संघियों की संकीर्ण मानसिकता देखिए

Priyabhanshu Ranjan : संघियों की संकीर्ण मानसिकता देखिए… ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के 75 साल पूरे होने के मौके पर RSS के प्रचारक रहे भाजपा नेता नरेंद्र मोदी ने हमेशा की तरह अपने भाषण (लफ्फाजी) में जवाहर लाल नेहरू का कहीं कोई जिक्र नहीं किया। न ही इशारों में कुछ कहा कि आजादी की लड़ाई में नेहरू का भी योगदान था। मोदी ने अपने भाषण में इस बात का भी जिक्र करना जरूरी नहीं समझा कि ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के बंबई अधिवेशन में 8 अगस्त 1942 को पारित हुआ था। भला, अपने मुंह से कांग्रेस का नाम कैसे ले लेते ‘साहेब’?

अमित शाह की संपत्ति और स्मृति इरानी की डिग्री वाली खबरें टीओआई और डीएनए से गायब!

Priyabhanshu Ranjan : स्मृति ईरानी भी कमाल हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव के वक्त अपने हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता B.A बताती हैं। 2017 के राज्यसभा चुनाव में अपने हलफनामे में खुद को B. Com. Part 1 बताती हैं। 2011 के राज्यसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने खुद को B. Com. Part 1 ही बताया था। बड़ी हैरानी की बात है कि 2004 में खुद को B.A बताने वाली स्मृति जी 2011, 2014 और 2017 में खुद को B. Com. Part 1 बताती हैं।

पत्रकारों का हक नहीं दिला पाएगी मोदी सरकार, वजह बता रहे पीटीआई के पत्रकार प्रियभांशु रंजन

Priyabhanshu Ranjan : पत्रकारों का हक दिला पाएगी मोदी सरकार? कल मैंने लिखा था कि श्रम मंत्रालय का एकमात्र काम EPF की ब्याज दरें घटाना-बढ़ाना रह गया है। लगता है मेरी बात श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को चुभ गई। बंडारू साहब ने आज बयान दिया है कि मोदी सरकार न्यूज़ चैनलों और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को भी Working Journalists Act के दायरे में लाने के कदम उठा रही है और जरूरत पड़ी तो कानून में संशोधन किया जाएगा। अभी Working Journalists Act के दायरे में सिर्फ प्रिंट मीडिया के पत्रकार आते हैं।

दैनिक जागरण पर चुनाव आयोग द्वारा मुकदमा कराए जाने की बड़ी खबर न्यूज चैनल दबा गए!

Priyabhanshu Ranjan : दैनिक जागरण ने कानून को ठेंगा दिखाकर अपनी वेबसाइट पर Exit Poll प्रकाशित किया, लेकिन चैनलों ने जागरण की खिंचाई करने वाली कोई खबर नहीं दिखाई। चुनाव आयोग ने जागरण की करतूत का ‘संज्ञान’ लिया, लेकिन चैनल चुप रहे।

चीन के दबाव में झुकी 56 इंच के सीने वाली सरकार!

Priyabhanshu Ranjan : तो क्या वाकई चीन के दबाव में झुक गई 56 इंच के सीने वाली मोदी सरकार? पिछले दिनों खबर आई कि UN में आतंकवादी मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने के भारत के प्रस्ताव पर चीन की ओर से अड़ंगा (Veto) लगाए जाने के जवाब में मोदी सरकार ने चीन के विद्रोही उइगुर नेता Dolkun Isa को भारत आने का वीजा दिया है ताकि वो यहां चीन के विद्रोही नेताओं (Dissident Leaders) की बैठक में शिरकत कर सके।