ओम थानवी प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक जनसत्ता के संपादक हैं. बेहद तार्किक और जनपक्षधर पत्रकार माने जाते हैं. सत्ता की भाषा के खिलाफ जनता की भाषा कहने बताने लिखने के लिए जाने जाते हैं. वे अक्सर कई टीवी चैनलों पर परिचर्चाओं में दिख जाते हैं. उनके विरोधी भी उनकी तार्किकता और तथ्यपरकता के कायल हैं. पर जबसे मोदी सरकार केंद्र में आई है तभी से ओम थानवी को सरकारी टीवी चैनल दूरदर्शन ने ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. ओम थानवी ने खुद इसका खुलासा अपने फेसबुक वॉल पर किया है. पढ़िए, वे क्या लिखते हैं…
#omthanvi
Om Thanvi : दूरदर्शन वाले अब हमें नहीं बुलाते। दो-ढाई महीने से। हालांकि यह मत सोचिएगा कि मुझे उनकी याद सता रही है; जाता था तब भी उन्हीं की गरज पूरी करता था। तीन-चार चैनल अब भी रोज बुलाते हैं; रोज तो नहीं पर जब-तब किसी चैनल पर हो आता हूँ अगर उस शाम कहीं नाटक, सिनेमा, भोज, समारोह आदि में न जाना हो। यानी अपनी सुविधा से। पता चला है कि एक-दो मित्र और हैं जिन्हें पहले हर दूसरे दिन दूरदर्शन के समाचार विभाग से विचार-विमर्श के लिए बुलावा आता था। अब उनकी भी जरूरत वहां सिरे से गैर-जरूरी हो चली है। यानी वे भी काली सूची में दर्ज हुए! मोदी सरकार आलोचकों से डरती है क्या? या वे सोचते हैं देर-सबेर हम भी तस्लीम की खू डालेंगे?
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Comments on “मोदी राज आने के बाद ओम थानवी को परिचर्चा के लिए नहीं बुलाता दूरदर्शन”
Om Thanwi ji ji ne congress ke raj me bahut maza kiya h une kon nahi janta vo vampanthi hone ki notanki karte h aur gandhi parivar ke gungan, ab din badal gaye so call secular jamat me badi becheni ho rahi h unki becheni samjhi ja sakti h
ओम थानवी को क्यों बुलायेगें , थानवी साहब ठहरे वामपंथी , हमेसा भाजपा और मोदी (छमा करियेगा मोदी और भाजपा कि – मोदी जी भाजपा से बड़े हो गए हैं ) की बखिया जो उधेरते रहते हैं .. हो सकता है कि निजी चैनल वाले भी थानवी जी को न बुलाएं…कुछ दिन बाद अवधेश प्रधान, अभय कुमार दुबे,उर्मिलेश और शरद प्रधान को भी न बुलाया जाय ….
थानवी जी दूरदर्शन के लिए तरस रहे होंगे। वह वामपंथी भी हैं, पहली बार पता चला है, इस तरह के वामपंथी…:)