आबकारी विभाग में लखनऊ से लेकर नोएडा तक में भ्रष्ट अफसरों की तैनाती है. विशेष सचिव आबकारी आईपी पांडेय के करप्शन का खेल उजागर हुआ. अपनी मलाईदार पोस्टिंग के लिए एक दलाल से करोड़ों की डील की थी. पंद्रह लाख रुपये पेशगी दिला भी दिए थे. इसका खुलासा पत्रकार प्रवीण साहनी के यूट्यूब चैनल ‘रा : राजनीति’ पर चले एक आडियो से हुआ. नोएडा में भी आबकारी विभाग में भ्रष्ट अफसर तैनात हैं जिनके संरक्षण में शराब ठेकों पर प्रिंट रेट से ज्यादा दाम लेकर शराब की बिक्री की जा रही है. यह खेल वर्षों से चल रहा है. लोग योगीराज में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाए जाने का दावा भले कर रहे हों लेकिन आबकारी विभाग के लखनऊ और नोएडा के भ्रष्ट अफसरों का उदाहरण सामने आने के बाद अब ये कौन नहीं कहेगा कि पूरा सिस्टम ही भ्रष्ट दिख रहा है.
पढ़िए लखनऊ के आबकारी विभाग वाले अफसर के कारनामे का साइड इफेक्ट….
- सवा करोड़ में पोस्टिंग कराने के लिए रिश्तेदार से 15 लाख दिलाने वाले आईएएस विशेष सचिव आबकारी आईपी पांडेय राजस्व परिषद में सम्बद्ध… ऑडियो वायरल होने के बाद एसटीएफ ने दलाल पीयूष अग्रवाल, गौरीकांत दीक्षित व कमलेश को किया था गिरफ्तार. एसटीएफ ने शासन को भेजी थी आईएएस की रिपोर्ट.
- विशेष सचिव आबकारी आईपी पांडेय का निलंबन क्यों नहीं? वायरल आडियो में दलाल पीयूष ने सीएम ऑफिस के कई अफसरों से संबंध होने और चार पांच दिन में पोस्टिंग कराने का किया था दावा. सरकार ने कार्रवाई के नाम पर आईएएस को सिर्फ अटैचमेंट किया, बाकियों पर मेहरबानी क्यों?
- प्रवीण साहनी के यूट्यूब चैनल “रा: राजनीति” की खबर का असर जारी… शासन ने सवा करोड़ में ट्रांसफर की डील करने वाले IAS को हटाया… ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में शामिल फ़र्ज़ी पत्रकार के बाद 2 अन्य गिरफ्तार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश शासन ने सवा करोड़ रुपये में अपना ट्रांसफर लखनऊ विकास प्राधिकरण में कराने की डील करने वाले आईएएस आईपी पांडेय पर आखिरकार गाज गिर ही गयी। आईपी पांडेय को राजस्व परिषद से सम्बद्ध कर दिया गया है। आईपी पांडेय विशेष सचिव आबकारी के पद पर थे। आई पी पांडेय के एक रिश्तेदार कमलेश और पत्रकारिता की आड़ में दलाली करने वाले शख्स पीयूष अग्रवाल का डॉनसे संबंधित एक ऑडियो “रा: राजनीति” चैनल पर चलने के बाद शासन स्तर से ये तीसरी बड़ी कार्यवाई है।
इस मामले में सबसे पहले एसटीएफ ने दलाल पीयूष अरेस्ट को किया था। उसके बाद एक बिचौलिये गौरीकांत दीक्षित और आईएएस के रिश्तेदार कमलेश को किया अरेस्ट किया गया। ट्रांसफर पोस्टिंग के इस खेल में शामिल तीनो अभियुक्तों से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने शासन को IAS आईपी पांडेय के खिलाफ एक रिपोर्ट भी भेजी थी। माना जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर विशेष सचिव आबकारी के पद पर तैनात आईएएस आईपी पांडेय को हटा कर राजस्व परिषद से अटैच कर दिया गया है।
काबिलेगौर है कि नोएडा से संचालित डिजिटल चैनल “रा: राजनीति” पर गाज़ियाबाद के एक दलाल की खबर दिखाई गई थी। इस खबर में पीयूष अग्रवाल नाम के एक शख्स को एक आईएएस को मनचाही पोस्टिंग दिलाने के लिए दलाली करते दिखाया गया था। खबर ट्रांसफर पोस्टिंग की दलाली के एक ऑडियो पर आधारित थी जिसमें आईएएस के रिश्तेदार और दलालनक बीच बात चीत हो रही है। दलाली की रकम सवा करोड़ रुपये तय हुई थी जिसमें से पेशगी के तौर पर 15 लाख रुपए की अदायगी भी हो गयी थी। इस दलाली का पर्दाफाश दिग्गज़ पत्रकार प्रवीण साहनी ने अपने डिजिटल चैनल “रा: राजनीति” पर किया था।
जिस दौर में किसी ख़बर में सरकार का नाम आ जाने से बड़े बड़े पत्रकार और पत्रकारों को पसीना छूट जाता है और ख़बर को ड्राप कर दिया जाता है, उस दौर में दिग्गज़ पत्रकार प्रवीण साहनी ने अपने चैनल “रा: राजनीति” में दलाली की एक ऐसी सच्चाई दिखाई जिसकी तपिश लखनऊ तक पंहुची तो हल्ला भी मचा। खबर में एक दलाल सरकार की छवि को तार-तार करता दिखाई और सुनाई दिया तो सरकार भी हरक़त में आई। सरकार ने “रा: राजनीति” की खबर को गंभीरता से लिया और STF से मामले की जांच कराई। एसटीएफ ने मामले की जांच के बाद आज सरकार की छवि दागदार करने वाले दलाल पीयूष अग्रवाल को गिरफ़्तार कर लिया। एसटीएफ के मुताबिक पीयूष अग्रवाल ख़ुद को डीडी न्यूज़ का पत्रकार बताता था। उसके कब्जे से डीडी न्यूज़ का एक आई कार्ड भी बरामद हुआ था जो फ़र्ज़ी पाया गया था। उसके बाद कमलेश और गौरिकान्त दीक्षित को भी STF ने गिरफ्तार कर लिया था।
यूट्यूब चैनल ‘रा : राजनीति’ के संचालक पत्रकार प्रवीण साहनी कहते हैं- ”उत्तरप्रदेश में समाचार प्लस चैनल में बतौर कार्यकारी संपादक के रूप में मैंने भ्रष्टाचारियों के कई खुलासे किए। अनगिनत खूंखार अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। लगभग एक साल से चैनल की दुनिया से दूर रहते हुए भी मैं अपने मिशन से एक पग भी नहीं भटका। वर्तमान में यूपी न्यूज वेबसाइट संचालित कर रहा हूं। अपने यूट्यूब चैनल “राजनीति” में ट्रांसफर/पोस्टिंग के ऑडियो क्लिप को मैंने बेखौफ होकर प्रमुखता के साथ सबसे पहले चलाया। मेरी इस एक्सक्लूसिव खबर से यूपी के प्रशासनिक महकमे में भूकंप आ गया। जिस खबर को चलाने में दिग्गज चैनलों के हाथ-पांव फूल गए उसे मैंने निडरता के साथ झोंके रखा जिसके बाद सरकार जागी और पूरे मामले की जांच कराने के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया। मेरे इस खुलासे के बाद आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के निर्देशन में एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में दलाल पीयूष अग्रवाल की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर गिरफ्तारी की गई। अब आइएएस पर भी एक्शन हुआ है। मतलब कि मेरे यूट्यूब चैनल की खबर का असर होने का क्रम जारी है। अच्छा लगता है जब आपकी सच्ची मेहनत और अच्छी कोशिश रंग लाती है।इस लड़ाई में मेरा साथ देने वाले साथी पत्रकारों का आभार।”
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