मध्यप्रदेश की साहसिक महिला राजपत्रित अधिकारी ने बरसों धीरज रखने के बाद अपने दाम्पत्य जीवन के कृष्ण पक्ष को सकुचाते हुए सार्वजनिक किया है. इससे संबंधित पोस्ट में जहाँ साहित्यिक गतिविधियों से जुड़े पति के भटकने का सच है वहीं अनजाने ही पत्रकार कोटे के सरकारी मकानों का काला सच एक बार फिर सामने आ गया है. मैं इस काले सच को हाईकोर्ट में जनहित याचिका के मार्फ़त उजागर कर चुका हूं.
गाजियाबाद (उ.प्र.) : बड़े अखबार घराने भी अब किस तरह माफिया तत्वों की तरह अपराध जगत में घुस चुके हैं, इसका एक ताजा वाकया संज्ञान में आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने राजेंद्रनगर (साहिबाबाद) सेक्टर-2 में एस के ठाकुर पुत्र जे एन ठाकुर के आरएच-47 एचआईजी डुपलेक्स फ्लैट पर कब्जा कर लिया है। ठाकुर ने अपना फ्लैट खाली कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है।
मुंबई : तेलुगू अभिनेता नागार्जुन और उनके परिवार के स्वामित्व वाले अन्नपूर्णा स्टूडियोज़ को सार्वजनिक क्षेत्र की दो बैंकों ने अपने कब्ज़े में ले लिया है। स्टार इंडिया, प्रसारण कंपनी मा टीवी के अधिग्रहण के लिए सहमत हो गया है।
(आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने अपनी जनपक्षधरता और जनसक्रियता से उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में एक क्रांति ला दी है. आमतौर पर यूपी पुलिस विभाग के अफसर सत्ता के दबाव और सत्ता के इशारे पर संचालित होते हैं. लेकिन अमिताभ ठाकुर किसी भी जेनुइन मामले को बिना भय उठाते हैं भले ही उससे सीधे सीधे सत्ता के आका लोग निशाने पर आते हों. ऐसे ही एक मामले में आज अमिताभ ठाकुर ने पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए मुहिम शुरू की. पढ़िए इस नए प्रकरण की कहानी उन्हीं की जुबानी. -एडिटर, भड़ास4मीडिया)
आज मैंने एसएसपी, लखनऊ यशस्वी यादव से मुलाकात कर मिर्जापुर, थाना गोसाईंगंज में एमबीएससी ग्रुप के लोगों के आपराधिक कृत्यों तथा उस गांव के पोसलाल पुत्र परीदीन की जमीन को जबरदस्ती खरीदने के प्रयास के बारे में शिकायत दिया. एसएसपी ने एसओ गोसाईंगंज को तत्काल मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. शिकायत के अनुसार एमबीएससी ग्रुप ने बीएससी होम्स नाम से लगभग 170 लोगों से बुकिंग के नाम पर करोड़ो रूपये ले भी लिए हैं जबकि अभी उसके पास न तो आवश्यक जमीन है और न ही उसका नक्शा एलडीए से स्वीकृत है.
Vineet Kumar : p7 न्यूज चैनल बंद हो गया. ये वही न्यूज चैनल है जिसने लांचिंग में अपने एंकरों से रैम्प पर नुमाईश करवायी, शोपीस एंकरिंग को बढ़ावा दिया. पिछले दिनों इसी ग्रुप की पत्रिका बिंदिया और शुक्रवार के बंद हो जाने पर बेहद जरूर सरोकारी मंच के खत्म होने का स्यापा आपने देखा था. पत्रिका सहित ये चैनल क्यों बंद हो गया, ये बार-बार बताने की जरूरत इसलिए पड़ती है कि एक वेंचर बंद होने के वाबजूद दूसरे के बने रहने के दावे मैनेजमेंट की तरफ से ताल ठोंककर दिए जाते हैं..लेकिन सच आपसे और हमसे छिपा नहीं है.
: जन माध्यम के तीन संस्करण चलाते हैं मंजूर अहमद : दूसरे की जमीन को अपने गुर्गे के जरिए बेचा, खुद बने गवाह : ताला तोड़कर अपने पुत्र के मकान पर भी कराया कब्जा, पुलिस नहीं कर रही मुकदमा दर्ज : लखनऊ, पटना व मेरठ से प्रकाशित होने वाले हिन्दी दैनिक समाचार पत्र जन माध्यम मुख्य सम्पादक, 1967 बैच के सेवानिवृत्त आई0पी0एस0 अधिकारी एवं लखनऊ के पूर्व मेयर एवं विधायक प्रत्याशी प्रो0 मंजूर अहमद पर अपने गुर्गे के जरिए दूसरे की जमीन को बेचने व खुद गवाह बनने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। प्रो0 मंजूर अहमद के इस फर्जीवाड़े का खुलासा खुद उनके पुत्र जमाल अहमद ने किया।