उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के नरही थाने के पिकेट पर हो रही अवैध वसूली की शिकायत करना एक सिपाही को महंगा पड़ गया. एसपी ने शिकायत करने वाले सिपाही को ही सस्पेंड कर दिया. इससे आहत निलम्बित सिपाही ने पुलिस हेड क्वार्टर इलाहाबाद को अपना त्याग पत्र भेज दिया है. उसने जान-माल की सुरक्षा की गुहार भी की है.
नरही थाने पर चंद दिनों पहले तैनात हुए सिपाही संतोष कुमार वर्मा का कहना है कि 03 जनवरी की रात 09 बजे से भरौली चेक पोस्ट पर उनकी ड्यूटी लगी थी. वे जब ड्यूटी पर पहुंचे तो वहां एक व्यक्ति द्वारा अवैध गाड़िया चेक पोस्ट से पार करायी जा रही थी. इसका विरोध करते हुए सिपाही संतोष कुमार ने उक्त व्यक्ति को पकड़कर थाने के एसएचओ को सूचित किया. एसएचओ मौके पर पहुंचे और उक्त व्यक्ति को आजाद करते हुए सिपाही संतोष को ही जबरिया थाने लेकर चले आये.
जब इसकी शिकायत सिपाही ने एसपी से की तो एसएचओ रामरतन सिंह भड़क गये. सिपाही का आरोप है कि एसएचओ ने उसे न सिर्फ गालियों से नवाजा, बल्कि उसके मुंह पर जबरदस्ती शराब गिराकर पीएचसी के चिकित्सक से मेडिकल भी करवाया. हद तो तब हो गयी जब एसपी अनीस अहमद अंसारी ने सिपाही को ही सस्पेंड कर दिया. सिपाही पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा है. विभाग से मिले इस प्रतिदान से आहत और निलम्बित सिपाही ने अपना त्याग पत्र पुलिस हेड क्वार्टर को भेज दिया. सिपाही ने कहा कि वह रिक्शा चला कर अपने परिवार का पेट पाल लूँगा लेकिन पुलिस की नौकरी नही करूँगा क्योकि यहाँ सच्चाई की कोई कीमत नहीं.
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बलिया से संजीव कुमार की रिपोर्ट.