छह अप्रैल को रिलीज हो रही ‘सूबेदार जोगिंदर सिंह’ एक बहादुर सिपाही की गाथा है

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह एक सच्‍चे और बहादुर सिपाही की गाथा है, जिन्‍होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी।सूबेदार जोगिंदर सिंह सन 62 की चीन के साथ लड़ाई में अपनी वीरता और शौर्य दुश्‍मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। उनकी इस बहादुरी का किस्‍सा आज देश के लोगों को प्रेरित करेगी। ऐसा कहना है फिल्‍म सूबेदार जोगिंदर सिंह के निर्देशक सिमरजीत सिंह का। वे कहते हैं कि सूबेदार जोगिंदर सिंह की बायोपिक अब 6 अप्रैल से देशभर के सिनेमाघरों में तीन भाषाओं; हिंदी, तमिल और तेलगु में रिलीज़ होगी।

‘पद्मावती’ फिल्म देख आए वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक, पढ़िए वो क्या कह रहे हैं…

फिल्म पद्मावती को लेकर आजकल जैसा बवाल मच रहा है, अफवाहों का बाजार जैसे गर्म हुआ है, वैसा पहले किसी भी फिल्म के बारे में सुनने में नहीं आया। बवाल मचने का कारण भी है। पद्मावती या पद्मिनी सिर्फ राजस्थान ही नहीं, सारे भारत में महान वीरांगना के तौर पर जानी जाती है। मध्ययुग के प्रसिद्ध कवि मलिक मुहम्मद जायसी ने अपनी महान कृति ‘पद्मावत’ में चितौड़ की इस महारानी का ऐसा सुंदर चरित्र-चित्रण किया है कि वे भारतीय नारी का आदर्श बन गई हैं। यदि ऐसी पूजनीय देवी का कोई फिल्म या कविता या कहानी अपमान करे तो उसका विरोध क्यों नहीं होना चाहिए और डटकर होना चाहिए लेकिन यह जरुरी है कि विरोध करने के पहले उस कला-कृति को देखा जाए, पढ़ा जाए, उसका विश्लेषण किया जाए। मुझे पता नहीं कि जो संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं, उनके नेताओं ने यह फिल्म देखी है कि नहीं? मैंने यह सवाल पिछले हफ्ते अपने एक लेख में उठाया था। मुझे राज-परिवारों से संबंधित मेरे कुछ मित्रों ने प्रेरित किया कि मैं खुद भी इस फिल्म को देखूं और अपनी राय दूं।

अमिताभ बच्चन यानि एक भयंकर अवसरवादी आदमी!

Narendra Nath : बहुत रिस्क के साथ पोस्ट कर रहा हूं। जानता हूं इस देश में बहुमत के खिलाफ लिखना-बोलना बहुत जोखिम भरा होता है। फिर भी देश के एक नायक पर तल्ख टिप्ण्णी करने का साहस उठा रहा हूं। उस मुल्क में जहां सितारों को भगवना की तरह पूजा जाता है। और हां, बतौर अभिनेता मैं भी इनका बहुत ही बड़ा प्रशंसक हूं। नाम है अमिताभ बच्चन। अमिताभ बच्चन सुपरस्टॉर हैं। लारजर दैन लाइफ जिया है सिने दुनिया में। रील दुनिया में जो किरदार निभाया वह उन्हें अपने क्षेत्र में महान बनाती है।

फिल्म ‘न्यूटन’ अपने दर्शकों के एक गाल को सहलाते हुए दूसरे पर चांटे जड़ती है!

Nirendra Nagar : अभी ‘न्यूटन’ देखी हॉल में। फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे प्रशासन, पुलिस और सशस्त्र बलों की मिलीभगत से चुनाव के नाम पर इस देश में कई जगह केवल छलावा होता आया है चाहे वह कश्मीर हो या छत्तीसगढ़। पहलाज़ निहलानी के रहते तो यह मूवी सेन्सर बोर्ड से पास ही नहीं होती। वैसे न्यूटन जो एक ईमानदार युवा सरकारी कर्मचारी है और जो इस बात पर डटा हुआ है कि वह अपने अधिकार वाले बूथ में असली मतदान करवाकर रहेगा, उसकी ज़िद्दी कोशिशों पर जब दर्शक हँसते हैं तो स्पष्ट होता है कि ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की वाक़ई इस देश में क्या क़ीमत है। एक दर्शक तो वास्तव में बोल भी पड़ा – ‘पागल है क्या!’ ऐसा लगा जैसे उसने न्यूटन और उसके जैसे सभी लोगों को गाली दी हो।

मीडिया केंद्रित फिल्म ‘JD’ में कई पत्रकारों ने किया काम, गिना रहे हैं डायरेक्टर शैलेंद्र पांडेय सबके नाम (देखें वीडियो)

मीडिया पर जोरदार फ़िल्म ‘जेडी’ बनाने वाले शैलेन्द्र पांडेय ने निकाली अपनी भड़ास। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को कठघरे में खड़ा किया। कई असली पत्रकारों ने फिल्म में पत्रकार का किरदार निभाया है। तो, फ़िल्म में किन-किन असली पत्रकारों ने रोल किया, उन सबके नामों का किया खुलासा किया। शैलेंद्र पांडेय से बातचीत की भड़ास के संपादक यशवंत सिंह ने।

JD फिल्म का डिजिटल पार्टनर है भड़ास4मीडिया डॉट कॉम (देखें वीडियो)

22 सितंबर 2017 को रिलीज हो रही फिल्म JD का डिजिटल पार्टनर भड़ास4मीडिया डाट काम है. भड़ास के संस्थापक और संपादक यशवंत बता रहे हैं वो तीन वजह जिसके चलते हम सभी को ये फिल्म देखने के लिए थिएटर जाना चाहिए. देखें संबंधित वीडियो… https://www.youtube.com/watch?v=_izRF4GD-Hc

प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पर गुजराती में बन रही है फिल्म ‘हू नरेंद्र मोदी बनवा मांगू छू’

बॉलीवुड निर्देशक अनिल अनिल नरयानी का कहना है कि प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित उनकी आने वाली गुजराती फिल्म ”हूं नरेन्द्र मोदी बनवा मांग छू” बच्चों के लिये बेहद प्रेरणाश्रोत होगी। अनिल नरयाणी इन दिनों फिल्म ”हू नरेंद्र मोदी बनवा मांगू छू” बना रहे हैं। अनिल नरयानी ने फिल्म की चर्चा करते हुये कहा, “‘हू नरेंद्र मोदी बनवा मांगू छू’ हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की कहानी पर आधारित है।

JD Trailer out, Film is going to release on 22nd September

The trailer of the upcoming Bollywood film “JD” #MediaकीBreakingNews produced by Shailendra Pandey Films has been released. Speaking on the occasion Producer & Director Shailendra Pandey said; “”I am very excited for my film JD. I feel honoured to have directed the big Politician Amar Singh  and the Rtd. Justice PD Kode who are in the special appearance in the movie. He said, “JD is an honest attempt of film-making and showing the ground realities of Media. I am sure that the audiences will appreciate this movie.”

अक्षय कुमार ने गाना गाया और भूमि ने किया डांस, जनता हुई मस्त (देखें वीडियो)

अभिनेता अक्षय कुमार अपनी फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा का प्रमोशन करने आगरा पहुंचे…. ताजमहल के साए में उन्होंने इस फिल्म का प्रमोशन किया….  अक्षय कुमार के साथ फिल्म की हीरोइन भूमि भी थीं….. ताज महल के पास बने ताज खेमा के इस कार्यक्रम में उन्होंने स्कूली छात्र छात्राओं से मुलाकात की और अक्षय कुमार ने छात्रों को देश का भविष्य बताया…. साथ ही स्वच्छता को लेकर छात्रों को पैगाम दिया….

Lipstick Under My Burkha : दैहिक मुक्ति को असली मुक्ति मान बैठीं ये संभोगरत स्त्रियां! (दो समीक्षाएं)

Mukesh Kumar : अलंकृता श्रीवास्तव को ढेर सारी बधाईयाँ। शायद एक स्त्री ही किसी स्त्री के अंदर पलने वाली हसरतों और चलने वाली कशमकश को इतनी बारीकी से फिल्मा सकती है। इतनी बेचैनी, इतनी छटपटाहट कि कुछ भी करने को तैयार। हर तरह की चौहददियों को लाँघने के लिए बेक़रार। और मर्द हैं कि हर जगह रास्ते रोकते हुए खड़े हैं। उन्हें मंज़ूर नहीं है कोई औरत उनके नियंत्रण से बाहर निकलकर अपनी इच्छाएं पूरी करे। कहीं वह सेक्स को हथियार बनाता है, कहीं धर्म को तो कहीं उसे छलकर दबाने की कोशिश करता है।

‘हिंदी मीडियम’ देखते हुए आप पॉपकार्न चबाना तक भूल जाते हैं

Uday Prakash : अभी ‘हिंदी Medium’ देख के लौटा। जो भूमिका पहले प्रतिबद्ध साहित्य निभाता था, वह अब ऐसी फिल्म निभा रही है. बाहुबली जैसी मध्यकालीन चित्रकथा फिल्म देखने की जगह, हिंदी मीडियम जैसी फ़िल्में देखने की आदत डालनी चाहिए। इवान इलिच की मशहूर किताब ‘डिस्कूलिंग सोसायटी’ बार-बार याद आती रही. लेकिन यह फिल्म शिक्षा के धंधे में बदलने के विषय से बाहर भी जाती हुई, बहुत बड़ा और ज़रूरी सन्देश इस तरीके से देती है कि आप पॉपकार्न चबाना तक भूल जाते हैं. पूरा हाल भरा हुआ था और ऑडियंस लगातार फिल्म के साथ बोलता, हँसता, सोचता, तालियां बजाता, भावुक होता देखता जा रहा था। आज का दिन ही नहीं यह पूरा महीना हिंदी मीडियम के नाम. (वह महीना जिसमें बाहुबली और Guardians of Galaxie जैसी ब्लॉक बस्टर फ़िल्में भी शामिल है.  🙂

मुसहरों का दुख देखा न गया तो इस लड़की ने कैमरे को बनाया हथियार (देखें डाक्यूमेंट्री)

Abhishek Prakash : नागिन डांस करने वाली लड़की से मिले हैं आप! बोले तो ‘बाबा टाइप लड़की’! ऐसी एक लड़की मिली मुझे। बेपरवाह कान में ईयरफोन लगाए ,मन किया तो जोर-जोर से गाने वाली एक मस्तमौला फ़क़ीरी अंदाज़ वाली लड़की। सच कहूं तो खाप-पंचायत की खोज इन जैसों के भय से ही पूर्व में संस्कृति के ठेकेदारों ने की होगी! पर आप इससे बात करिए।

अविनाश दास की ‘अनारकली’ यशवंत को नहीं आई पसंद, इंटरवल से पहले ही बाहर निकल आए

Yashwant Singh : अनारकली आफ आरा कल देख आया. नोएडा सिटी सेंटर के पास वाले मॉल के सिनेमा हॉल में. इंटरवल से पहले ही फिल्म छोड़कर निकल गया. मेरे साथ एक संपादक मित्र थे. फिल्म बहुत सतही थी. जैसे मीडिया वाले टीआरपी के लिए कुछ भी दिखा देते हैं, पढ़ा देते हैं, वैसे ही सिनेमा वाले बाक्स आफिस के चक्कर में कुछ भी बना देते हैं. याद करिए वो दौर, जब सेमी पोर्न सिनेमा रिक्शे वालों के लिए बना करती थी और वो अच्छी कमाई भी करती थी. इन सिनेमा के बीच बीच में रियल पोर्न क्लिप भी चला दिया जाता था ताकि काम कुंठित दर्शक पूरा पैसा वसूल वाला फील लेकर जाए.

‘अनारकली ऑफ़ आरा’ की फर्स्ट डे कमाई थी दस लाख, इन अखबारों ने छाप दिया दस करोड़ रुपये!

Ashwini Kumar Srivastava : दैनिक भास्कर जैसे हिंदी अख़बार में बड़े पद पर पत्रकार रह चुके अविनाश दास की पहली फिल्म ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप है या सुपर हिट, कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है… पत्रकार से फ़िल्मकार बने अविनाश की फिल्म के बॉक्स ऑफिस आंकड़े न जाने कौन से सूत्रों से मीडिया को मिल रहे हैं कि दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला जैसे अखबारों ने जहाँ उसी दिन रिलीज़ हुई अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘फिल्लौरी’ को ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ के सामने फिसड्डी बता दिया, वहीँ बॉलीवुड में बॉक्स ऑफिस की विश्वसनीय रपट देने वाली वेबसाइट ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ को बॉक्स ऑफिस पर सुपर फ्लॉप और ‘फिल्लौरी’ को औसत करार दे भी चुकी हैं।

अविनाश दास की ‘अनारकली ऑफ आरा’ : पहले दिन गिनती के दर्शक पहुंचे

ये है भोपाल से पत्रकार अमित पाठे का रिव्यू….

रिलीज़ के पहले दिन स्क्रीन ऑडिटोरियम में दर्शक कोई 15-20 ही थे

Amit Pathe : “ये रंडी की ‘ना’ है भिसी (वीसी) साब.” ये वो महत्वपूर्ण डायलॉग है जिसपे फिल्म अनारकली ऑफ आरा पूरी होती है। ये वो ‘ना’ है जो हमने ‘पिंक’ मूवी में मेट्रो सिटी की वर्किंग गर्ल्स का ‘ना’ देखा था। अस्मिता और इज्जत बचाने के लिए नारी का मर्द को कहा जाने ‘ना’। आरा की अनारकली का ‘ना’ भी वैसा ही है। लेकिन बस वो बिहार के आरा की है, ऑर्केस्ट्रा में नाचती-गाती है।

‘अनारकली आफ आरा’ का क्लाइमेक्स 28 बार री-राइट किया गया : अविनाश दास

(फिल्म ‘अनारकली आफ आरा’ की हीरोइन स्वरा भास्कर के साथ फिल्म लेखक और निर्देशक अविनाश दास. फाइल फोटो)

‘अनारकली आफ आरा’ देश भर में 24 मार्च को रीलीज़ हो रही है। ‘नील बटे सन्नाटा’ के बाद स्वरा भास्कर की यह महत्वाकांक्षी सोलो फिल्म है। प्रोमोडोम कम्युनिकेशन्स के बैनर तले बनी इस फिल्म में उसने एक सड़कछाप गायिका का किरदार निभाया है। फिल्म का निर्देशन किया है अविनाश दास ने। अनारकली की कहानी भी उन्होंने ही लिखी है। इससे पहले अविनाश दास प्रिंट और टीवी के पत्रकार रहे हैं। उन्होंने आमिर ख़ान की ‘सत्यमेव जयते’ के लिए भी रिपोर्टिंग की है। ‘अनारकली’ में स्वरा भास्कर के अलावा संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी और इश्तियाक़ ख़ान महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म का अनोखा संगीत रचा है रोहित शर्मा ने, जिन्होंने ‘शिप आफ थिसियस’ में भी संगीत दिया था।