एसएमबीसी इनसाइट- चैनल एक, दावेदार अनेक… सो रहे हैं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अफसर

नई दिल्ली । अक्सर ऐसी खबरें सुनने और पढ़ने में आती रहती है जब कोई दलाल या जमीन मालिक एक ही प्लॉट कई लोगों को धोखे में रखकर बेच डालता है और फिर जब उनमें से कोई एक प्लॉट की चारदीवारी कराना शुरू करता है तो प्लॉट के दूसरे मालिक भी अपने अपने कागज लेकर सामने आ खड़े होते हैं। लेकिन तब तक जमीन मालिक या दलाल उनका पैसा लेकर रफूचक्कर हो चुका होता है। लेकिन क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि टीवी चैनलों की दुनिया में भी इन दिनों ऐसा खेल खूब चल रहा है। सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। कहने को सरकार ने न्यूज चैनलों का लाइसेंस देने के लिए कड़े नियम कानून बना रखे हैं लेकिन मंत्रालय में सक्रिय दलालों और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ न्यूज चैनलों का लाइसेंस ऐसे लोगों के हाथों में चला आया है, जिनके ऊपर कई संगीन आरोप हैं। आश्चर्य नहीं, अगर कभी यह खबर सामने आये कि किसी चैनल का संचालन कोई अंडरवर्ल्ड का डॉन कर रहा है।

सन टीवी लाइसेंस : मारन भाइयों के सामने मालिकाना हक छोड़ने की चुनौती

सन टीवी नेटवर्क के पास 33 सेटलाइट चैनल हैं। इसके प्रमोटर कलानिधि मारन पूर्व मंत्री दयानिधि मारन के भाई हैं। गृह मंत्रालय ने सन टीवी नेटवर्क को चैनल के लाइसेंस नवीनीकरण पर अब शर्त लगा दी है कि इस समय मुकदमों में फंसे दोनो भाई इसका मालिकाना हक छोड़ दें।  

निरस्त हो सकते हैं सन टीवी के 33 चैनलों के लाइसेंस

नयी दिल्ली : कलानिधि मारन के सन टीवी नेटवर्क के 33 टीवी चैनलों को सुरक्षा संबंधी मंजूरी देने के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ठुकरा दिया है। इससे इन चैनलों के लाइसेंस निरस्त हो सकते हैं। यह फैसला मारन और उनके भाई एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों से प्रभावित माना जा रहा है।