दया शंकर शुक्ल सागर –
यूपी में हालात अभी और बिगड़ने वाले हैं. नीति आयोग ने कल मोदीजी को बताया कि मई में कोई हैरत नहीं कि करीब एक लाख नए केस रोज सामने आएं. अभी यूपी में रोजाना 35000 नए केस आ रहे हैं. सौभाग्यशाली होंगे हम कि नीति आयोग गलत साबित हो. पैंतीस हजार में ये हाल है तो जब एक लाख नए संक्रमित रोज आएंगे तो क्या होगा? मैं तो कल्पना करके सिहर उठता हूं.
देश अंति-राष्ट्रवाद और अधिनायकवाद के नतीजे देख रहा है. यूपी में बिला वजह पंचायत चुनाव करा दिए गए. अब खबर है कि गांव-गांव में कोरोना फैल रहा है. चार से आठ फीसदी नए संक्रमित गांव से आ रहे हैं. आपको याद होगा दिल्ली में तबलीगी जमात पर किस तरह बवाल मचा था. वो कोई तीन चार हजार मुस्लिम श्रद्धालु थे.
मीडिया ने पूरे देश को मुसलमानों का दुश्मना बना दिया था. लेकिन हरिद्वार में कुंभ हुआ और लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. लेकिन मीडिया ने चू तक नहीं किया. कुंभ से कई अपने साथ घर कोरोना लेकर लौटे. और नतीजा सामने है. जो बेचारे डर के मारे हरिद्वार नहीं गए अब उनकी अस्थियां लोटे में लाल कपड़े से ढ़क कर हरिद्वार जा रही हैं.
बंगाल में कोरोना का विकराल रूप शायद नतीजे आने के बाद दिखाई दे. लाशों पर राजनीति कैसे की जाती है इसका शाब्दिक अर्थ शायद अब जनता के सामने आए. जब चुनाव में लगे रहे और कोरोना अपने पांव पसारने लगा. जब आक्सीजन की सप्लाई का इंतजाम करना चाहिए था तब सब रैलियों के इंतजाम में व्यस्त थे. जो टीवी पर आम जनता को डेढ मीटर की दूरी बनाने का संदेश देते थे. वे ही एक के ऊपर एक टूटे लोगों की भीड़ का जनसैलाब देखकर गदगद थे.
चुनाव आयोग केन्द्र का बबुआ बना था. क्या मजाल की वो इन रैलियों पर रोक लगाए. दिल्ली के केजरीवाल आक्सीजन के लिए अब उद्योगपतियों को पत्र लिख रहे हैं जब दिल्ली के अस्पतालों में त्राहि माम मचा है. सच तो ये है कि इन सारे राजनीतिज्ञों पर आपराधिक मुकदमा चलाना चाहिए.
आज सारी दुनिया में विश्वगुरू बेचारा बन गया है. पाकिस्तान जैसा टुजपुजियां देश मदद के लिए हाथ बढ़ा कर आपको चिढा रहा है. फर्जी राष्ट्रवाद का गमछा सिर पर बांधिए और जोर से बोलिए भारत…माता की जय.