhusudan JI अपने ही घर के दरवाजे पर अपना ही कुत्ता न पहचान पाया और गुर्रा कर अपनी औकात भी जल्दी से पहचान लिया.. बधाई हो.. धूल चटा ही दिया उसे

Manish Jaiswal सर, इन कोतवाल महापुरुष का नाम तो बता दीजिए ताकि हम लोग भी उन्हें दुआ दे सकें…

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Fareed Shamsi जलवा है जलवा, मैं तो सोच रहा था, कि अब एक और नई किताब पढ़ने के लिये मिलेगी ‘जानेमन हवालात’

Amit Tiwari आज फिर से अपराध जीत गया। एक तुलसी और रजनीगंधा की रिश्वत से बड़ी गलती को माफ़ कर दिया गया । क्या गारंटी है कि इस रिश्वत से पुलिस यह ग़लती किसी भले आदमी के साथ दोबारा नही करेगी।

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Dheeraj Rai Sri Amit ji / Dobara Aysa karen na karen .. Ab Yah Police Parivar ke mukhiya (SP-Gazipur) ka daitva huva. Sri Yashvant Ji ne SP KoAaina dikha Apne Daitva ka Nirvahan kar diya. Ab Ek Journalist Es se jada kuchh nhi De Sakta Police ko. Ins. Ko Nilambit athva Anya koi bhi gambhir karywahi ka Vaydhanik Adhikar to Aaina Dekhte SP ke Pas hay !! Ab SP Avm Sarkar Samjhe.
Dhanyawad Sri Yashvan Ji.

Ashwani Sharma अरे भाई कोई आम आदमी होता तो अब तक जेल में सड़ रहा होता

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Dheeraj Rai Haaaaaaaa…. To kisi Patrakar se Pala para tha Police ka. hona hi tha.

Lokesh Raj Singh Aapki patrakarita ka power bhi paan masale tak mein simat aaya jai ho patrakar maharaj. Koi shaq nahi ki angreji daru par imaan bik jata hoga.

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Manoj Singh Chauhan आप के साथ कहानी हुई, उस कोतवाल के साथ तो कांड हो गया…

Yatish Pant आम आदमी पर क्या गुजरती होगी क्योंकि ऐसा तो रोज होता है।

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Chandra Shekhar Kargeti कोतवाल को माफ़ भी किया तो एक रजनीगन्धा और डबल जीरो में …आपकी जगह कोई दुसरे वाले पत्रकार रहे होते तो ?

Mannu Kumar Mani Yashwant भाई, कोई आम आदमी होता। तो उसकी लग गई होती।

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Arvind Saxena आपने तुलसी रजनीगंधा की मांग कर अपराध को बढावा दिया

Care Naman सच में कहानी कहानी हो गई इस नई जवानी

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Syed Tariq Hasan पैदल चलने वाला हर व्यक्ति सामान्य नहीं होता ! शानदार।

Devendra Kumar Nauhwar आप असाधारण हैं, आपकी समाज को जरूरत है!

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Ankit Kumar Singh यशवंत भैया कोतवाल सच में पैर छूने लगा ??

Vishal Ojha ले रहे मजा मजबूर बन के जानेमन

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Ashish Mishra E sare fasad ki jadd mujhe tusli aur rajnigandha lg rha h.

Gopal Ji Rai Janeman 2 likhane SE bach gaye

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Sandeep Kher वाह बहुत अच्छा सबक़ दिया आपने सर पर उस ग़रीब आदमी का क्या जो ऐसे ही उठा लिए जाते है जिनका कोई सोर्स नहीं होता है अगर आप भी आम आदमी होते तो शायद अंदर होते हमारी पूलिस संवेदनहीन हो गए है जो सिर्फ़ आदेश बजाना जानती है फिर चाहे निर्दोष इंसान को ही ना उठना पड़े पूलिस को ध्यान देना चाहिए की कोई बेगुनाह आदमी क़ानून के चुंगल में ना आए

Sanjay Kumar Patrakaar पता नहीं भारत में ऐसी घटनाएं रोज कितनी होती होगी. परंतु बहुत सा मामला उजागर ही नहीं होती है . यशवंत जी आपने उजागर कर पुलिस की कार्यशैली को जनता के सामने लाने का प्रयास किया है .

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Sunil Kumar Singh जय हो… पर आप जरा अंदाजा लगाए कि यह पुलिस महकमा कैसे पेश आता होगा आमजन से?

Vivek Gupta बहुत खूब भैय्या. लेकीन ये प्रशासन कब सुधरेगा.

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Gandhi Mishra ‘Gagan’ काम तो कोतवाल कोई बुरा नहीं किया था भाई क्योंकि आप दोनों मित्र भी तो पहुंचने के बाद उसे जिसकी संदिग्धता की जानकारी आपने कप्तान को दी थी कोतवाल को भी देना था औऱ रजनीगंधा तुलसी पर नहीं बिकना था ।

Dharmendra Pratap Singh बाबा कहीं रहें और बवाल न हो, असंभव… जय हो !

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Rinku Singh हर पैदल चलने वाला आम आदमी नहीं होता….

Amit Kumar Bajpai पूरी कहानी का सार……. रजनीगंधा की पुड़िया और पानी की बोतल में संसार बंधा है….. तर्क- वितर्क- कुतर्क धरे रह जाते हैं, गलती करने वाले पछताते हैं और गुरु गजब कर जाते हैं.. Haha

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Neeraj Sharma बड़े काण्डी हो यशवंत भाई

Trilochan Prasad हाहा, डार्लिंग जेल वाले को पकड़ लिया

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Anil Kumar Singh उसे मालूम नहीं था जिसे बकरा समझ रहा है वह तो शेरों का शेर है।


मूल पोस्ट ये है…

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0 Comments

  1. Rajesh Tiwari

    July 3, 2017 at 7:18 pm

    Desh me pulisia atank badh gaya hai.

  2. शोभित मिश्रा

    July 4, 2017 at 2:23 am

    पुलिसिया उत्पीड़न की यह कहानी महज वानगी भर है , मेरे भाई ने 2010 में सट्टे का अवैध करोबार करने वालों को पुलिस को सूचना देकर पकडवाया था , उन्हें ले देकर छोंड दिया और मेरे भाई को फर्जी मुकदमा दर्ज कर बैठा लिया । काफी मान मनौवल के बाद मुचलिका भरवाकर छोंडा ।
    धन्य है हमारी मित्र पुलिस ।

  3. anand pandey

    July 4, 2017 at 6:44 am

    Bhaya bhadasha nand ki jay ho…kii chhot mot patrakaar hota to police uske ghar jakar usko khich kar lasti or darjan bhar fIR darj ho jati.khair aap jk thahre.aapne to use chhati ka doodh yaad dila diya hoga…sahi kiya aapne bhaya

  4. Shripal teotia

    July 5, 2017 at 2:11 am

    Snehvandan.
    Ham kalamkaaraun ke pass hota hi kya hai, Ab agar maan-samman pr bhi ban aaye to itna to bnta hai.
    Many time happened that kind of activities with us while doing clean reporting,but I also enjoyed that time.
    Salute you. 🙂

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